जयपुर. रेवेन्यू बोर्ड के 2 आरएएस अधिकारी और एक दलाल को गिरफ्तार करने के बाद प्रकरण में राजस्थान एसीबी रेवेन्यू बोर्ड के कुछ अन्य लोगों की भूमिका के संबंध में भी जांच कर रही है. एसीबी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में फैसले के बदलने की एवज में दलाल के जरिए मोटी राशि लेने की सूचना 5 महीने पहले एसीबी को लगी थी. उसके बाद से ही एसीबी मुख्यालय की इंटेलिजेंस टीम अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में चल रहे गोरखधंधे का खुलासा करने में जुट गई. रेवेन्यू बोर्ड के अनेक अधिकारियों व कर्मचारियों पर सर्विलांस के जरिए नजर रखना शुरू किया.
अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए एसीबी मुख्यालय की इंटेलिजेंस टीम ने 5 महीने के दौरान हजारों फोन कॉल सुनी, जिसमें रेवेन्यू बोर्ड के अधिकारियों की ओर से दलाल के माध्यम से घूस लेकर फैसले बदलना प्रमाणित पाया गया. इसके बाद पिछले 15 दिन से एसीबी मुख्यालय की एक टीम अजमेर में रेवेन्यू बोर्ड के अधिकारियों और दलाल पर निगरानी रखने लगी. वहीं, शनिवार देर रात को एसीबी टीम की ओर से कार्रवाई को अंजाम देते हुए रेवेन्यू बोर्ड के दो आरएएस अधिकारी बीएल मेहरड़ा और सुनील शर्मा पर नकेल कसते हुए छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
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इसके साथ ही दलाल शशिकांत के आवास पर भी एसीबी द्वारा सर्च किया गया. सर्च की कार्रवाई के दौरान दलाल और दोनों अधिकारियों के आवास से 90 लाख रुपए से अधिक का कैश बरामद हुआ है. फिलहाल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एसीबी मुख्यालय लाया गया है, जिन्हें रविवार दोपहर बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमांड मांगा जाएगा. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में एसीबी की जांच अभी जारी है और कुछ अन्य लोगों पर भी एसीबी द्वारा शिकंजा कसा जा सकता है.