जयपुर. प्रदेश में स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ने से कई बच्चे झुक कर चलने लगे है तो कईयों के कंधे दुखने लगे हैं. बच्चों के वजन से ज्यादा बस्ते का वजन होने से छोटे छोटे बच्चों शरीर झुकने लगा है, लेकिन अब बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है.
सरकार एक नई प्रक्रिया अपनाने जा रही है. जिसमें अब निजी स्कूल संचालक बच्चों पर अधिक बोझ नहीं डाल पाएंगे. इसके लिए सरकार झुंझुनू की पिरामल फॉउंडेशन के सहयोग से मास्टर प्लान बनाकर शुरू कर दिया है. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ये जानकारी देते हुए कहा कि फॉउंडेशन कि ओर से किया जा रहा प्रयोग अगर सफल हुआ तो इसको पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
मंत्री ने कहा की फिलहाल प्रत्येक जिले में एक -एक स्कूल को चयनित करके उनपर प्रयोग किया जाएगा.जिससे बच्चों के बस्तों को बोझ भी कम होगा. साथ ही कोई भी निजी संस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और एनसीआरटी के अलावा बच्चों को पाठ्य सामग्री पढ़ा रहा है तो निजी संस्थान कि शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी. मंत्री ने ये भी कहा कि बस्ते के बोझ को कम करने के लिए विभाग की ओर से भी योजना बनाई जा रही है. अगले सत्र से बस्ते का बोझ कम किया जाएगा. साथ ही पाठ्यपुस्तकों को ऐसे तैयार किया जाएगा जिससे बोझ ना बढ़े.