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जयपुर: मकर संक्रांति पर घायल हुए 56 परिंदों का किया उपचार, स्वस्थ होने पर उड़े खुले आसमानों में

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी में घायल हुए 50 से ज्यादा परिंदों का रक्षा संस्थान, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में उपचार किया गया. उपचार के बाद स्वस्थ हुए परिंदों को खुले आसमान में छोड़ा गया है.

घायल पक्षियों का इलाज, Treatment of Injured Birds
स्वस्थ होने पर पक्षियों को छोड़ा आसमान में
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Published : Jan 27, 2021, 2:18 PM IST

जयपुर. मकर संक्रांति के मौके पर हुई पतंगबाजी के दौरान घायल हुए 56 परिंदों का रक्षा संस्थान, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ के संयुक्त तत्वावधान में उपचार किया गया. उपचार के बाद स्वस्थ हुए परिंदों को खुले आसमान में छोड़ा गया है. यह सभी परिंदे मकर संक्रांति के मौके पर हुई पतंगबाजी में मांझे से घायल हुए थे.

स्वस्थ होने पर पक्षियों को छोड़ा आसमान में

रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल ने बताया कि जिन 56 परिंदों को स्वस्थ होने पर छोड़ा गया है उनमें अधिकतर कबूतर हैं. इसके अलावा मांझे से घायल हुए तीन मोर, 1 तीतर, 1 ग्रेटर कूकल, 1 इंडियन रोबिन, 4 चील, 2 बार्न आउल, दो टिटहरी और एक वाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन को भी प्राकृतिक आवास में रिलीज किया गया है.

घायल पक्षियों का इलाज, Treatment of Injured Birds
50 से ज्यादा परिंदों का किया इलाज

पढ़ेंः टोंक में भीषण सड़क हादसा, मध्यप्रदेश निवासी एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत

रोहित गंगवाल का कहना है कि बीते 17 साल में यह पहला मौका है जब इस बार कम संख्या में पक्षी पतंगबाजी में घायल हुए हैं. उनका कहना है कि जागरूकता कार्यक्रम के चलते इस बार कम पतंगबाजी हुई.

घायल पक्षियों का इलाज, Treatment of Injured Birds
56 परिंदों का किया उपचार

इसके चलते घायल परिंदों की संख्या में कमी आई है. उनका कहना है कि इस साल कोविड-19 के साथ ही बर्ड फ्लू का भी खतरा रहा. इसके चलते घायल पक्षियों का रेस्क्यू और ट्रीटमेंट करने वाले स्टाफ ने पीपीई किट पहनकर काम किया.

पढ़ेंः डूंगरपुर: गेंहू से भरा ट्रोला पलटने से 2 घायल, आधे घंटे तक फंसे खलासी को क्रेन की मदद से निकाला गया बाहर

रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल का कहना है कि इस साल 1 जनवरी से अब तक 328 घायल पक्षियों को रेस्क्यू किया गया है. इनमें 85 फीसदी कबूतर हैं. डॉ. अरविंद माथुर, डॉ. अशोक तंवर, डॉ. राकेश मिश्रा, डॉ. ऊष्मा पटेल, डॉ. चेतन और डॉ. अशोक के नेतृत्व में करीब 123 पक्षियों के ऑपरेशन किए गए.

जयपुर. मकर संक्रांति के मौके पर हुई पतंगबाजी के दौरान घायल हुए 56 परिंदों का रक्षा संस्थान, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ के संयुक्त तत्वावधान में उपचार किया गया. उपचार के बाद स्वस्थ हुए परिंदों को खुले आसमान में छोड़ा गया है. यह सभी परिंदे मकर संक्रांति के मौके पर हुई पतंगबाजी में मांझे से घायल हुए थे.

स्वस्थ होने पर पक्षियों को छोड़ा आसमान में

रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल ने बताया कि जिन 56 परिंदों को स्वस्थ होने पर छोड़ा गया है उनमें अधिकतर कबूतर हैं. इसके अलावा मांझे से घायल हुए तीन मोर, 1 तीतर, 1 ग्रेटर कूकल, 1 इंडियन रोबिन, 4 चील, 2 बार्न आउल, दो टिटहरी और एक वाइट ब्रेस्टेड वाटर हेन को भी प्राकृतिक आवास में रिलीज किया गया है.

घायल पक्षियों का इलाज, Treatment of Injured Birds
50 से ज्यादा परिंदों का किया इलाज

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रोहित गंगवाल का कहना है कि बीते 17 साल में यह पहला मौका है जब इस बार कम संख्या में पक्षी पतंगबाजी में घायल हुए हैं. उनका कहना है कि जागरूकता कार्यक्रम के चलते इस बार कम पतंगबाजी हुई.

घायल पक्षियों का इलाज, Treatment of Injured Birds
56 परिंदों का किया उपचार

इसके चलते घायल परिंदों की संख्या में कमी आई है. उनका कहना है कि इस साल कोविड-19 के साथ ही बर्ड फ्लू का भी खतरा रहा. इसके चलते घायल पक्षियों का रेस्क्यू और ट्रीटमेंट करने वाले स्टाफ ने पीपीई किट पहनकर काम किया.

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रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल का कहना है कि इस साल 1 जनवरी से अब तक 328 घायल पक्षियों को रेस्क्यू किया गया है. इनमें 85 फीसदी कबूतर हैं. डॉ. अरविंद माथुर, डॉ. अशोक तंवर, डॉ. राकेश मिश्रा, डॉ. ऊष्मा पटेल, डॉ. चेतन और डॉ. अशोक के नेतृत्व में करीब 123 पक्षियों के ऑपरेशन किए गए.

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