जयपुर. बोगस फर्मों के जरिए सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाने के मामले में सीजीएसटी की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बोगस फर्मो के जरिए जीएसटी चोरी कर करीब 80 करोड़ रुपए की आईटीसी को चपत लगाने के मामले में आरोपी रामचंद्र बिश्नोई, हेमंत त्यागी और हिम्मत सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
पढ़ेंः राजस्थान को भारत के हर कोने में रेपिस्तान कहा जाता है, कांग्रेस ने की ऐसी स्थिति - पूजा कपिल मिश्रा
आरोपियों ने 700 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी बिल जारी कर राजस्व को चूना लगाया है. आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया गया. आरोपियों को सोमवार तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. आरोपियों को सोमवार को विशेष आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं.
विशेष लोक अभियोजक बनवारी लाल ताखर ने बताया कि आरोपियों ने देश के कई शहरों में 50 से अधिक बोगस फर्मे खोल कर सरकार को 80 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है. आरोपियों ने लोगों को कमीशन के बदले फर्जी बिलों से करोड़ों रुपए की आईटीसी की चपत लगाई है.
आरोपियों ने अपना जाल राजस्थान के साथ पड़ोसी राज्यों में भी फैलाया हुआ था. महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कारोबारियों को फर्जी इनवॉइस जारी करने का अंदेशा है. आरोपी सीमेंट, लोहा उत्पाद, सरिया, सरसों, कपड़ा, मार्बल के फर्जी बिल जारी कर अवैध तरीके से आईटीसी क्लेम उठा रहे थे.
सीजीएसटी की जांच में 80 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी उजागर हुई है. सीजीएसटी की एंटीविजन विंग की चालू वित्त वर्ष में यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. आरोपियों ने दूसरे के नाम से फर्जी फर्मे बनाई हुई थी. जांच में फर्जी बिलों का आंकड़ा हजार करोड़ रुपए पार कर सकता है.
आरोपियों ने बड़े शातिराना तरीके से दूसरे लोगों को लालच देकर उनके नाम से फर्जी फर्म बनाई थी. रुपयों का लालच देकर करोड़ों रुपए का टैक्स चोरी किया गया. सीजीएसटी की ओर से अपील की गई है कि लोग फर्जी बिलों के चक्कर में नहीं पड़े. इस तरह फर्जीवाड़ा जेल पहुंचा सकता है. फर्जी फर्मों के जरिये फर्जी इनवॉइस जारी करने वाले लोगों के चंगुल में नहीं फंसे.