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dispute between mayor and commissioner: महापौर और कमिश्नर के बीच का विवाद प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति पर भारी

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Published : Apr 12, 2022, 11:11 PM IST

ग्रेटर नगर निगम में महापौर और कमिश्नर के बीच का विवाद (dispute between mayor and commissioner) प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति पर पड़ता हुआ दिख रहा है. मंगलवार को राज्य सरकार के आदेशों के क्रम में एंपावर्ड कमेटी की बैठक होनी थी. बैठक में सदस्य सचिव कि अनुपस्थिति के चलते बैठक को स्थगित करना पड़ा.

greater nagar nigam jaipur
हापौर और कमिश्नर के बीच का विवाद प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति पर भारी

जयपुर. राज्य सरकार ने 1 मई से प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है. इससे पहले अभियान की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा और आगामी व्यवस्थाओं को लेकर ग्रेटर निगम महापौर ने एंपावर्ड कमिटी की बैठक बुलाई है. लेकिन सदस्य सचिव की अनुपस्थिति के चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया. हालांकि महापौर (mayor of jaipur) ने अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैए को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिख अधिकारियों को पाबंद करने की बात कही.

ग्रेटर नगर निगम में महापौर और कमिश्नर के बीच के विवाद का (dispute between mayor and commissioner) असर प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति पर पड़ रहा है. मंगलवार को राज्य सरकार के आदेशों के क्रम में एंपावर्ड कमेटी की बैठक प्रस्तावित थी. बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में अतिरिक्त उपायुक्त आयोजना प्रथम, निदेशक विधि और वित्तीय सलाहकार को आमंत्रित किया गया था. हालांकि महापौर ने बैठक में सदस्य सचिव उपस्थित नहीं होने की स्थिति में बैठक करना न्यायोचित नहीं मानते हुए, सभी सदस्यों और निदेशक विधि से राय लेते हुए बैठक को स्थगित कर दिया. साथ ही महापौर ने निर्देशित किया कि जब सदस्य सचिव उपस्थित हो उस दिन का समय तय करके पत्रावली पेश करें.

हालांकि पहले भी 23 मार्च को एंपावर्ड कमेटी की बैठक तय की गई थी. लेकिन मीटिंग नोटिस जारी नहीं करने के कारण बैठक नहीं हो पाई थी. ऐसे में अभियान की प्रगति और जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की मंशा को ध्यान में रखते हुए संबंधित अधिकारियों को पाबंद कर आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए महापौर राज्य सरकार (mayor will write a letter to the state government) को भी लिखेंगी. महापौर के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग के स्पष्ट आदेश है कि एंपावर्ड कमिटी की बैठक का कार्यवाही विवरण सदस्य सचिव की ओर से उसी कार्य दिवस को जारी किया जाए. निगम एंपावर्ड कमेटी के सदस्य सचिव खुद आयुक्त हैं. लेकिन कार्यालय में उपस्थित होने के बावजूद भी वो मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए.

ऐसी स्थिति में जब सदस्य सचिव बैठक में उपस्थिति नहीं रहेंगे और बैठक का कार्य विवरण जारी नहीं हो सकेगा, तो बैठक करने का कोई औचित्य ही नहीं है. बता दें कि नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग के आदेश पर प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 में प्रकरणों के निस्तारण के लिए नगरीय निकायों में एंपावर्ड कमेटी का गठन किया गया था. इसके तहत निकाय के मेयर/ सभापति/ अध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष तय किए गए. निकाय में कार्यरत वरिष्ठ नगर नियोजक और वरिष्ठतम अभियंता इस समिति के सदस्य जबकि मुख्य नगरपालिका अधिकारी को इस समिति का सदस्य सचिव तय किया गया था.

जयपुर. राज्य सरकार ने 1 मई से प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर दोबारा शुरू करने का फैसला लिया है. इससे पहले अभियान की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा और आगामी व्यवस्थाओं को लेकर ग्रेटर निगम महापौर ने एंपावर्ड कमिटी की बैठक बुलाई है. लेकिन सदस्य सचिव की अनुपस्थिति के चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया. हालांकि महापौर (mayor of jaipur) ने अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैए को लेकर राज्य सरकार को पत्र लिख अधिकारियों को पाबंद करने की बात कही.

ग्रेटर नगर निगम में महापौर और कमिश्नर के बीच के विवाद का (dispute between mayor and commissioner) असर प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति पर पड़ रहा है. मंगलवार को राज्य सरकार के आदेशों के क्रम में एंपावर्ड कमेटी की बैठक प्रस्तावित थी. बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में अतिरिक्त उपायुक्त आयोजना प्रथम, निदेशक विधि और वित्तीय सलाहकार को आमंत्रित किया गया था. हालांकि महापौर ने बैठक में सदस्य सचिव उपस्थित नहीं होने की स्थिति में बैठक करना न्यायोचित नहीं मानते हुए, सभी सदस्यों और निदेशक विधि से राय लेते हुए बैठक को स्थगित कर दिया. साथ ही महापौर ने निर्देशित किया कि जब सदस्य सचिव उपस्थित हो उस दिन का समय तय करके पत्रावली पेश करें.

हालांकि पहले भी 23 मार्च को एंपावर्ड कमेटी की बैठक तय की गई थी. लेकिन मीटिंग नोटिस जारी नहीं करने के कारण बैठक नहीं हो पाई थी. ऐसे में अभियान की प्रगति और जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने की मंशा को ध्यान में रखते हुए संबंधित अधिकारियों को पाबंद कर आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए महापौर राज्य सरकार (mayor will write a letter to the state government) को भी लिखेंगी. महापौर के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग के स्पष्ट आदेश है कि एंपावर्ड कमिटी की बैठक का कार्यवाही विवरण सदस्य सचिव की ओर से उसी कार्य दिवस को जारी किया जाए. निगम एंपावर्ड कमेटी के सदस्य सचिव खुद आयुक्त हैं. लेकिन कार्यालय में उपस्थित होने के बावजूद भी वो मीटिंग में उपस्थित नहीं हुए.

ऐसी स्थिति में जब सदस्य सचिव बैठक में उपस्थिति नहीं रहेंगे और बैठक का कार्य विवरण जारी नहीं हो सकेगा, तो बैठक करने का कोई औचित्य ही नहीं है. बता दें कि नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग के आदेश पर प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 में प्रकरणों के निस्तारण के लिए नगरीय निकायों में एंपावर्ड कमेटी का गठन किया गया था. इसके तहत निकाय के मेयर/ सभापति/ अध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष तय किए गए. निकाय में कार्यरत वरिष्ठ नगर नियोजक और वरिष्ठतम अभियंता इस समिति के सदस्य जबकि मुख्य नगरपालिका अधिकारी को इस समिति का सदस्य सचिव तय किया गया था.

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