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जयपुर : कंस्ट्रक्शन वेस्ट से बनाई जाएंगी टाइल ब्रिक्स...सी एंड डी वेस्ट प्लांट पर हो रहा काम

जयपुर शहर में सी एंड डी वेस्ट प्लांट 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्लांट में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के वेस्ट से टाइल्स बनाई जाएंगी. इस तरह ठोस कचरे का सही निस्तारण किया जाएगा और उसे काम में भी लिया जा सकेगा.

जयपुर सी एंड डी वेस्ट प्लांट
जयपुर सी एंड डी वेस्ट प्लांट
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Published : Sep 12, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 4:07 PM IST

जयपुर. जयपुर शहर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल साबित हुआ है. आलम ये है कि शहर में घरों और बिल्डिंग से निकलने वाला कंस्ट्रक्शन वेस्ट अब तक कचरे में ही मिलता आ रहा है. हालांकि अब एनजीटी के डायरेक्शन और शहर की स्वच्छता और सुंदरता के लिए सी एंड डी वेस्ट लगाना निगम की प्राथमिकता बन गई है.

ऐसे में अब बिल्डिंग मटेरियल को निस्तारित करने के लिए सी एंड डी वेस्ट प्लांट को 6 महीने में मूर्त रूप देने की तैयारी की गई है. शहर में बिल्डिंग्स से निकलने वाला कंस्ट्रक्शन का वेस्ट नगर निगम के लिए बड़ी परेशानी का सबब है. ऐसे में अब एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार इसका प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया जा रहा है. जयपुर के लांगड़ियावास में सी एंड डी वेस्ट प्लांट बनाया जाएगा. जहां बिल्डिंग मटेरियल वेस्ट से टाइल्स-ब्रिक्स बनाई जा सकेंगी. इसका एग्रीमेंट भी कर लिया गया है.

जयपुर शहर में सी एंड डी वेस्ट प्लांट 6 महीने में बनकर होगा तैयार

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा के अनुसार 6 महीनों में ये प्लांट बन जाएगा और काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. वेस्ट को प्रोसेस करने के बाद तैयार ब्रिक्स और टाइल्स को सेल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्लांट भले ही 6 महीने में तैयार हो, लेकिन वेस्ट कलेक्शन अभी से शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि अभी ये निर्णय नहीं किया गया है कि जहां से बिल्डिंग मटेरियल को उठाया जाएगा, उसके लिए शुल्क लिया जाएगा या नहीं.

पढ़ें- गौतस्करी में भरतपुर अव्वल: दो साल में प्रदेश की सबसे ज्यादा गौ माता यहीं से हुईं Smuggle...तस्करों की सक्रियता का कारण ये!

वहीं स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि कानूनी बाध्यता और शहर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सी एंड डी वेस्ट प्लांट लगाया जा रहा है. अब तक सी एंड डी वेस्ट अनियोजित तरीके से निगम के संसाधनों से लाल डूंगरी ले जाकर वहां से मथुरादासपुरा डंपिंग यार्ड तक ले जाया जाता है. लेकिन अब ये काम एक कंपनी के जरिये कराएगा.

बहरहाल ये बात तय है कि जब तक सॉलिड वेस्ट को सेग्रीगेट कर रिसाइकिल या एनर्जी में ट्रांसफार्म नहीं किया जाता, तब तक शहर में पर्यावरण संरक्षण की बातें भी बेमानी ही सिद्ध होंगी. हालांकि अब एनजीटी की गाइडलाइन पर काम करना शुरु किया गया है.

जयपुर. जयपुर शहर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में फेल साबित हुआ है. आलम ये है कि शहर में घरों और बिल्डिंग से निकलने वाला कंस्ट्रक्शन वेस्ट अब तक कचरे में ही मिलता आ रहा है. हालांकि अब एनजीटी के डायरेक्शन और शहर की स्वच्छता और सुंदरता के लिए सी एंड डी वेस्ट लगाना निगम की प्राथमिकता बन गई है.

ऐसे में अब बिल्डिंग मटेरियल को निस्तारित करने के लिए सी एंड डी वेस्ट प्लांट को 6 महीने में मूर्त रूप देने की तैयारी की गई है. शहर में बिल्डिंग्स से निकलने वाला कंस्ट्रक्शन का वेस्ट नगर निगम के लिए बड़ी परेशानी का सबब है. ऐसे में अब एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार इसका प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया जा रहा है. जयपुर के लांगड़ियावास में सी एंड डी वेस्ट प्लांट बनाया जाएगा. जहां बिल्डिंग मटेरियल वेस्ट से टाइल्स-ब्रिक्स बनाई जा सकेंगी. इसका एग्रीमेंट भी कर लिया गया है.

जयपुर शहर में सी एंड डी वेस्ट प्लांट 6 महीने में बनकर होगा तैयार

हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा के अनुसार 6 महीनों में ये प्लांट बन जाएगा और काम शुरू हो जाएगा. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. वेस्ट को प्रोसेस करने के बाद तैयार ब्रिक्स और टाइल्स को सेल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्लांट भले ही 6 महीने में तैयार हो, लेकिन वेस्ट कलेक्शन अभी से शुरू कर दिया जाएगा. हालांकि अभी ये निर्णय नहीं किया गया है कि जहां से बिल्डिंग मटेरियल को उठाया जाएगा, उसके लिए शुल्क लिया जाएगा या नहीं.

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वहीं स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि कानूनी बाध्यता और शहर की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सी एंड डी वेस्ट प्लांट लगाया जा रहा है. अब तक सी एंड डी वेस्ट अनियोजित तरीके से निगम के संसाधनों से लाल डूंगरी ले जाकर वहां से मथुरादासपुरा डंपिंग यार्ड तक ले जाया जाता है. लेकिन अब ये काम एक कंपनी के जरिये कराएगा.

बहरहाल ये बात तय है कि जब तक सॉलिड वेस्ट को सेग्रीगेट कर रिसाइकिल या एनर्जी में ट्रांसफार्म नहीं किया जाता, तब तक शहर में पर्यावरण संरक्षण की बातें भी बेमानी ही सिद्ध होंगी. हालांकि अब एनजीटी की गाइडलाइन पर काम करना शुरु किया गया है.

Last Updated : Sep 12, 2021, 4:07 PM IST
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