जयपुर. ईटीवी भारत से बातचीत में निलंबित महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि बिना पक्ष सुने हुए, झूठे आरोपों पर एक ही दिन में 3-4 नोटिस देकर और उसी दिन आधी रात को निलंबन की कार्रवाई की गई. जनता इस कार्रवाई के मायने समझती हैं.
राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कार्रवाई- सौम्या
निलंबित मेयर ने कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत इस तरह की कार्रवाई की गई है. ग्रेटर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बना, उसे सरकार पचा नहीं पा रही है और सरकार लगातार बोर्ड को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. लेकिन ग्रेटर निगम में भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड था, बोर्ड है. उन्होंने कहा कि बीजेपी बोर्ड हमेशा जनता के साथ, जनता के मुद्दों पर, जनता के हित में लड़ाई लड़ता है. ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि अब न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा और जनता की अदालत ने भी जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि महापौर पद पर रहते हुए जांच प्रभावित होने का हवाला दिया गया है तो कमिश्नर को भी निलंबित करना चाहिए. तभी फैक्ट्स सामने आ पाएंगे. उन्होंने जांच अधिकारी को भी राज्य सरकार का मोहरा बताते हुए कहा कि ये षड्यंत्र है और जांच अधिकारी वही बोलेंगी, जो सरकार ने कहा है.
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मौजूदा चेयरमैन ने कहा- कार्रवाई अलोकतांत्रिक
घटनाक्रम के दौरान मौजूद रहे चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अलोकतांत्रिक कार्रवाई की गई है. पार्टी स्तर पर तय होगा कि इस फैसले का किस तरह विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भाजपा के बोर्ड को डिस्टर्ब करने का एक षड्यंत्र रचा है. जिसका पार्टी पुरजोर विरोध करेगी.
उन्होंने कमिश्नर की ओर से लगाए गए आरोप को मिथ्या आरोप बताते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ बोर्ड को भंग करना था. उसका बहाना चाहिए था. उसके लिए यह साजिश रची गई है. बहरहाल, मामले को लेकर अब बीजेपी पूरी तरह सक्रिय हुई है और अब अदालत के साथ-साथ जनता के बीच जाने की बात की जा रही है.