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जयपुर रेलवे पर कोरोना संक्रमण का लगा ग्रहण...ट्रेनें दौड़ रही खाली

बढ़ते कोरोना का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. जिसका सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिल रहा है. जहां जयपुर में सोमवार को कोविड की वजह से कुछ ट्रेने खाली दौड़ रही हैं. इसी के तहत सीकर से लोहारू के लिए उत्तर-पश्चिम रेलवे की ओर से डेमू ट्रेन संचालित की गई थी. जहां करीब 420 यात्री क्षमता कि इस ट्रेन में महज 3 यात्री ही मौजूद थे. वहीं, 2 घंटे 45 मिनट तक ट्रेन खाली ही दौड़ती रही.

जयपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज, rajasthan news, jaipur news
कोरोना काल में जयपुर में ट्रेने चल रही खाली
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Published : Apr 26, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर. कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसका असर ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं, हवाई और रेल यातायात एक बार फिर बीते साल की स्थिति में जा पहुंचे हैं. हालांकि बीते साल लॉकडाउन के चलते इन दोनों ही ट्रांसपोर्टेशन को बंद कर दिया था. लेकिन अभी हवाई यातायात को आमजन की सुविधा के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही है. लेकिन बढ़ रहे कोविड-19 के केस को देखते हुए अब आमजन खुद ही ट्रेनों से यात्रा करने में डर रहे हैं.

बता दें कि सीकर से लोहारू के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से डेमू ट्रेन संचालित की गई थी. ट्रेन संचालित हुई तो रनिंग स्टाफ के लिए यह एक बड़े आश्चर्य की स्थिति भी बन गई. जहां करीब 420 यात्री क्षमता कि इस ट्रेन में महज 3 यात्री ही मौजूद थे. वहीं, 2 घंटे 45 मिनट तक ट्रेन खाली ही दौड़ती रही.

पढ़ें: राजस्थान कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में कोरोना से लड़ने पर मंथन, CM गहलोत ने भाजपा पर साधा निशाना

इसी तरह सीकर-लोहारू स्पेशल ट्रेन के नहीं बल्कि जयपुर मंडल से संचालित हो रही कुल ट्रेनों में से करीब 50 फीसदी लगभग खाली ही दौड़ रही हैं. ऐसी ही एक ट्रेन नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस को प्रशासन कि ओर से बीते दिनों बंद करने का निर्णय लिया गया है.

शताब्दी एक्सप्रेस की आखरी जो ट्रिप संचालित हुई थी. उसमें यात्री भार काफी कम स्थिति में दर्ज कराया गया था. यह ट्रेन जयपुर से दिल्ली जाते वक्त हमेशा फुल जाती थी. लेकिन लास्ट ट्रिप में इस ट्रेन में महज 6 फीसदी यात्री ही बैठे थे. इसके अलावा पहली बार ट्रेनों में लंबी प्रतीक्षा सूची देखने को नहीं मिल रही है. बल्कि यात्री जिस ट्रेन में चाहे उसमें बुकिंग भी करा सकते हैं. कम यात्री भार के चलते रेलवे प्रशासन कई प्रमुख ट्रेनों का संचालन बंद करने के लिए भी मजबूर हो सकता है.

जयपुर मंडल की ट्रेनों के हालात पर एक नजर...

ट्रेन ऑक्युपेंसी ( प्रतिशत) में

  • जयपुर-जैसलमेर 20.79
  • जयपुर-हैदराबाद 35 .82
  • जयपुर बांद्रा-टर्मिनल 26.72
  • जयपुर-दिल्ली डबल डेकर 6.31
  • जयपुर- उदयपुर स्पेशल 18.39
  • जयपुर-दिल्ली सराय स्पेशल 27.07
  • जयपुर-हिसार 4.62
  • सीकर-लोहारू 0.69
  • जयपुर-बीकानेर 10 .79
  • जयपुर-मथुरा 15.97

इन ट्रेनों में सीट उपलब्ध...

  • जयपुर-जोधपुर में कुल 1261 सीट
  • जयपुर-मुंबई सेंट्रल में कुल 186
  • जयपुर-उदयपुर स्पेशल ट्रेन में 483 सीट
  • जयपुर-प्रयागराज ट्रेन में152 सीट
  • जयपुर-दिल्ली कैंट में 1217 सीट
  • जयपुर-पूणे में 671 सीट
  • जयपुर-भोपाल में 378 सीट
  • जयपुर-सिकंदराबाद में 311 सीट

ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि जिस तरह से अभी ट्रेनों में यात्री भार कम हुआ है. उससे रेलवे के राजस्व पर भी एक बड़ा असर देखने को मिल रहा है.

जयपुर. कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसका असर ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं, हवाई और रेल यातायात एक बार फिर बीते साल की स्थिति में जा पहुंचे हैं. हालांकि बीते साल लॉकडाउन के चलते इन दोनों ही ट्रांसपोर्टेशन को बंद कर दिया था. लेकिन अभी हवाई यातायात को आमजन की सुविधा के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही है. लेकिन बढ़ रहे कोविड-19 के केस को देखते हुए अब आमजन खुद ही ट्रेनों से यात्रा करने में डर रहे हैं.

बता दें कि सीकर से लोहारू के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से डेमू ट्रेन संचालित की गई थी. ट्रेन संचालित हुई तो रनिंग स्टाफ के लिए यह एक बड़े आश्चर्य की स्थिति भी बन गई. जहां करीब 420 यात्री क्षमता कि इस ट्रेन में महज 3 यात्री ही मौजूद थे. वहीं, 2 घंटे 45 मिनट तक ट्रेन खाली ही दौड़ती रही.

पढ़ें: राजस्थान कांग्रेस की वर्चुअल बैठक में कोरोना से लड़ने पर मंथन, CM गहलोत ने भाजपा पर साधा निशाना

इसी तरह सीकर-लोहारू स्पेशल ट्रेन के नहीं बल्कि जयपुर मंडल से संचालित हो रही कुल ट्रेनों में से करीब 50 फीसदी लगभग खाली ही दौड़ रही हैं. ऐसी ही एक ट्रेन नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस को प्रशासन कि ओर से बीते दिनों बंद करने का निर्णय लिया गया है.

शताब्दी एक्सप्रेस की आखरी जो ट्रिप संचालित हुई थी. उसमें यात्री भार काफी कम स्थिति में दर्ज कराया गया था. यह ट्रेन जयपुर से दिल्ली जाते वक्त हमेशा फुल जाती थी. लेकिन लास्ट ट्रिप में इस ट्रेन में महज 6 फीसदी यात्री ही बैठे थे. इसके अलावा पहली बार ट्रेनों में लंबी प्रतीक्षा सूची देखने को नहीं मिल रही है. बल्कि यात्री जिस ट्रेन में चाहे उसमें बुकिंग भी करा सकते हैं. कम यात्री भार के चलते रेलवे प्रशासन कई प्रमुख ट्रेनों का संचालन बंद करने के लिए भी मजबूर हो सकता है.

जयपुर मंडल की ट्रेनों के हालात पर एक नजर...

ट्रेन ऑक्युपेंसी ( प्रतिशत) में

  • जयपुर-जैसलमेर 20.79
  • जयपुर-हैदराबाद 35 .82
  • जयपुर बांद्रा-टर्मिनल 26.72
  • जयपुर-दिल्ली डबल डेकर 6.31
  • जयपुर- उदयपुर स्पेशल 18.39
  • जयपुर-दिल्ली सराय स्पेशल 27.07
  • जयपुर-हिसार 4.62
  • सीकर-लोहारू 0.69
  • जयपुर-बीकानेर 10 .79
  • जयपुर-मथुरा 15.97

इन ट्रेनों में सीट उपलब्ध...

  • जयपुर-जोधपुर में कुल 1261 सीट
  • जयपुर-मुंबई सेंट्रल में कुल 186
  • जयपुर-उदयपुर स्पेशल ट्रेन में 483 सीट
  • जयपुर-प्रयागराज ट्रेन में152 सीट
  • जयपुर-दिल्ली कैंट में 1217 सीट
  • जयपुर-पूणे में 671 सीट
  • जयपुर-भोपाल में 378 सीट
  • जयपुर-सिकंदराबाद में 311 सीट

ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि जिस तरह से अभी ट्रेनों में यात्री भार कम हुआ है. उससे रेलवे के राजस्व पर भी एक बड़ा असर देखने को मिल रहा है.

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