जयपुर. कोरोना और लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार जुट गई है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी. इसी कड़ी में बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने आई और कुछ अहम घोषणाएं की. आम आदमी पर इन घोषणाओं का क्या असर पर पड़ेगा, इन्हीं मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने बात की जयपुर के सीए अर्पित मित्तल से.
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण केंद्र सरकार को देश में लॉकडाउन लागू करना पड़ा. फिलहाल लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है और जिस प्रकार से लगातार संक्रमण के मामने सामने आ रहे हैं, उससे तय माना जा रहा है कि चौथे लॉकडाउन की भी जल्द ही घोषणा हो जाएगी. पीएम देश के नाम अपने संबोधन में चौथे लॉकडाउन की ओर इशारा भी कर चुके हैं.
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बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रियल एस्टेट के लिए बड़ी घोषणा की. केंद्र सरकार ने रेरा में रजिस्टर्ड निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया है. इसका सीधा मतलब ये हुआ कि निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
माना जा रहा है कि इस मुश्किल वक्त में सरकार द्वारा की गई इस घोषणा से रियल एस्टेट सेक्टर को हिम्मत भी मिलेगी और वो मजबूत इरादे के साथ अपने बचे हुए प्रोजेक्ट भी पूरे कर सकेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के चलते 25 मार्च, 2020 के बाद जो भी रजिस्ट्रेशन और कंस्ट्रक्शन के लिए आगे बढ़े हैं, उन्हें 6 माह के लिए फायदा मिलेगा. वित्त मंत्री ने साफ किया कि बिल्डरों को भी मकान पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा.
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रियल एस्टेट सेक्टर को दी गई इस राहत को लेकर ईटीवी भारत की ने बात की सीए अर्पित मित्तल से. अर्पित मित्तल ने बताया कि सरकार ने जो घोषणा की है उससे निश्चित तौर पर रियल एस्टेट को कुछ राहत तो जरूर मिलेगी. हालांकि ऐसा कुछ नहीं हो कि रियल एस्टेट की हालत रातों-रात सुधर जाएगी. इस सेक्टर के सामने पहले ही कई बड़ी चुनौतियां हैं.
हालांकि बड़ा सवाल ये भी है कि लॉकडाउन के दौरान लाखों मजदूर वापस अपने-अपने राज्य जा चुके हैं, ऐसे में अब प्रोजेक्ट्स को पूरा करना अपने आप में चुनौतीपूर्ण होगा.