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जयपुर: PLF में जुटे देशभर के साहित्यकार, लेखक और फिल्मकारों ने साझा किए अनुभव

राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से राजधानी जयपुर में तीन दिवसीय समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, इसमें देश भर के साहित्यकार, लेखक और फिल्मकार शामिल हो रहे हैं. इस समारोह के दूसरे दिन राजनीतिक मुद्दों पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर चिंतन मनन किया गया.

Parallel literature festival, जयपुर में साहित्य कार्यक्रम
जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन
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Published : Feb 23, 2020, 12:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिवसीय समारोह में देश भर के कई राज्यों से साहित्यकार, लेखक और फिल्मकार इस समारोह में शामिल हो रहे हैं.

इस दौरान समानांतर साहित्य उत्सव के दूसरे दिन राजनीतिक मुद्दों पर एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर चिंतन मनन किया गया. साहित्यकारों का कहना है कि वर्तमान राजनीति में पूंजीपतियों को फोकस करते हुए सरकार उन्हें तो फायदा पहुंचा रही है, लेकिन आम जनता को सीएए, एनआरसी, एनपीआर, राम मंदिर, तीन तलाक जैसे मामलों में उलझा कर मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रही है.

जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन

यह भी पढ़ें- आमेर महल में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जमकर झूमे पर्यटक

वहीं जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में चल रहे समानांतर साहित्य उत्सव में दूसरे दिन करीब 30 से अधिक सत्रों में साहित्यकारों ने चर्चा कर अपने अनुभव साझा किए. प्रगतिशील लेखक संघ के मुख्य संयोजक इशु मधु तलवार ने बताया कि राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से आयोजित इस फेस्टिवल के दूसरे दिन कवि राजेश जोशी, कहानीकार जितेंद्र भाटिया समेत अनेक लेखक और साहित्यकारों के विभिन्न सत्र आयोजित हुए.

यह भी पढ़ें- जयपुरः ट्रैक्टर ने बाइक को मारी टक्कर, हादसे में दोहिती और नानी की हुई मौत

इस दौरान साहित्यकार सत्य नारायण ने कहा कि यह फेस्टिवल युवा साहित्यकारों के लिए फायदेमंद साबित होगा. युवा कवयित्री शिल्पी पचोरी ने बताया कि समानांतर साहित्य उत्सव युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है. इसमें कवि, साहित्यकार, गजलकार और फिल्मकार सभी से मिलने का अवसर मिला है. हर चीज की बारीकियां सीखने का मौका मिल रहा है. कविता का आदिकाल, भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की कविता क्या है, इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त हो रहा है.

जयपुर. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. तीन दिवसीय समारोह में देश भर के कई राज्यों से साहित्यकार, लेखक और फिल्मकार इस समारोह में शामिल हो रहे हैं.

इस दौरान समानांतर साहित्य उत्सव के दूसरे दिन राजनीतिक मुद्दों पर एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर चिंतन मनन किया गया. साहित्यकारों का कहना है कि वर्तमान राजनीति में पूंजीपतियों को फोकस करते हुए सरकार उन्हें तो फायदा पहुंचा रही है, लेकिन आम जनता को सीएए, एनआरसी, एनपीआर, राम मंदिर, तीन तलाक जैसे मामलों में उलझा कर मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रही है.

जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव का आयोजन

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वहीं जवाहर कला केंद्र के शिल्पग्राम में चल रहे समानांतर साहित्य उत्सव में दूसरे दिन करीब 30 से अधिक सत्रों में साहित्यकारों ने चर्चा कर अपने अनुभव साझा किए. प्रगतिशील लेखक संघ के मुख्य संयोजक इशु मधु तलवार ने बताया कि राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से आयोजित इस फेस्टिवल के दूसरे दिन कवि राजेश जोशी, कहानीकार जितेंद्र भाटिया समेत अनेक लेखक और साहित्यकारों के विभिन्न सत्र आयोजित हुए.

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इस दौरान साहित्यकार सत्य नारायण ने कहा कि यह फेस्टिवल युवा साहित्यकारों के लिए फायदेमंद साबित होगा. युवा कवयित्री शिल्पी पचोरी ने बताया कि समानांतर साहित्य उत्सव युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है. इसमें कवि, साहित्यकार, गजलकार और फिल्मकार सभी से मिलने का अवसर मिला है. हर चीज की बारीकियां सीखने का मौका मिल रहा है. कविता का आदिकाल, भूतकाल, वर्तमान और भविष्य की कविता क्या है, इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त हो रहा है.

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