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आरोपी आईपीएस का प्रार्थना पत्र : बयान सार्वजनिक करने वाले एसीबी अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग - जयपुर निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल मामला

आरोपी आईपीएस की ओर से अधिवक्ता विपुल शर्मा ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि गत 28 जनवरी को गवाह बलजीत सिंह के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हुए थे. जिन्हें लिफाफे में बंद कर एसीबी कोर्ट में भेजा गया. वहीं एक कॉपी जांच अधिकारी को दी गई थी.

Suspended IPS Manish Aggarwal,  Suspended IPS wants investigation against the officer,  जयपुर निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल मामला, एसीबी अधिकारी पर मीडिया बयान का आरोप
आरोपी आईपीएस का प्रार्थन पत्र
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Published : Feb 6, 2021, 10:32 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 12:38 AM IST

जयपुर. हाईवे कंपनी से रिश्वत के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे दौसा के तत्कालीन आईपीएस मनीष अग्रवाल ने एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर एक गवाह के 164 के बयान सार्वजनिक करने वाले एसीबी अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की गुहार की है. अदालत प्रार्थना पत्र पर 8 फरवरी को सुनवाई करेगी.

आरोपी आईपीएस की ओर से अधिवक्ता विपुल शर्मा ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि गत 28 जनवरी को गवाह बलजीत सिंह के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हुए थे. जिन्हें लिफाफे में बंद कर एसीबी कोर्ट में भेजा गया. वहीं एक कॉपी जांच अधिकारी को दी गई थी. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि गत दिनों एक मीडिया हाऊस ने इन लेखबद्ध बयानों के हूबहू समान बताकर इस गवाह के बयान प्रकाशित किए गए हैं.

पढ़ें- दिग्गजों की अग्निपरीक्षा : निकाय प्रमुखों के परिणाम तय करेंगे भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों की साख

वहीं प्रार्थी के अधिवक्ता को भी मीडिया से जुड़े दूसरे व्यक्ति ने यह बयान उपलब्ध कराए हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि इन बयानों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन जांच एजेन्सी प्रार्थी की छवि खराब करने के लिए मीडिया रिपोर्टिंग करा रही है. इसलिए एसीबी को मीडिया रिपोर्टिंग से रोका जाए और जिस वरिष्ठ अधिकारी की पहल पर बयान सार्वजनिक हुए हैं, उसके खिलाफ जांच शुरू कर कार्रवाई की जाए.

जयपुर. हाईवे कंपनी से रिश्वत के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे दौसा के तत्कालीन आईपीएस मनीष अग्रवाल ने एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर एक गवाह के 164 के बयान सार्वजनिक करने वाले एसीबी अधिकारी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की गुहार की है. अदालत प्रार्थना पत्र पर 8 फरवरी को सुनवाई करेगी.

आरोपी आईपीएस की ओर से अधिवक्ता विपुल शर्मा ने प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि गत 28 जनवरी को गवाह बलजीत सिंह के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हुए थे. जिन्हें लिफाफे में बंद कर एसीबी कोर्ट में भेजा गया. वहीं एक कॉपी जांच अधिकारी को दी गई थी. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि गत दिनों एक मीडिया हाऊस ने इन लेखबद्ध बयानों के हूबहू समान बताकर इस गवाह के बयान प्रकाशित किए गए हैं.

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वहीं प्रार्थी के अधिवक्ता को भी मीडिया से जुड़े दूसरे व्यक्ति ने यह बयान उपलब्ध कराए हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि इन बयानों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन जांच एजेन्सी प्रार्थी की छवि खराब करने के लिए मीडिया रिपोर्टिंग करा रही है. इसलिए एसीबी को मीडिया रिपोर्टिंग से रोका जाए और जिस वरिष्ठ अधिकारी की पहल पर बयान सार्वजनिक हुए हैं, उसके खिलाफ जांच शुरू कर कार्रवाई की जाए.

Last Updated : Feb 7, 2021, 12:38 AM IST

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