जयपुर. परिवहन निरीक्षक संघ ने परिवहन आयुक्त के द्वारा जारी किए गए नोटिस की कार्रवाई का विरोध जताते हुए बुधवार को आयुक्त से मुलाकात कर नोटिस वापस लेने की मांग की है. जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में सरकार की ओर से बसों का टैक्स माफ कर दिया गया है.
वहीं केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार परिवहन विभाग ने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन लाइसेंस परमिट की तारीख को भी आगे बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है. जिसके बाद भी वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. जिसको लेकर बीते दिनों परिवहन आयुक्त रवि जैन के द्वारा 17 परिवहन निरीक्षकों को नोटिस जारी किया गया था.
जिसके बाद बुधवार को निरीक्षकों ने उसका विरोध जताया और परिवहन आयुक्त से मुलाकात भी की है. ऐसे में परिवहन निरीक्षक के सामने इस संकट काल में रेवेन्यू जनरेट करना एक बड़ी परेशानी हो रही है. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने निरीक्षकों की मांग को लेकर कहा कि, कोरोना संक्रमण के बाद विभागीय कार्रवाई में ढिलाई बरतने के चलते निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
आयुक्त ने कहा कि सभी निरीक्षकों को उनके 7 दिन के कार्यकाल को देखते हुए उनको नोटिस जारी किया गया है. आयुक्त ने कहा कि परिवहन विभाग में रेवेन्यू जेनरेट करने में काफी ढिलाई बरती जा रही थी. ऐसे में मौके का जायजा लेकर परिवहन निरीक्षक की कार्रवाई में ढिलाई को देखते हुए उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं.
आयुक्त ने कहा कि यह नोटिस कोई 17 सीसी की नहीं है, यह नोटिस काम में तेजी लाने के लिए निरीक्षकों को दिए गए हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जनरेट कर सरकार को दिया जा सके. क्योंकि परिवहन विभाग सरकार का रेवेन्यू देने वाला विभाग है और यह विभाग राजस्थान में 5वें स्थान पर आता है.
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वहीं परिवहन निरीक्षक संघ ने परिवहन आयुक्त से मांग की है, कि विभाग की इस तरह नोटिस की कार्रवाई से परिवहन निरीक्षक तनाव में आ रहे हैं. क्योंकि अब मुख्य सचिव खुद मानते हैं, कि इस कोरोना वायरस चलते राजस्व अर्जित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है.