जयपुर. कोरोना का कहर देश और दुनिया पर है. कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है. लोगों के रोजगार छूट गए हैं. कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर देखने को मिला है. राजस्थान में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय एक मुख्य व्यवसाय है जो कोविड-19 कहर के चलते ठप्प हो गया है. 8 मई से राजस्थान सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown in rajasthan) के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में गिरावट देखने को मिली है. जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन (Jaipur Transport Operator Association) की ओर से एक राहत पैकेज की मांग लगातार की जा रही है.
एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि कोविड-19 के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवसाय (transport business) ठप्प हो गया है. व्यवसाय में काम करने वाले कई लोगों के रोजगार भी छूट गए हैं, तो कई लोग कोविड-19 की वजह से अपना रोजगार छोड़ कर चले गए हैं.
अनिल आनंद ने बताया कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की बात की जाए तो लॉकडाउन के दौरान रोजाना 70 से 80 करोड़ रुपए का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. पूरे व्यवसाय की बात की जाए तो 1 महीने के दौरान 400 से 500 करोड़ के मध्य तक का व्यवसाय राजस्थान में प्रभावित हुआ है.
आनंद ने बताया कि कोरोना के दौरान करीब 70% गाड़ियां खड़ी हो गई थी. व्यवसाय नहीं होने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. आनंद ने बताया कि एक ट्रक से करीब 10 से 15 लोगों का परिवार चलता है. ऐसे में कोविड-19 से कई लोगों के रोजगार भी छूट गए हैं.
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उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान हुए नुकसान को भरने के लिए परिवहन विभाग गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और उनके इंश्योरेंस को 6 महीने के लिए आगे बढ़ाए जिससे मोटर मालिकों को राहत मिल सके और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय दोबारा से पटरी पर लौट सके. आनंद से कहा कि 6 महीने से ज्यादा समय तक गाड़ियां खड़ी रही है, सड़कों पर चली नहीं है और सरकार टैक्स ले रही है जो कि बिल्कुल गलत है, ऐसे में सरकार को ट्रांसपोर्टर्स को राहत देनी चाहिए और गाड़ियों की वैधता को 6 महीने तक आगे बढ़ाना चाहिए.