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UDH विभाग ने जयपुर में 70 मीटर और 6 शहरों में 32 मीटर ऊंची इमारतों को दी हरी झंडी...HC ने लगाई थी रोक

राज्य सरकार की ओर से एएचएलपी खरीदने की प्रक्रिया के दौरान ही अब 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है. यूडीएच विभाग के आदेश के बाद अब प्रदेश के प्राधिकरण और निकाय इसके लिए स्वीकृति दे सकेंगे. बीते साल उच्च न्यायालय ने 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माण पर रोक लगा दी थी. इसका कारण बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधनों का अभाव बताया गया था.

UDH Department Multi-storeyed,building in jaipur
यूडीएच विभाग ने राजधानी में 70 मीटर और 6 शहरों में 32 मीटर ऊंची इमारतों को दी हरी झंडी
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Published : Nov 27, 2020, 9:55 PM IST

जयपुर: अब राजधानी सहित प्रदेश के 7 शहरों में 32 मीटर से ऊंची इमारतों का निर्माण हो सकेगा. यूडीएच विभाग के आदेश के बाद अब प्रदेश के प्राधिकरण और निकाय इसके लिए स्वीकृति दे सकेंगे. राजधानी जयपुर में जहां 70 मीटर, तो वहीं जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा. जिसका कारण यहां 32 मीटर ऊंची एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म की उपलब्धता बताई जा रही है.

हालांकि, भवन विनियम 2020 के अनुसार जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 40 मीटर से अधिक ऊंचाई के निर्माण के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. वहीं, नगर विकास न्यास और निकाय क्षेत्रों में 30 मीटर से अधिक ऊंचाई के मानचित्रों का अनुमोदन राज्य सरकार की स्वीकृति से होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिए प्राधिकरण निगम क्षेत्र में 40 मीटर, नगर विकास न्यास और अन्य स्थानीय निकायों के क्षेत्र में 30 मीटर की ऊंचाई के भवन मानचित्र अनुमोदन के लिए एंपेनल्ड आर्किटेक्ट अधिकृत होंगे. आदेशों में ये भी स्पष्ट लिखा गया है कि संभागीय मुख्यालय वाले शहर जहां एएचएलपी नहीं आए हैं, वो आवेदक से शपथ पत्र लेंगे.

पढ़ें- RUHS अस्पताल में मौत का मामला : दावे कुछ और हकीकत कुछ और...सुनिये परिजनों ने क्या कहा

जिसमें ये लिखना होगा कि 32 मीटर से अधिक निर्माण तभी करेंगे जब एएचएलपी आ जाएगी. जबकि राजधानी में 70 मीटर ऊंची एएचएलपी खरीद की प्रक्रिया चल रही है, जो मार्च तक जयपुर आ जाएगी. ऐसे में यहां अब 70 मीटर की ऊंचाई तक इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा.

आपको बता दें कि उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई 2019 को 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माणों पर रोक लगा दी थी. बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने की वजह से न्यायालय ने यह रोक लगाई थी.

जयपुर: अब राजधानी सहित प्रदेश के 7 शहरों में 32 मीटर से ऊंची इमारतों का निर्माण हो सकेगा. यूडीएच विभाग के आदेश के बाद अब प्रदेश के प्राधिकरण और निकाय इसके लिए स्वीकृति दे सकेंगे. राजधानी जयपुर में जहां 70 मीटर, तो वहीं जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा. जिसका कारण यहां 32 मीटर ऊंची एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म की उपलब्धता बताई जा रही है.

हालांकि, भवन विनियम 2020 के अनुसार जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 40 मीटर से अधिक ऊंचाई के निर्माण के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. वहीं, नगर विकास न्यास और निकाय क्षेत्रों में 30 मीटर से अधिक ऊंचाई के मानचित्रों का अनुमोदन राज्य सरकार की स्वीकृति से होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री जन आवास योजना के लिए प्राधिकरण निगम क्षेत्र में 40 मीटर, नगर विकास न्यास और अन्य स्थानीय निकायों के क्षेत्र में 30 मीटर की ऊंचाई के भवन मानचित्र अनुमोदन के लिए एंपेनल्ड आर्किटेक्ट अधिकृत होंगे. आदेशों में ये भी स्पष्ट लिखा गया है कि संभागीय मुख्यालय वाले शहर जहां एएचएलपी नहीं आए हैं, वो आवेदक से शपथ पत्र लेंगे.

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जिसमें ये लिखना होगा कि 32 मीटर से अधिक निर्माण तभी करेंगे जब एएचएलपी आ जाएगी. जबकि राजधानी में 70 मीटर ऊंची एएचएलपी खरीद की प्रक्रिया चल रही है, जो मार्च तक जयपुर आ जाएगी. ऐसे में यहां अब 70 मीटर की ऊंचाई तक इमारतों का निर्माण किया जा सकेगा.

आपको बता दें कि उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई 2019 को 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माणों पर रोक लगा दी थी. बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने की वजह से न्यायालय ने यह रोक लगाई थी.

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