जयपुर. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के निर्देशों पर चले सार्वजनिक निर्माण विभाग के गुणवत्ता नियंत्रण सप्ताह के दौरान विभाग के मुख्य अभियंताओं से लेकर अधिशासी अभियंताओं ने 1651 कामों का निरीक्षण किया. पायलट ने बयान जारी कर बताया कि इस गुणवत्ता नियंत्रण सप्ताह में कुल 5590 गुणवत्ता परीक्षणों में से 5325 परीक्षण निर्धारित मापदंडों के अनुसार पाए गए, जबकि बाकी बचे 174 कार्य गुणवत्ता मापदंडों के अनुरूप नहीं पाए गए. जो सैंपल फैल हुए हैं उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.
पायलट ने कहा कि विभाग ने प्रदेश भर में किए निरीक्षण एवं गुणवत्ता परीक्षणों से विभाग के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव आएंगे. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण सप्ताह में मुख्य अभियंताओं ने 12, अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं ने 56, अधीक्षण अभियंताओं ने 1457 और विद्युत अनुभाग ने 126 निरीक्षण किए हैं.
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विभाग के 6 निर्माण कार्यों का विभिन्न अभियांत्रिकी महाविद्यालय के विशेषज्ञ व्याख्याताओं की ओर से भी गुणवत्ता परीक्षण करवाया गया है. विभाग के वरिष्ठ अभियंताओं ने मुख्यालय, संभाग और जिला स्तर पर संचालित सभी गुण नियंत्रण प्रयोगशाला का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने के लिए विभिन्न उपकरण उपलब्ध करवाने की कार्रवाई भी जल्द ही की जाएगी.
इस दौरान विभाग के अभियंताओं को नई तकनीक की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए 26 जून को संभाग एवं जिला स्तर पर कुल 32 कार्यशाला आयोजित की गई. वहीं बिटुमीन और सीमेंट कंक्रीट सड़क निर्माण की नवीन तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए 27 जून को वेबीनार भी आयोजित कि गई.
गौरतलब है कि पायलट ने स्वयं भी बस्सी तुंगा सड़क का निरीक्षण किया. इस सड़क में बिटुमिन की मात्रा और अन्य परीक्षणों के लिए सड़क का एक कोर काट कर परीक्षण के लिए भेजा गया था, जिसका केंद्रीय प्रयोगशाला में परीक्षण करवाया गया.