जयपुर. राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर ओबीसी आरक्षण में विसंगति को लेकर दिया जा रहा महापड़ाव स्थगित हो गया है. संघर्ष समिति और सरकार के बीच हुई वार्ता के बाद इस महापड़ाव को स्थगित कर दिया गया है. गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरीश चौधरी और जाट नेता राजाराम मील सहित संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्च अधिकारियों के साथ में बैठक की. इस बैठक में संघर्ष समिति की तीन मांगों पर चर्चा हुई, जिनमें से 2 मांगों को तत्काल प्रभाव से पूरा करने पर सहमति बनी, जबकि तीसरी मांग को भी जल्द उच्च स्तरीय परीक्षण के बाद पूरा करने का आश्वासन दिया.
ये मांग जिस पर बनी सहमति :
- 17 अप्रैल 2018 परिपत्र को रद्द किया जाएगा, साथ ही कार्मिक विभाग ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित करे. भूतपूर्व सैनिकों का कोटा महिला आरक्षण की तरह वर्ग वार निर्धारित किया जाएगा. इस पर केटेगरी वाइज आरक्षण मिले इसके लिए 48 घंटे में आदेश जारी होंगे.
- रोस्टर को अपडेट किया जाएगा. इस मांग को पूरा करते हुए जल्द ही DOP सभी विभागों को निर्देश जारी करेगा.
- 2018 से लेकर 2022 तक जो लोग इस विसंगति से प्रभावित हुए हैं, उनके लिए छाया पद सृजित किया जाए और सेडो पोस्ट जारी की जाए. ये मांग पूरी नहीं हुई. हालांकि, अधिकारियों ने आश्वासन दिया है इस पर उच्च स्तरीय परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा.
सीएम गहलोत ने किया ट्वीट : ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए (CM Gehlot Tweet on OBC Protest) कहा कि OBC आरक्षण के संबंध में पैदा हुईं विसंगतियों का सकारात्मक हल करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है. विभागीय और कानूनी राय लेकर इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा, जिससे यह न्यायिक प्रक्रिया में ना अटके.
शहीद स्मारक दिया धरना : बता दें कि लगातर मांग के बावजूद ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियों दूर (Case of OBC Reservation Discrepancies) नहीं होने पर शुक्रवार को युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा था. ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण बहाल करने और विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर आज बड़ी संख्या में ओबीसी से जुड़े युवा राजधानी जयपुर में सड़कों पर उतर आए. ओबीसी आरक्षण बाहर बहाल करो संघर्ष समिति के आह्वान शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया. संघर्ष समिति के इस धरने में गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी भी खुले रूप से समर्थन दिया था.
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सरकार के खिलाफ पूर्व मंत्री हरीश चौधरी धरने पर : दरअसल, राजस्थान के कई विधायकों ने ओबीसी अभ्यर्थियों की मांग को जायज बताते हुए गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी अब खुल कर युवाओं का समर्थन किया. चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है. लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है. 21 प्रतिशत आरक्षण होने के बावजूद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का एक भी पद पर चयन नहीं हुआ. चौधरी ने कहा कि विभाग ने भर्तियों को लेकर जो उपनियम बनाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो.