जयपुर. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण (Nahargarh Wildlife Sanctuary) क्षेत्र में कांच के टुकड़े, शराब की बोतलें और प्लास्टिक के कचरे निरंतर मिल रहे हैं. अभ्यारणय क्षेत्र की सफाई के लिए पिछले 4 सप्ताह से अभियान चलाया जा रहा है. रविवार को सफाई अभियान के दौरान 650 किलो कांच के टुकड़े और 60 किलो प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया गया. अगर समय रहते यहां के वन्यजीवों और अभ्यारण की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए तो शीघ्र ही हम इस खूबसूरत जंगल को बंजर होते हुए देर नहीं लगेगी.
नाहरगढ़ अभ्यारण क्षेत्र में नाहरगढ़ फोर्ट (Nahargarh Fort), जयगढ़ फोर्ट (jaigarh fort) समेत अन्य पर्यटन स्थल है. यहां पर पर्यटकों की आवाजाही रहती है. घूमने के लिए आने-जाने वाले लोग वन अभ्यारण क्षेत्र में कचरा फैला देते हैं, जिससे वन्यजीवों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. जंगलों में पैंथर, नीलगाय समेत विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव विचरण करते हैं. कई बार वन्यजीव कचरा खा जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. कचरा और गंदगी से वन्यजीवों में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.
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वन विभाग और होप एंड बियॉन्ड संस्था के सयुंक्त तत्वधान मे चलाये जा रहे नाहरगढ़ स्वच्छता अभियान (Nahargarh Cleanliness Campaign) का उद्देश्य साफ सुथरा वन क्षेत्र बनाना और आम नागरिकों को भविष्य में किसी भी प्रकार का कचरा वन क्षेत्र में फेंकने से रोकने के लिए प्रेरित करना है.