जयपुर. अजमेर अतिरिक्त जिला कलेक्टर की ओर से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में भागीदारी का स्वघोषणा पत्र मांगने के मामले पर सियासत तेज हो गई है. पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने इस मामले में गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपने कुकृत्य को छुपाने के लिए इस प्रकार के तुगलगी आदेश जारी करके सबका ध्यान बांटना चाहती है.
पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है, जिसने समय-समय पर राष्ट्र की रक्षा और प्रगति में अपनी भागीदारी निभाई है. लेकिन प्रदेश सरकार इस प्रकार के फरमान जारी कर राजस्थान में अघोषित आपातकाल लगाना चाहती है, जिसे भाजपा हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी.
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वहीं, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से इस तरह का तुगलकी फरमान वापस लेने की मांग की है. साथ ही मांग नहीं माने जाने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी दी है. वहीं, इससे पहले पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी अजमेर अतिरिक्त कलेक्टर की ओर से निकाले गए इस फरमान का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी.
देवनानी ने भी आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों में भय व्याप्त कर रही है. उन्होंने बताया कि सरकार एडीएम के जरिए सरकारी कर्मचारियों से शपथ पत्र भरवा रही है कि वह आरएसएस की शाखा में जाते हैं कि नहीं. देवनानी ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर शिक्षा का ढर्रा बिगाड़ने का आरोप लगाया है.