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ट्रेड लाइसेंस शुल्क नियम स्थगित : राजस्थान सरकार ने निगमों की ओर से ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने के नियम को किया स्थगित

व्यापारिक संगठनों के विरोध और कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ट्रेड लाइसेंस शुल्क की वसूली को लेकर बनाए गए नियमों को फिलहाल स्थगित कर दिया है. स्वायत्त शासन विभाग आदेश जारी करते हुए ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम को निर्देशित किया है.

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Published : Sep 10, 2021, 2:37 PM IST

ट्रेड लाइसेंस शुल्क नियम स्थगित
ट्रेड लाइसेंस शुल्क नियम स्थगित

जयपुर. नगर निगम प्रशासन की ओर से लागू किए गए ट्रेड लाइसेंस शुल्क के खिलाफ जयपुर के व्यापारी खुलकर विरोध में उतरे और 11 सितंबर को शहर के सभी बाजारों को बंद करने की चेतावनी दी. इसे लेकर विधायक, मंत्री से लेकर सीएम तक को ज्ञापन सौंपा गया. जिसके बाद राज्य सरकार ने ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने के नियमों पर स्थगन आदेश जारी किए हैं.

आदेशों में स्पष्ट किया गया कि जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम द्वारा विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों पर लागू किए गये लाइसेंस शुल्क के विरुद्ध विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर विचार करने के बाद वर्तमान में कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए ये उचित समझा गया कि इन नियमों के क्रियान्वयन को स्थगित किया जाये.

ट्रेड लाइसेंस शुल्क नियम स्थगित
स्थगन का आदेश

ऐसे में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 327 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपरोक्त नियमों की क्रियान्विती को स्थगित किया जाता है. दोनों नगर निगम को निर्देशित किया जाता है कि इस संबंध में विस्तृत रिपोर्टमय रिकॉर्ड पेश करें. आदेश जारी होने के बाद अब व्यापारिक संगठनों ने भी 11 सितंबर के बंद को स्थगित कर दिया है.

पढ़ें- ट्रेड लाइसेंस से नाराज व्यापारियों ने जयपुर बंद के लिए BJP से मांगा समर्थन

ये ट्रेड लाइसेंस शुल्क किये गए थे लागू

कोचिंग इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस में स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर रजिस्ट्रेशन चार्ज लगाने का प्रावधान था, होस्टल, पेइंग गेस्ट का रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस (5 बेड्स से लेकर अधिक तक) वार्षिक फीस तय की गई थी, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लिनिक और पैथ लैब का रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस लेने का प्रावधान था, तम्बाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री पर अस्थाई दुकानों, फुटपाथ पर थड़ी, ठेला, फुटकर दुकानें, थोक विक्रेताओं से हर साल रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान था, होल सेल, खुदरा और अन्य सामान बेचने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन तय किया गया था.

इसके साथ ही पशु-पक्षी आहार, बिल्डिंग मेटेरियल, गारमेंट्स, होजरी और कपड़ा बिज़नेस, जूते चप्पल की दुकान, टेंट दुकान, शराब की दुकान, अण्डे की दुकान, सब्जी की दुकान, किराणा जनरल मर्चेज स्टोर, कैमिस्ट-दवाईयों की दुकान के लिए फीस का प्रावधान था. इस नियम का प्रदेशभर में विरोध किया जा रहा था. फिलहाल सरकार ने इसे निरस्त किया है.

जयपुर. नगर निगम प्रशासन की ओर से लागू किए गए ट्रेड लाइसेंस शुल्क के खिलाफ जयपुर के व्यापारी खुलकर विरोध में उतरे और 11 सितंबर को शहर के सभी बाजारों को बंद करने की चेतावनी दी. इसे लेकर विधायक, मंत्री से लेकर सीएम तक को ज्ञापन सौंपा गया. जिसके बाद राज्य सरकार ने ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूलने के नियमों पर स्थगन आदेश जारी किए हैं.

आदेशों में स्पष्ट किया गया कि जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम द्वारा विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों पर लागू किए गये लाइसेंस शुल्क के विरुद्ध विभिन्न व्यापारिक संगठनों के प्रतिवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर विचार करने के बाद वर्तमान में कोविड महामारी को दृष्टिगत रखते हुए ये उचित समझा गया कि इन नियमों के क्रियान्वयन को स्थगित किया जाये.

ट्रेड लाइसेंस शुल्क नियम स्थगित
स्थगन का आदेश

ऐसे में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 327 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपरोक्त नियमों की क्रियान्विती को स्थगित किया जाता है. दोनों नगर निगम को निर्देशित किया जाता है कि इस संबंध में विस्तृत रिपोर्टमय रिकॉर्ड पेश करें. आदेश जारी होने के बाद अब व्यापारिक संगठनों ने भी 11 सितंबर के बंद को स्थगित कर दिया है.

पढ़ें- ट्रेड लाइसेंस से नाराज व्यापारियों ने जयपुर बंद के लिए BJP से मांगा समर्थन

ये ट्रेड लाइसेंस शुल्क किये गए थे लागू

कोचिंग इंस्टीट्यूट, लाइब्रेरी रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस में स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर रजिस्ट्रेशन चार्ज लगाने का प्रावधान था, होस्टल, पेइंग गेस्ट का रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस (5 बेड्स से लेकर अधिक तक) वार्षिक फीस तय की गई थी, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लिनिक और पैथ लैब का रजिस्ट्रेशन और परमिशन फीस लेने का प्रावधान था, तम्बाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री पर अस्थाई दुकानों, फुटपाथ पर थड़ी, ठेला, फुटकर दुकानें, थोक विक्रेताओं से हर साल रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान था, होल सेल, खुदरा और अन्य सामान बेचने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन तय किया गया था.

इसके साथ ही पशु-पक्षी आहार, बिल्डिंग मेटेरियल, गारमेंट्स, होजरी और कपड़ा बिज़नेस, जूते चप्पल की दुकान, टेंट दुकान, शराब की दुकान, अण्डे की दुकान, सब्जी की दुकान, किराणा जनरल मर्चेज स्टोर, कैमिस्ट-दवाईयों की दुकान के लिए फीस का प्रावधान था. इस नियम का प्रदेशभर में विरोध किया जा रहा था. फिलहाल सरकार ने इसे निरस्त किया है.

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