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नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण बना कूड़ेदान, सफाई में मिले 650 किलो कांच के टुकड़े और 60 किलो प्लास्टिक - Nahargarh Sanctuary

नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण की दशा आज किसी कुड़ेदान से कम नहीं रह गई है. नाहरगढ़ अभ्यारण क्षेत्र में प्लास्टिक कचरा और शराब की बोतलें फैली रहती हैं. वन विभाग और होप एंड बियोंड संस्था की ओर से इसे पुर्व रूप में लाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. पिछले 4 सप्ताह से चलाये जा रहे सफाई अभियान में प्लास्टिक कचरा, कांच के टुकड़े, शराब की बोतलें काफी मात्रा में एकत्रित की गई.

Garbage in Nahargarh Sanctuary, Cleaning of Nahargarh Sanctuary
नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण में सफाई अभियान
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Published : Jun 20, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Jun 24, 2021, 5:34 PM IST

जयपुर. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण (Nahargarh Wildlife Sanctuary) क्षेत्र में कांच के टुकड़े, शराब की बोतलें और प्लास्टिक के कचरे निरंतर मिल रहे हैं. अभ्यारणय क्षेत्र की सफाई के लिए पिछले 4 सप्ताह से अभियान चलाया जा रहा है. रविवार को सफाई अभियान के दौरान 650 किलो कांच के टुकड़े और 60 किलो प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया गया. अगर समय रहते यहां के वन्यजीवों और अभ्यारण की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए तो शीघ्र ही हम इस खूबसूरत जंगल को बंजर होते हुए देर नहीं लगेगी.

नाहरगढ़ अभ्यारण क्षेत्र में नाहरगढ़ फोर्ट (Nahargarh Fort), जयगढ़ फोर्ट (jaigarh fort) समेत अन्य पर्यटन स्थल है. यहां पर पर्यटकों की आवाजाही रहती है. घूमने के लिए आने-जाने वाले लोग वन अभ्यारण क्षेत्र में कचरा फैला देते हैं, जिससे वन्यजीवों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. जंगलों में पैंथर, नीलगाय समेत विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव विचरण करते हैं. कई बार वन्यजीव कचरा खा जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. कचरा और गंदगी से वन्यजीवों में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.

पढ़ें- रणथंभौर में छाई खुशी, बाघिन टी-111 चार नए शावकों के साथ आई नजर

वन विभाग और होप एंड बियॉन्ड संस्था के सयुंक्त तत्वधान मे चलाये जा रहे नाहरगढ़ स्वच्छता अभियान (Nahargarh Cleanliness Campaign) का उद्देश्य साफ सुथरा वन क्षेत्र बनाना और आम नागरिकों को भविष्य में किसी भी प्रकार का कचरा वन क्षेत्र में फेंकने से रोकने के लिए प्रेरित करना है.

जयपुर. नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण (Nahargarh Wildlife Sanctuary) क्षेत्र में कांच के टुकड़े, शराब की बोतलें और प्लास्टिक के कचरे निरंतर मिल रहे हैं. अभ्यारणय क्षेत्र की सफाई के लिए पिछले 4 सप्ताह से अभियान चलाया जा रहा है. रविवार को सफाई अभियान के दौरान 650 किलो कांच के टुकड़े और 60 किलो प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया गया. अगर समय रहते यहां के वन्यजीवों और अभ्यारण की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए तो शीघ्र ही हम इस खूबसूरत जंगल को बंजर होते हुए देर नहीं लगेगी.

नाहरगढ़ अभ्यारण क्षेत्र में नाहरगढ़ फोर्ट (Nahargarh Fort), जयगढ़ फोर्ट (jaigarh fort) समेत अन्य पर्यटन स्थल है. यहां पर पर्यटकों की आवाजाही रहती है. घूमने के लिए आने-जाने वाले लोग वन अभ्यारण क्षेत्र में कचरा फैला देते हैं, जिससे वन्यजीवों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. जंगलों में पैंथर, नीलगाय समेत विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव विचरण करते हैं. कई बार वन्यजीव कचरा खा जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. कचरा और गंदगी से वन्यजीवों में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.

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वन विभाग और होप एंड बियॉन्ड संस्था के सयुंक्त तत्वधान मे चलाये जा रहे नाहरगढ़ स्वच्छता अभियान (Nahargarh Cleanliness Campaign) का उद्देश्य साफ सुथरा वन क्षेत्र बनाना और आम नागरिकों को भविष्य में किसी भी प्रकार का कचरा वन क्षेत्र में फेंकने से रोकने के लिए प्रेरित करना है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 5:34 PM IST
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