जयपुर. प्रदेशवासियों को अब हर साल नगरीय विकास कर चुकाना होगा. स्वायत्त शासन विभाग ने एकमुश्त यूडी टैक्स चुकाने का आदेश वापस ले लिया है. डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी ने फरवरी 2018 में एकमुश्त यूडी टैक्स जमा कराने का फैसला तुरंत प्रभाव से प्रत्याहारित करने के आदेश निकाले हैं.
आर्थिक तंगी से जूझ रहा जयपुर नगर निगम प्रशासन अपने राजस्व अधिकारियों पर निर्भर नहीं रह कर, अब प्राइवेट फर्म के साथ नगरीय विकास कर की वसूली करेगा. इसके साथ ही स्वायत्त शासन विभाग ने भी जयपुर नगर निगम सहित प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को राजस्व बढ़ोतरी के लिए 2018 का अपना फैसला वापस लेते हुए राहत दी है. विभाग के निदेशक दीपक नंदी ने अधिसूचना जारी करते हुए 7 फरवरी 2018 को निकाले गए आदेश को तुरंत प्रभाव से प्रत्याहारित करने का आदेश निकाला है.
दरअसल, 2018 में तत्कालीन निदेशक पवन अरोड़ा ने एकमुश्त यूडी टैक्स जमा कराने का आदेश निकाला था. इस आदेश में लीज मनी की राशि वसूलने के संबंध में किसी आवंटी द्वारा 8 वर्षीय शहरी जमाबंदी एकमुश्त जमा कराने की स्थिति में उसे इस दायित्व से मुक्त करने के नियम को बतौर उदाहरण पेश किया गया था.
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हालांकि, अब आदेश को वापस ले लिया गया है. ऐसे में प्रदेशवासियों को हर साल नगरीय विकास कर चुकाना होगा. बता दें कि जयपुर नगर निगम प्रशासन द्वारा इस वित्तीय वर्ष अब तक महज 16 करोड़ 62 लाख यूडी टैक्स ही वसूल किया जा सका है और अब ये जिम्मेदारी प्राइवेट फर्म वहन करेंगी. इसे स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निकाले गए आदेश का फायदा भी मिलेगा.