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आरटीडीसी की घाटे वाली यूनिट्स को लेकर बोले पर्यटन मंत्री, कहा- सभी बिल्डिंग दोबारा री-स्ट्रक्चर होने चाहिए

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Published : Dec 11, 2019, 11:08 PM IST

राजस्थान पर्यटन विभाग राजस्थान रोडवेज की तरह घाटे में ही चलता जा रहा है. जिसको लेकर अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. मंत्री ने कहा कि मैंने 1 साल पहले जॉइन किया था, तब मैंने एक कमेटी बनाई थी. उस कमेटी की 1 साल के अंतर्गत एक भी मीटिंग नहीं हुई है. विश्वेंद्र सिंह सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों पर भी आरोप लगाए.

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जयपुर. राजस्थान पर्यटन विकास निगम आब राजस्थान रोडवेज की राह पर चलने लगा है. पर्यटन विभाग भी अब रोडवेज विभाग की तरह लगातार घाटे में जा रहा है. जिसको लेकर अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. पर्यटन विभाग की घाटे वाली यूनिट्स को लेकर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपना बड़ा बयान भी दिया है.

पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार

विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 1 साल से मैं पर्यटन विभाग को सुधारने की कोशिश कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि जब 1 साल पहले मैंने पर्यटक विभाग को ज्वाइन किया था, तो मेरे तीन ही उद्देश्य थे. जिसमें पहला पर्यटन विभाग की आय किस तरह बड़े यह महत्वपूर्ण था. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जब मैंने जॉइन किया था. तब सबसे पहले अधिकारियों और कर्मचारी यूनियन की मीटिंग बुलाई थी और एक कमेटी भी बनाई थी, लेकिन पिछले 1 साल में उस कमेटी की एक भी मीटिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एक टूरिज्म पॉलिसी भी इसको लेकर बनाई गई थी, लेकिन वह भी नहीं चल रही है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में प्याज की बंपर आवक से कहीं खुशी, कहीं गम...देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

विश्वेंद्र सिंह ने पर्यटन निगम को गंभीर लेते हुए कहा कि आरटीडीसी की सभी पुरानी बिल्डिंगों को री-स्ट्रक्चर करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों को तो वेतन और गाड़ी मिल रही है, लेकिन कर्मचारी अभी भी इससे वंचित है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 दिन पहले ही मैंने पर्यटन विभाग से लड़कर कर्मचारियों को उनकी 2 महीने की तनखा दिलाई है. हालांकि कर्मचारियों की पिछले 4 महीने से तनख्वाह बकाया है. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यदि अधिकारी सही होंगे तो मैं उनके साथ 200% तक खड़ा हूं, लेकिन यदि कोई अधिकारी पर्यटन विभाग में अब गलत करता पाया गया तो, उसके खिलाफ जरूर सख्ती से कार्रवाई भी की जाएगी.

पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में (2018-19)

होटल खादिम, अजमेर 19.64 लाख, मोटल बार- 24.71 लाख, होटल सरोवर पुष्कर- 24.72 लाख, होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख, होटल सरस भरतपुर- 21.13 लाख, होटल स्वागतम जयपुर- 8.40लाख, होटल महुआ- 19.62 लाख, विनायक सवाईमाधोपुर-19.10 लाख, होटल मीनल अलवर- 26.65 लाख, होटल तीज जयपुर- 21. 26 लाख, टाइगर डेन सरिस्का- 11.21लाख, होटल गोकुल नाथद्वारा- 12.23 लाख, होटल गवरी तालाब झालावाड़ - 1.72 लाख, फॉरेस्ट लॉज भरतपुर-28.65 लाख, शिल्पी रणकपुर- 11. 85 लाख

जयपुर. राजस्थान पर्यटन विकास निगम आब राजस्थान रोडवेज की राह पर चलने लगा है. पर्यटन विभाग भी अब रोडवेज विभाग की तरह लगातार घाटे में जा रहा है. जिसको लेकर अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. पर्यटन विभाग की घाटे वाली यूनिट्स को लेकर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपना बड़ा बयान भी दिया है.

पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार

विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 1 साल से मैं पर्यटन विभाग को सुधारने की कोशिश कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि जब 1 साल पहले मैंने पर्यटक विभाग को ज्वाइन किया था, तो मेरे तीन ही उद्देश्य थे. जिसमें पहला पर्यटन विभाग की आय किस तरह बड़े यह महत्वपूर्ण था. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जब मैंने जॉइन किया था. तब सबसे पहले अधिकारियों और कर्मचारी यूनियन की मीटिंग बुलाई थी और एक कमेटी भी बनाई थी, लेकिन पिछले 1 साल में उस कमेटी की एक भी मीटिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एक टूरिज्म पॉलिसी भी इसको लेकर बनाई गई थी, लेकिन वह भी नहीं चल रही है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में प्याज की बंपर आवक से कहीं खुशी, कहीं गम...देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

विश्वेंद्र सिंह ने पर्यटन निगम को गंभीर लेते हुए कहा कि आरटीडीसी की सभी पुरानी बिल्डिंगों को री-स्ट्रक्चर करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों को तो वेतन और गाड़ी मिल रही है, लेकिन कर्मचारी अभी भी इससे वंचित है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 दिन पहले ही मैंने पर्यटन विभाग से लड़कर कर्मचारियों को उनकी 2 महीने की तनखा दिलाई है. हालांकि कर्मचारियों की पिछले 4 महीने से तनख्वाह बकाया है. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यदि अधिकारी सही होंगे तो मैं उनके साथ 200% तक खड़ा हूं, लेकिन यदि कोई अधिकारी पर्यटन विभाग में अब गलत करता पाया गया तो, उसके खिलाफ जरूर सख्ती से कार्रवाई भी की जाएगी.

पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में (2018-19)

होटल खादिम, अजमेर 19.64 लाख, मोटल बार- 24.71 लाख, होटल सरोवर पुष्कर- 24.72 लाख, होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख, होटल सरस भरतपुर- 21.13 लाख, होटल स्वागतम जयपुर- 8.40लाख, होटल महुआ- 19.62 लाख, विनायक सवाईमाधोपुर-19.10 लाख, होटल मीनल अलवर- 26.65 लाख, होटल तीज जयपुर- 21. 26 लाख, टाइगर डेन सरिस्का- 11.21लाख, होटल गोकुल नाथद्वारा- 12.23 लाख, होटल गवरी तालाब झालावाड़ - 1.72 लाख, फॉरेस्ट लॉज भरतपुर-28.65 लाख, शिल्पी रणकपुर- 11. 85 लाख

Intro:जयपुर एंकर-- राजस्थान पर्यटन विभाग राजस्थान रोडवेज की तरह घाटे में ही चलता जा रहा है. जिसको लेकर अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी सकती दिखाना शुरू कर दी है. मंत्री ने कहा कि मैंने 1 साल पहले जॉइन किया था तो तब मैंने एक कमेटी बनाई थी । उस कमेटी की 1 साल के अंतर्गत एक भी मीटिंग नहीं हुई है. विश्वेंद्र सिंह सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों पर भी जमकर आरोप लगाए.


Body:जयपुर-- राजस्थान पर्यटन विकास निगम आब राजस्थान रोडवेज की राह पर चलने लगा है . पर्यटन विभाग भी अब रोडवेज विभाग की तरह लगातार घाटे में जा रहा है . जिसको लेकर अब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी शक्ति दिखाना शुरू कर दिया है . पर्यटन विभाग की घाटे वाली यूनिट्स को लेकर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपना बड़ा बयान भी दिया है. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 1 साल से मैं पर्यटन विभाग को सुधारने की कोशिश कर रहा हूं . उन्होंने कहा कि जब 1 साल पहले मैंने पर्यटक विभाग को ज्वाइन किया था. तो मेरे तीन ही उद्देश्य थे. जिसमें पहला पर्यटन विभाग की आय किस तरह बड़े यह महत्वपूर्ण था . पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जब मैंने जॉइन किया था . तब सबसे पहले अधिकारियों और कर्मचारी यूनियन की मीटिंग बुलाई थी. और एक कमेटी भी बनाई थी. लेकिन पिछले 1 साल में उस कमेटी की एक भी मीटिंग नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि एक टूरिज्म पॉलिसी भी इसको लेकर बनाई गई थी. लेकिन वह भी नहीं चल रही है. साथ ही विश्वेंद्र सिंह ने पर्यटन निगम को गंभीर लेते हुए कहा कि. आरटीडीसी की सभी पुरानी बिल्डिंगों को री स्ट्रक्चर करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों पर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों को तो वेतन और गाड़ी मिल रही है . लेकिन कर्मचारी अभी भी इससे वंचित है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 दिन पहले ही मैंने पर्यटन विभाग से लड़कर कर्मचारियों को उनकी 2 महीने की तनखा दिलाई है. हालांकि कर्मचारियों की पिछले 4 महीने से तनख्वाह बकाया है. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यदि अधिकारी सही होंगे तो मैं उनके साथ 200% तक खड़ा हूं . लेकिन यदि कोई अधिकारी पर्यटन विभाग में अब गलत करता पाया गया तो . उसके खिलाफ जरूर सख्ती से कार्रवाई भी की जाएगी.


-पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में (2018-19)

होटल खादिम अजमेर-- 19.64 लाख

मोटल बार --- 24.71 लाख

होटल सरोवर पुष्कर - 24.72 लाख

होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख

होटल सरस भरतपुर -- 21.13 लाख

होटल स्वागतम जयपुर-- 8.40लाख

होटल महुआ -- 19.62 लाख

विनायक सवाईमाधोपुर -19.10 लाख

होटल मीनल अलवर - 26.65 लाख

होटल तीज जयपुर-- 21. 26 लाख

टाइगर डेन सरिस्का - 11.21लाख

होटल गोकुल नाथद्वारा- 12.23 लाख

होटल गवरी तालाब झालावाड़ - 1.72 लाख

फॉरेस्ट लॉज भरतपुर-28.65 लाख

शिल्पी रणकपुर- 11. 85 लाख



बाइट-- विश्वेंद्र सिंह (पर्यटन मंत्री)









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