जयपुर. राजस्थान में आया सियासी भूचाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. जहां राजभवन ने आज दोबारा विधानसभा सत्र बुलाने की फाइल को लौटा दिया है तो वहीं दूसरी ओर बीएसपी ने अपने छह विधायकों के कांग्रेस पार्टी में विलय को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है. इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि बीएसपी के विधायक विधिवत रूप से कांग्रेस में सम्मिलित हुए हैं और स्पीकर ने उन्हें मान्यता दी है. स्पीकर की मान्यता के बाद वह वैसे ही कांग्रेस का अंग हैं, जैसे मैं कांग्रेस का विधायक हूं. उनकी सदस्यता पर कोई आंच नहीं आ सकती है.
मायावती को लेकर मीणा ने कहा कि मायावती जी एक भी दलित की मीटिंग में नहीं आती हैं. हर कोई उनमें काशीराम जी की छवि देखता है, लेकिन दोनों में कोई समानता नहीं है. राम नारायण मीणा ने आज कांग्रेस पार्टी के राजभवन के निर्देशों के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन को लेकर कहा कि भाजपा देश में 1 पार्टी का शासन चाहती है. लेकिन ऐसा तो संभव नहीं है. विपक्ष की भी अपनी महत्ता होती है.
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मीणा से कहा अब कोई बात रखनी हो तो राजभवन जाते हैं. अब हम अपनी फरियाद लेकर राजभवन के अलावा और कहां जा सकते थे. राजभवन कुछ भी निर्णय कर सकता है. राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ भी हो सकता है, इसीलिए हम जनता को जगा रहे हैं.
बता दें कि भाजपा विधायक मदन दिलावर की ओर से बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर के समक्ष दायर उनकी शिकायत याचिका में 4 माह से कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. दिलावर की याचिका पर आज हाईकोर्ट न्यायाधीश महेंद्र गोयल सुनवाई करेंगे. वहीं, इसी मामले में बहुजन समाज पार्टी भी सोमवार को हाईकोर्ट में एक याचिका पेश करेगी.
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याचिका में दिलावर ने विधानसभा स्पीकर, सचिव और सीपी जोशी सहित बसपा के 6 विधायकों को पक्षकार बनाया है. दिलावर के अधिवक्ता मनीष आशीष शर्मा ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी ने स्पीकर के यहां चार माह पहले मार्च 2020 में बसपा विधायक लखन सिंह, राजेंद्र सिंह गुढ़ा, दीपचंद, जोगेंद्र सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ शिकायत की थी.