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बुक पॉलिटिक्स! पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की फोटो लगी हजारों किताबें डंप

राजस्थान में 32 दिनों के बाद भले ही सियासी सकंट टल गया है, लेकिन अब मरुधरा में 'बुक पॉलिटिक्स' का नया चैप्टर खुल गया है. राजस्थान सचिवालय में हजारों फ्रेश किताबें डंप कर दी गई हैं, क्योंकि उनमें सचिन पायलट की फोटो छपी हुई है.

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सचिन पायलट की फोटो लगी हजारों किताबें डंप
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Published : Aug 13, 2020, 2:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान में मचा सियासी तूफान भले ही आलाकमान की दखल के बाद खत्म बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत इससे अलग है. जो अब दिखाने लगी है. 32 दिन चली सियासी उठापक के बीच 'बुक पॉलिटिक्स' का नया चैप्टर खुल गया है. राजस्थान सचिवालय में हजारों फ्रेश किताबें डंप कर दी गई हैं. किताबें डंप इसलिए की गई हैं, क्योंकि इस स्मारिका बुक में कुछ जगह पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की फोटो और नाम मौजूद हैं.

सचिन पायलट की फोटो लगी हजारों किताबें डंप

सरकार की 1 साल की सफलता बता रही 120 पेजों की इन किताबों में डिप्टी सीएम पद से हटाए गए सचिन पायलट का भी फोटो है. 'स्मारिका 2020' में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में सरकारी विज्ञापन भी प्रकाशित हुए हैं. अगर किताबों का वितरण नहीं हुआ. तो सरकार को कोरोना काल में बेवजह लाखों रुपए का चूना लगना तय है.

सचिवालय में किताबों पर पहरा

राजनीति की कीमत किस तरह भोली-भाली जनता को चुकानी पड़ती है, उसकी बानगी है ये किताबें. कुछ दिनों पहले छपकर आई इन किताबों के बंडलों को सचिवालय के एक कमरे में जमा कर पहरा लगा दिया गया है. कुछ अफसरों ने खुद का नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सिर्फ इतना कहा 'इनमें डिप्टी सीएम के रूप में सचिन पायलट का फोटो छपा है. वितरण न होने की शायद यही वजह है. वर्तमान हालत किसी से छुपे नहीं है और अब सचिन डिप्टी सीएम भी नहीं रहे.'

यह भी पढ़ें : कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम 4.30 बजे, उससे पहले होगी गहलोत-पायलट की मुलाकात

क्या होना था उपलब्धियों भरी स्मारिका का

ये हजारों किताबें सरकारी विभागों, मंत्रियों, विधायकों, अफसरों, सार्वजनिक पुस्तकालयों में वितरित होनी थीं. किताब में एक स्थान पर सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बताया गया है. किताबों का वितरण अब कैसे, कब होगा कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. सचिवालय में किताबों की निगरानी कर रहे शख्स ने कहा, ऊपर के आदेश के बाद ही कुछ होगा.

अनुत्तरित सवालों की लंबी फेहरिस्त?

क्या सचिन पायलट की फोटो हटेगी? किताबें रद्दी होंगी? क्या वितरित होंगी किताबें? किसके आदेश पर हजारों किताबें डंप हुई? जैसे सवाल पूरी तरह अनुत्तरित हैं. जो भी हो 'बुक पॉलिटिक्स' का नया चैप्टर अब खुल गया है. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले इस पर घमासान होना तय है.

जयपुर. राजस्थान में मचा सियासी तूफान भले ही आलाकमान की दखल के बाद खत्म बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत इससे अलग है. जो अब दिखाने लगी है. 32 दिन चली सियासी उठापक के बीच 'बुक पॉलिटिक्स' का नया चैप्टर खुल गया है. राजस्थान सचिवालय में हजारों फ्रेश किताबें डंप कर दी गई हैं. किताबें डंप इसलिए की गई हैं, क्योंकि इस स्मारिका बुक में कुछ जगह पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की फोटो और नाम मौजूद हैं.

सचिन पायलट की फोटो लगी हजारों किताबें डंप

सरकार की 1 साल की सफलता बता रही 120 पेजों की इन किताबों में डिप्टी सीएम पद से हटाए गए सचिन पायलट का भी फोटो है. 'स्मारिका 2020' में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में सरकारी विज्ञापन भी प्रकाशित हुए हैं. अगर किताबों का वितरण नहीं हुआ. तो सरकार को कोरोना काल में बेवजह लाखों रुपए का चूना लगना तय है.

सचिवालय में किताबों पर पहरा

राजनीति की कीमत किस तरह भोली-भाली जनता को चुकानी पड़ती है, उसकी बानगी है ये किताबें. कुछ दिनों पहले छपकर आई इन किताबों के बंडलों को सचिवालय के एक कमरे में जमा कर पहरा लगा दिया गया है. कुछ अफसरों ने खुद का नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सिर्फ इतना कहा 'इनमें डिप्टी सीएम के रूप में सचिन पायलट का फोटो छपा है. वितरण न होने की शायद यही वजह है. वर्तमान हालत किसी से छुपे नहीं है और अब सचिन डिप्टी सीएम भी नहीं रहे.'

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क्या होना था उपलब्धियों भरी स्मारिका का

ये हजारों किताबें सरकारी विभागों, मंत्रियों, विधायकों, अफसरों, सार्वजनिक पुस्तकालयों में वितरित होनी थीं. किताब में एक स्थान पर सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बताया गया है. किताबों का वितरण अब कैसे, कब होगा कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. सचिवालय में किताबों की निगरानी कर रहे शख्स ने कहा, ऊपर के आदेश के बाद ही कुछ होगा.

अनुत्तरित सवालों की लंबी फेहरिस्त?

क्या सचिन पायलट की फोटो हटेगी? किताबें रद्दी होंगी? क्या वितरित होंगी किताबें? किसके आदेश पर हजारों किताबें डंप हुई? जैसे सवाल पूरी तरह अनुत्तरित हैं. जो भी हो 'बुक पॉलिटिक्स' का नया चैप्टर अब खुल गया है. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले इस पर घमासान होना तय है.

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