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#JeeneDo सुरक्षा सखी योजना : महिलाओं को पुलिस से जोड़ने की मुहिम...पीड़ित महिलाओं तक पहुंचेगी पुलिस

राजस्थान में महिला सुरक्षा को बल देने के लिए सुरक्षा सखी योजना शुरू की गई है. महिलाओं को पुलिस से जोड़ने की इस योजना के तहत राजधानी जयपुर में थाना स्तर पर सुरक्षा सखी बनाई जा रही हैं. जिसमें 15 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की उम्र की महिलाओं को सुरक्षा सखी के रूप में नियुक्त किया जा रहा है.

सुरक्षा सखी योजना
सुरक्षा सखी योजना
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Published : Aug 4, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 10:37 PM IST

जयपुर. कई बार पीड़ित महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पातीं. सुरक्षा सखियों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं तक पुलिस की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही पीड़ित महिला को संबल प्रदान कर थाने तक जयपुर लाने में भी मदद की जाएगी. सही सलाह मशवरा करके उनकी सहायता की जाएगी.

सुरक्षा सखी योजना पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई मुख्य योजनाओं में से एक है. सुरक्षा सखी योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को पुलिस से जोड़ना है. 15 से 60 वर्ष की उम्र तक की महिलाएं सुरक्षा सखी बन सकती हैं. थाने पर नियुक्त महिला सुरक्षा सखी से ये अपेक्षा की जाती है कि वे पुलिस और महिलाओं के बीच सेतु का कार्य करें.

सुरक्षा सखी योजना : एक सकारात्मक पहल

सुरक्षा सखी पीड़ित महिलाओं तक पुलिस की योजनाएं लेकर जाएंगी. महिला से जुड़ी कोई घटना होने पर पीड़ित महिला को संबल प्रदान कर थाने तक लाने और सही सलाह मशवरा करने में उसकी मदद करने का काम ये सखी करेंगी. इसके साथ ही पुलिस विभाग की ओर से समय-समय पर महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी ये सखियां करेंगी.

पढ़ें- अलवर में 464 सुरक्षा सखियों ने संभाला मोर्चा, पुलिस और महिलाओं के बीच करेंगी कड़ी का काम

सुरक्षा सखी योजना का अच्छा रिस्पांस

जयपुर की नॉर्थ जिला पुलिस ने 13 पुलिस थानों में यह योजना शुरू की है. करीब 150 से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया है. जो महिलाएं सुरक्षा सखी के रूप में जुड़ी हैं, उसमें प्राथमिकता उन महिलाओं को दी गई है जिनकी पब्लिक रीच ज्यादा है. बिजनेस वूमेन, दुकानदार, टीचर, डॉक्टर, हाउस सर्वेंट जैसे कार्य करने वाली महिलाओं को ज्यादा जोड़ा जा रहा है.

कुल मिलाकर ऐसी महिलाएं जिन का ज्यादा से ज्यादा महिलाओं से संपर्क हो, उनको प्राथमिकता दी जा रही है. सुरक्षा सखी योजना का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. यह एक डेडीकेटेड योजना है.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि इस योजना में कोई लिमिट नहीं है. अधिक से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अभी प्रत्येक थाने पर 12 से 13 महिलाओं को जोड़ा जा चुका है. भविष्य में यह आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा. पुलिस ने सुरक्षा सखियों के साथ मीटिंग की थी. जिसमें महिलाओं को कहा गया था कि आमतौर पर महिलाएं थाने पर नहीं आती हैं, पीड़ित महिला पुलिस के पास आने से हिचकती है. ऐसे में ये सखियां पीड़ित महिलाओं के पास जाकर उनकी हिम्मत बढ़ाएंगी. साथ ही पीड़ित महिलाओं को थाने पर लाने या पुलिस को सूचित करने में मदद करेंगी.

सुरक्षा सखियों के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप

सुरक्षा सखियों का थाना स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है. जिस थाने पर महिला सब इंस्पेक्टर हैं वहां महिला एसआई को भी ग्रुप में रखा गया है. जहां महिला पुलिसकर्मी नहीं हैं, वहां पुरुष सब इंस्पेक्टर को सुरक्षा सखी कोऑर्डिनेटर के रूप में ग्रुप से जोड़ा गया है. व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लगातार सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है.

ब्रह्मपुरी थाना सीएलजी रजनी पांडे ने बताया कि पुलिस की सुरक्षा सखी योजना महिलाओं के लिए बहुत अच्छी योजना है. जो पीड़ित महिलाएं थाने में जाने से भी डरती है उनको संबल मिलेगा. सुरक्षा सखियां महिलाओं को कानून की जानकारी देंगी. इस योजना से महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अपराधों में भी कमी आएगी. सुरक्षा सखी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में सहायता करेंगी.

जयपुर. कई बार पीड़ित महिलाएं पुलिस तक नहीं पहुंच पातीं. सुरक्षा सखियों के माध्यम से पीड़ित महिलाओं तक पुलिस की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही पीड़ित महिला को संबल प्रदान कर थाने तक जयपुर लाने में भी मदद की जाएगी. सही सलाह मशवरा करके उनकी सहायता की जाएगी.

सुरक्षा सखी योजना पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी की गई मुख्य योजनाओं में से एक है. सुरक्षा सखी योजना का मूल उद्देश्य महिलाओं को पुलिस से जोड़ना है. 15 से 60 वर्ष की उम्र तक की महिलाएं सुरक्षा सखी बन सकती हैं. थाने पर नियुक्त महिला सुरक्षा सखी से ये अपेक्षा की जाती है कि वे पुलिस और महिलाओं के बीच सेतु का कार्य करें.

सुरक्षा सखी योजना : एक सकारात्मक पहल

सुरक्षा सखी पीड़ित महिलाओं तक पुलिस की योजनाएं लेकर जाएंगी. महिला से जुड़ी कोई घटना होने पर पीड़ित महिला को संबल प्रदान कर थाने तक लाने और सही सलाह मशवरा करने में उसकी मदद करने का काम ये सखी करेंगी. इसके साथ ही पुलिस विभाग की ओर से समय-समय पर महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी ये सखियां करेंगी.

पढ़ें- अलवर में 464 सुरक्षा सखियों ने संभाला मोर्चा, पुलिस और महिलाओं के बीच करेंगी कड़ी का काम

सुरक्षा सखी योजना का अच्छा रिस्पांस

जयपुर की नॉर्थ जिला पुलिस ने 13 पुलिस थानों में यह योजना शुरू की है. करीब 150 से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया है. जो महिलाएं सुरक्षा सखी के रूप में जुड़ी हैं, उसमें प्राथमिकता उन महिलाओं को दी गई है जिनकी पब्लिक रीच ज्यादा है. बिजनेस वूमेन, दुकानदार, टीचर, डॉक्टर, हाउस सर्वेंट जैसे कार्य करने वाली महिलाओं को ज्यादा जोड़ा जा रहा है.

कुल मिलाकर ऐसी महिलाएं जिन का ज्यादा से ज्यादा महिलाओं से संपर्क हो, उनको प्राथमिकता दी जा रही है. सुरक्षा सखी योजना का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. यह एक डेडीकेटेड योजना है.

डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि इस योजना में कोई लिमिट नहीं है. अधिक से अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अभी प्रत्येक थाने पर 12 से 13 महिलाओं को जोड़ा जा चुका है. भविष्य में यह आंकड़ा और अधिक बढ़ेगा. पुलिस ने सुरक्षा सखियों के साथ मीटिंग की थी. जिसमें महिलाओं को कहा गया था कि आमतौर पर महिलाएं थाने पर नहीं आती हैं, पीड़ित महिला पुलिस के पास आने से हिचकती है. ऐसे में ये सखियां पीड़ित महिलाओं के पास जाकर उनकी हिम्मत बढ़ाएंगी. साथ ही पीड़ित महिलाओं को थाने पर लाने या पुलिस को सूचित करने में मदद करेंगी.

सुरक्षा सखियों के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप

सुरक्षा सखियों का थाना स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है. जिस थाने पर महिला सब इंस्पेक्टर हैं वहां महिला एसआई को भी ग्रुप में रखा गया है. जहां महिला पुलिसकर्मी नहीं हैं, वहां पुरुष सब इंस्पेक्टर को सुरक्षा सखी कोऑर्डिनेटर के रूप में ग्रुप से जोड़ा गया है. व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लगातार सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है.

ब्रह्मपुरी थाना सीएलजी रजनी पांडे ने बताया कि पुलिस की सुरक्षा सखी योजना महिलाओं के लिए बहुत अच्छी योजना है. जो पीड़ित महिलाएं थाने में जाने से भी डरती है उनको संबल मिलेगा. सुरक्षा सखियां महिलाओं को कानून की जानकारी देंगी. इस योजना से महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अपराधों में भी कमी आएगी. सुरक्षा सखी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में सहायता करेंगी.

Last Updated : Aug 4, 2021, 10:37 PM IST
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