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ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्पीकर की शक्तियों में न्यायालय ने हस्तक्षेप की चेष्टा की है: सुमित्रा सिंह - राजस्थान सियासी ड्रामा

राजस्थान में सियासी उठापटक के चलते मौजूदा हालात को लेकर राजस्थान की पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने चिंता जताई है. ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्पीकर की शक्तियों में न्यायालय ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है.

Sumitra Singh interview, former assembly speaker Sumitra Singh
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह से बातचीत
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Published : Jul 22, 2020, 4:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रही सुमित्रा सिंह मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समर्थन में आ गई हैं. सुमित्रा सिंह ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब स्पीकर की शक्तियों में न्यायालय ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने यह भी कहा कि विधायकों को नोटिस भेजने का और कोई निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर के पास है. मुझे लगता है कि हाईकोर्ट का निर्णय भी उनके पक्ष में ही आएगा.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह से बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने प्रदेश में चल रहे मौजूदा हालातों पर चिंता भी जताई. सिंह ने ये भी कहा कि ये हालात प्रदेश की जनता के हित में नहीं हैं. क्योंकि आज सरकार भी बाड़ेबंदी में है और उपमुख्यमंत्री और बागी 19 विधायक भी बाड़ेबंदी में हैं, जिन्हें जनता के बीच सेवा के लिए मौजूद रहना चाहिए.

संविधान में सब के कार्य क्षेत्र में अलग-अलग

सुमित्रा सिंह के अनुसार संविधान में कार्यपालिका और विधायिका के कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं और अब तक सब अपने कार्य क्षेत्र में रहकर ही काम करते आए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जो शक्तियां विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं, उनमें भी न्यायपालिका ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. उनके अनुसार मौजूदा घटनाक्रम में तो यही लगता है. सुमित्रा सिंह ने कहा कि मौजूदा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर कराई है, वो मौजूदा समय में जोशी करवा सकते हैं, लेकिन उसे स्वीकार कर के उस पर कोई निर्णय लेना या नहीं लेना यह सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार है.

पढ़ें- सीपी जोशी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा...कहा- बागी विधायकों को नोटिस भेजने का मुझे पूरा हक

प्रीमेच्योर याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रीमेच्योर ही हस्तक्षेप किया

सुमित्रा सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि 19 विधायकों को नोटिस जारी किया गया, वो नोटिस जारी करना स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में था. हालांकि इस मामले में जो विधायक कोर्ट में गए, वो प्रीमेच्योर मामला ही लेकर कोर्ट में चले गए और कोर्ट ने भी प्रीमेच्योर हस्तक्षेप किया. सुमित्रा सिंह के अनुसार यदि याचिका पर विधानसभा स्पीकर कोई बड़ा निर्णय लेते. उसके बाद विधायक कोर्ट जाते, तब कोर्ट का हस्तक्षेप हो सकता था, लेकिन ना तो नोटिस पर स्पीकर ने कोई कार्रवाई की और ना कोई फैसला लिया.

मुख्यमंत्री के पास बहुमत है तो सिद्ध करना चाहिए

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सुमित्रा सिंह ने यह भी कहा कि जो प्रदेश में तमाम सियासी घटनाक्रम चल रहे हैं. उसके बीच समस्या का समाधान केवल यही है कि मुख्यमंत्री के पास यदि बहुमत है तो उसे सिद्ध करें. ताकि इन तमाम समस्याओं का समाधान हो सके.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रही सुमित्रा सिंह मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समर्थन में आ गई हैं. सुमित्रा सिंह ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब स्पीकर की शक्तियों में न्यायालय ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने यह भी कहा कि विधायकों को नोटिस भेजने का और कोई निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर के पास है. मुझे लगता है कि हाईकोर्ट का निर्णय भी उनके पक्ष में ही आएगा.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह से बातचीत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने प्रदेश में चल रहे मौजूदा हालातों पर चिंता भी जताई. सिंह ने ये भी कहा कि ये हालात प्रदेश की जनता के हित में नहीं हैं. क्योंकि आज सरकार भी बाड़ेबंदी में है और उपमुख्यमंत्री और बागी 19 विधायक भी बाड़ेबंदी में हैं, जिन्हें जनता के बीच सेवा के लिए मौजूद रहना चाहिए.

संविधान में सब के कार्य क्षेत्र में अलग-अलग

सुमित्रा सिंह के अनुसार संविधान में कार्यपालिका और विधायिका के कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं और अब तक सब अपने कार्य क्षेत्र में रहकर ही काम करते आए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जो शक्तियां विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं, उनमें भी न्यायपालिका ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. उनके अनुसार मौजूदा घटनाक्रम में तो यही लगता है. सुमित्रा सिंह ने कहा कि मौजूदा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर कराई है, वो मौजूदा समय में जोशी करवा सकते हैं, लेकिन उसे स्वीकार कर के उस पर कोई निर्णय लेना या नहीं लेना यह सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार है.

पढ़ें- सीपी जोशी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा...कहा- बागी विधायकों को नोटिस भेजने का मुझे पूरा हक

प्रीमेच्योर याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रीमेच्योर ही हस्तक्षेप किया

सुमित्रा सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि 19 विधायकों को नोटिस जारी किया गया, वो नोटिस जारी करना स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में था. हालांकि इस मामले में जो विधायक कोर्ट में गए, वो प्रीमेच्योर मामला ही लेकर कोर्ट में चले गए और कोर्ट ने भी प्रीमेच्योर हस्तक्षेप किया. सुमित्रा सिंह के अनुसार यदि याचिका पर विधानसभा स्पीकर कोई बड़ा निर्णय लेते. उसके बाद विधायक कोर्ट जाते, तब कोर्ट का हस्तक्षेप हो सकता था, लेकिन ना तो नोटिस पर स्पीकर ने कोई कार्रवाई की और ना कोई फैसला लिया.

मुख्यमंत्री के पास बहुमत है तो सिद्ध करना चाहिए

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सुमित्रा सिंह ने यह भी कहा कि जो प्रदेश में तमाम सियासी घटनाक्रम चल रहे हैं. उसके बीच समस्या का समाधान केवल यही है कि मुख्यमंत्री के पास यदि बहुमत है तो उसे सिद्ध करें. ताकि इन तमाम समस्याओं का समाधान हो सके.

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