जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी में प्रवेश के लिए दो साल बाद होने वाली 'एमफिल पीएचडी एंट्रेस टेस्ट (एमपेट) एक बार फिर विवादों में घिरती दिख रही है. इस बार इस प्रवेश परीक्षा के लिए तय किया गया 2805 रुपए का शुल्क विरोध का कारण बन रहा है. विद्यार्थियों ने शुल्क कम करने की मांग तेज कर दी है.
साल 2019 और 2020 में पीएचडी और एमफिल में प्रवेश के लिए होने वाला एंट्रेस टेस्ट एमपेट नहीं हो पाया था. अब एमपेट 2019 के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने विज्ञप्ति जारी की है. इसके अनुसार एंट्रेस टेस्ट की फीस 2808 रुपए तय की गई है. प्रवेश परीक्षा के लिए 28 सौ रुपए वसूलने का अब विरोध शुरू हो गया है.
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एनएसयूआई (NSUI) के प्रवक्ता रमेश भाटी का कहना है कि एमपेट के लिए 2805 रुपए शुल्क निर्धारित किया है. पूरे देश में प्रवेश परीक्षा के लिए वसूली जाने वाली यह सबसे ज्यादा राशि है. जबकि राजस्थान विश्वविद्यालय में 2800 रुपए में तो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हो जाता है. जबकि शिक्षकों से 1145 रुपए शुल्क लिया जाएगा. यह गरीब विद्यार्थियों के लिए न्यायसंगत नहीं है.
उन्होंने देश की प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एंट्रेस टेस्ट का महज 200 रुपए शुल्क लिया जाता है. उनका कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने यदि एमपेट का शुल्क कम नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा.