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राजस्थान हाई कोर्टः जमवाय माता मंदिर में पूजा को लेकर थानाधिकारी कराए आदेश की पाल ना

राजस्थान हाईकोर्ट ने जमवारामगढ़ थानाधिकारी को कहा है कि वह जमवाय माता मंदिर की पूजा-अर्चना से जुड़े मामले में अदालत की ओर से दिए आदेश की पालना कराए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में निजी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को मंदिर में सेवा-पूजा करने की अनुमति दी है.

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Published : Aug 30, 2021, 7:09 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जमवारामगढ़ थानाधिकारी को कहा है कि वह जमवाय माता मंदिर की पूजा-अर्चना से जुड़े मामले में अदालत की ओर से दिए आदेश की पालना कराए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में निजी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को मंदिर में सेवा-पूजा करने की अनुमति दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मंदिर के पुजारी भगवती प्रसाद शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि अदालत ने 4 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अपने ओसरे के अनुसार मंदिर की पूजा-अर्चना करने और चढ़ाई गई भेंट और दान का हिस्सा लेने का अधिकारी माना था. अदालत की ओर से आदेश देने के बावजूद भी सिटी पैलेस के गार्ड सहित अन्य व्यक्ति उसे प्रवेश नहीं करने दे रहे.

यह भी पढ़ेंः CM गहलोत ने राजस्थान की जनता का जताया आभार, कहा- जल्द ही स्वस्थ होकर आपकी सेवा में लग जाऊंगा

वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर मंदिर में सेवा-पूजा के दौरान पुलिस सुरक्षा देने की गुहार की थी, लेकिन निचली अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. ऐसे में वर्ष 2017 के आदेश की पालना कराई जाए और मंदिर में पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को मंदिर में सेवा-पूजा करने की अनुमति देते हुए थानाधिकारी को आदेश की पालना करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जमवारामगढ़ थानाधिकारी को कहा है कि वह जमवाय माता मंदिर की पूजा-अर्चना से जुड़े मामले में अदालत की ओर से दिए आदेश की पालना कराए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में निजी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को मंदिर में सेवा-पूजा करने की अनुमति दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मंदिर के पुजारी भगवती प्रसाद शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि अदालत ने 4 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अपने ओसरे के अनुसार मंदिर की पूजा-अर्चना करने और चढ़ाई गई भेंट और दान का हिस्सा लेने का अधिकारी माना था. अदालत की ओर से आदेश देने के बावजूद भी सिटी पैलेस के गार्ड सहित अन्य व्यक्ति उसे प्रवेश नहीं करने दे रहे.

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वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर मंदिर में सेवा-पूजा के दौरान पुलिस सुरक्षा देने की गुहार की थी, लेकिन निचली अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. ऐसे में वर्ष 2017 के आदेश की पालना कराई जाए और मंदिर में पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को मंदिर में सेवा-पूजा करने की अनुमति देते हुए थानाधिकारी को आदेश की पालना करने को कहा है.

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