जयपुर/ सतना. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज का 67 साल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन से पूरे देश शोक में है. अपने राजनीतिक कैरियर में वह हर एक के बीच लोकप्रिय रहीं. विदेश मंत्री रहते हुए उन्होनें बहुत से काम देश हित में किये. लोकसभा चुनाव के दौरान बीमार होने के बाद भी सांसद गणेश सिंह को भाई मानने वाली सुषमा स्वराज ने गणेश सिंह के पक्ष में बुद्धजीवियों के लिए टाउनहाल में आयोजित कार्यक्रम चर्चा में जनसभा को संबोधित किया था.
भाजपा के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का सतना जिले में अंतिम दौरा 24 अप्रैल 2019 को किया था. विदेश मंत्री ने सतना शहर के टाउन हॉल में भाजपा के चर्चा कार्यक्रम में मौजूद जनसभा को अपने शब्दों से संबोधित किया था. और सतना सांसद गणेश सिंह को भाई मानने वाली विदेश मंत्री ने जनसभा से गणेश सिंह के पक्ष में वोट करने कि अपील थी. सतना में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मौजूदा लोकप्रिय नारा "मोदी है तो मुमकिन है" दिया था. और भारत के नारियों पर भी एक नया नारा दिया था कि "फूल नहीं चिंगारी" का नारा बदल दो और नया नारा देते हुए कहा कि भारत की नारी है अब "फूल और चिंगारी है".
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मेरा सौभाग्य जो मुझे सतना आने का मौका मिला, मेरा देश सौभाग्यशाली है जो इस देश को मोदी जी जैसा पीएम मिला. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार के लिए नए नारा "मोदी है तो मुमकिन है" देकर सुषमा स्वराज ने चर्चा क्रायक्रम का समापन किया.