जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में (Rajasthan University) छात्र संघ चुनाव को लेकर 22 अगस्त को नॉमिनेशन फाइल होने हैं. इससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर राजस्थान विश्वविद्यालय छावनी में तब्दील कर दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से वोटर्स की लिस्ट जारी करने के बाद अब प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पुलिस प्रशासन और यूनिवर्सिटी प्रशासन की प्रॉक्टोरियल टीम तैनात किए गए हैं. बाहरी छात्रों और बाहरी वाहनों को विश्वविद्यालय में प्रवेश से रोका जा रहा है.
लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों और आचार संहिता को धरातल पर लागू किए जाने के दावों के बीच विश्वविद्यालय में आए दिन छात्र नेताओं की ओर से प्रदर्शन किए (Student Union election) जा रहे हैं. ऐसे में अब विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को छावनी में तब्दील करते हुए बाहरी छात्रों के प्रवेश से रोका जा रहा है. चीफ प्रॉक्टर प्रो. एचएस पलसानिया ने बताया कि पुलिस प्रशासन का सहयोग लेकर ये प्रयास किया जा रहा है कि छात्र किसी भी तरह के वाहन को यूनिवर्सिटी में लेकर न आएं. लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार कैंपस में किसी भी तरह के वाहन, रैली, प्रदर्शन, धरना वर्जित है. इसका सख्ती से पालन किया जा रहा है. इस संबंध में छात्रों से समझाइश भी की जा रही है.
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आईडी कार्ड से डाल सकेंगे वोट: प्रो. पलसानिया ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये तय किया है कि जिन विद्यार्थियों के सत्र 2021-22 आई कार्ड बने हुए हैं, उनके आई कार्ड इस साल भी वैध होंगे. वहीं स्नातक प्रथम वर्ष में जिनका प्रवेश हुआ है, उनके नए कार्ड बनाए जा रहे हैं. यही कार्ड उनके कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्रवेश के आधार (Security arrangements in Rajasthan University) होंगे. इन्हीं कार्ड के माध्यम से वो वोट भी डाल सकेंगे. वहीं विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को छावनी के रूप में तब्दील किया गया है. इसको लेकर प्रोफेसर पलसानिया ने बताया कि लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए पुलिस प्रशासन और प्रॉक्टोरियल टीम यहां तैनात है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड भी इस व्यवस्था में लगाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि जिन छात्रों के खिलाफ किसी भी धारा के तहत एफआईआर दर्ज है, उनकी नॉमिनेशन को लेकर राजस्थान यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (RUSU) संविधान में डिसक्वालीफिकेशन का चैप्टर है. इसमें स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि किसी छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज है तो उसे चुनाव लड़ने से वंचित नहीं किया जा सकता. यदि छात्र को कोर्ट से सजा मिली हुई हो, उसी को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है.