जयपुर. इस साल मकर संक्रांति खुशियों के साथ-साथ देश-प्रदेश के लिए मुश्किलों भरा वक्त भी लेकर आएगा. ग्रह चाल के हिसाब से वर्तमान में चल रहे हिन्दू वर्ष विक्रम संवत 2077 में गुरुवार को एक ही वार में कर्क और मकर संक्रांति पड़ने के कारण राज्य और देश के लिए समय भारी रह सकता है. इसके साथ ही राशि जातकों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित गणपत लाल सेवग बताते है कि, इस बार विक्रम संवत 2077 में मकर संक्रांति 14 फरवरी को गुरुवार की है और इससे पहले इसी विक्रम संवत में कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2020 को गुरुवार की थी. शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि जब किसी विक्रम संवत में एक ही वार को कर्क और मकर संक्रांति आए तो यह राजा और राज्य के लिए विपरीत असर डाल सकती है, यानी की सरकार और यहां के बाशिंदों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
पढ़ें- Exclusive: 90 निकाय और विधानसभा उपचुनाव में आरएलपी देगी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर: हनुमान बेनीवाल
वहीं स्कंद पुराण और नारद संहिता शास्त्र में इसका उल्लेख है कि, अगर मकर और कर्क राशि जो एक ही वार को आती है, तो वह पूरा वर्ष राजाओं के लिए हानिकारक है. देश में अराजकता और उपद्रव का माहौल बनता है, इसका उल्लेख मुहूर्त चिंतामणि पुस्तक में भी किया गया है.