जयपुर. महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 293 वर्ष पूर्व तालकटोरा यानी उस समय की शिकारगाह बैठकर ही जयपुर की इबारत लिखी थी. जब जयपुर का निर्माण हुआ तो तालकटोरा का भी निर्माण किया गया. परकोटे में बसे गुलाबी नगर के बीचों-बीच इस तालकटोरा में बादल महल का निर्माण कराया गया, लेकिन कालांतर में जयपुर के विकास के साथ-साथ परकोटे के चारों तरफ बसी कॉलोनियों का गंदा पानी तालकटोरा में जमा होता गया और जयपुर की शान कहा जाने वाला तालकटोरा एक बदबूदार मलबे के ढेर में तब्दील हो गया.
अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तालकटोरा की सूरत और सीरत बदलने का प्रोजेक्ट हाथ में लिया गया है. पर्यटन निगम को इसके लिए कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है. पर्यटन निगम ने भी तालकटोरा के सौंदर्यीकरण के लिए 18 करोड़ से ज्यादा के टेंडर कर दिए गए हैं. खंडेलवाल कंस्ट्रक्शंस और एसएस उद्योग ने टेंडर भाग लिया है और जल्द ही तकनीकी बिड खोलने के बाद तालकटोरा के विकास की इबारत लिखना शुरू कर दिया जाएगा.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए जयपुर शहर के बीचोंबीच स्थित तालकटोरा को संवारने का फैसला किया गया है. दरअसल तालकटोरा को लेकर कई बार योजनाएं बनी, लेकिन कोई भी योजना धरातल पर नहीं आ सकी. अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पर्यटन विकास निगम को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है. पर्यटन निगम न केवल तालकटोरा का सौंदर्यीकरण कराएगा बल्कि इसके बफर जोन को भी संवारने की जिम्मेदारी पर्यटन निगम के पास है.
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प्रोजेक्ट के तहत तालकटोरा के आसपास के 52 मकानों को चिन्हित किया गया है, अब उनका भी कायाकल्प किया जाएगा. प्लान के अनुसार सभी मकानों को एकरूप किया जाएगा. हेरिटेज संरक्षण और इसके साथ नाइट टूरिज्म के प्लान में तालकटोरा को अहम माना जा रहा है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट 21 करोड़ इस कार्य के लिए आवंटित किए गए हैं. इनमें से 18 करोड़ के टेंडर किए जा चुके हैं. हालांकि पिछली बार जो टेंडर किए गए थे तकनीकी खामी के कारण रद्द करना पड़ा था. सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के सुझाव के बाद अब दोबारा से टेंडर किए गए हैं.
दरअसल, तालकटोरा के आसपास के मकानों का मलबा तालकटोरा में गिरता है. इस मलबे की काफी पर तालकटोरा में जम चुकी है और जलकुंभी ने भी पूरे तालकटोरा को घेर रखा है. करीब 400 क्यूबिक मीटर मलबा तालकटोरा से निकाला जाएगा. यहां पर फ्लोटिंग फाउंटेन के साथ ही बोटिंग कराने की भी योजना है. आईलैंड की खूबसूरती और रेलिंग के साथ बेंच भी लगाई जाएंगी.