जयपुर. राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स में कॉलेज प्रशासन और विद्यार्थियों के बीच चल रही तनातनी फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही है. विषय से जुड़े शिक्षक लगाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों ने अब 3 अप्रैल से शुरू होने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं का बहिष्कार करने की चेतावनी देते हुए आंदोलन तेज करने की घोषणा कर दी है.
आम आदमी पार्टी और एसएफआई ने भी विद्यार्थियों की मांगों को समर्थन दिया है. बता दें कि राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थी विषय से जुड़े शिक्षक लगाने की मांग को लेकर बीते 12 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन से प्रताड़ित होकर संविदा पर लगे 9 शिक्षकों ने यहां काम करने से मना कर दिया. वे इस बात से व्यथित थे कि कॉलेज प्रशासन ने उन पर विद्यार्थियों को भड़काने का आरोप लगाया है.
विद्यार्थियों का कहना है कि वे अपने हक के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. आंदोलनकारी विद्यार्थियों के समर्थन में आम आदमी पार्टी और एसएफआई के कार्यकर्ता भी डटे हुए हैं. एसएफआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक विद्यार्थियों की मांगें नहीं मानी जाती है. तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर उन्हें विद्यार्थियों की समस्या बताई जाएगी.
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राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों की यह हैं प्रमुख मांग
विद्यार्थियों की मांग है कि कोर्स के अनुसार रिक्त पद पर व्याख्याताओं की नियुक्ति के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थना भिजवाई जाए और प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज समय समय पर विद्यार्थियों और कॉलेज प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करवाया जाए. उन्होंने आरपीएससी से व्याख्याताओं की भर्ती होने तक कोर्स के मुताबिक प्रोफेशनल फैकल्टी लगाने और एमए ड्रॉइंग एंड पेंटिंग डिग्रीधारी व्याख्याताओं का स्थानांतरण करने की भी मांग की है.