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स्पेशल: फूलों के व्यापार पर कोरोना की मार, Lock हुए Flower

कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन से पूरे देश की अर्थव्यवस्था उलट-पुलट हो गई है. बाजार बंद होने से छोटे-बड़े सभी धंधे मंद पड़ गए हैं. जिससे व्यापारियों से लेकर किसानों तक को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं फूलों के किसानों पर भी लॉकडाउन का व्यापक असर पड़ा है. खेतों में लहरा रहे फूल अब पड़े-पड़े मुरझा चुके हैं, क्योंकि इन्हें खरीदने वाला अब कोई नहीं है.

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फूलों के व्यापार पर कोरोना की मार
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Published : Apr 8, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 5:09 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ रहा है. कोरोना वायरस की वजह से जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ है. वहीं अब फूल भी लॉकडाउन हो चुके हैं.

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Lock हुए Flower

ईटीवी भारत की टीम ने फूलों की खेती और बाजार की स्थिति को लेकर किसानों और फूल व्यापारियों से हालात की जानकारी ली. लॉकडाउन के चलते फूल मंडिया भी बंद पड़ी हुई है. ऐसे में कई महीनों की मेहनत करके लगाए गए फूल खेतों में ही खराब हो रहे हैं. इस बार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. किसानों को फूलों की फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

फूलों के व्यापार पर कोरोना की मार

शादियों में होती थी फूलों की डिमांड...

किसानों की मानें तो हर साल नवरात्रों और शादियों में फूलों की डिमांड रहती है. डिमांड ज्यादा होने से किसानों को फूलों के दाम भी अच्छे मिलते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सभी मंडिया, धार्मिक कार्यक्रम और शादी-विवाह भी बंद है. इसी वक्त किसानों को फूलों की फसल से काफी उम्मीदें रहती थी. लेकिन इस बार लॉकडाउन ने किसानों की सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

यह भी पढ़ें : जयपुर के रामगंज क्षेत्र में लिए जाएंगे दो हजार रैंडम सैंपल, स्क्रीनिंग टीमों और अधिकारियों की होगी काउंसलिंग

लॉकडाउन और फूल मंडिया बंद होने की वजह से किसान फूलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे. ऐसे में फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो रही है. हजारे के फूलों की फसल खराब हो चुकी है और परिवार खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

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किसानों तक को भारी नुकसान

इस बार नहीं मनाया गया कोई पर्व...

फूलों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि मार्च के महीने में चैत्र नवरात्रों की शुरुआत के साथ ही फूलों के बाजार में भी तेजी आ जाती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते किसानों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं.

नवरात्र का करते रह गए इंतजार...

लॉकडाउन से पहले फुल मंडियों में 2 से 3 रुपए किलो के भाव में फूल बिक रहे थे. किसान नवरात्र शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, ताकि अपने फूलों को अच्छे दामों पर बेच सकें. इसी इंतजार में किसान अपनी फसलों कि अच्छे से देखरेख कर फूलों को तैयार कर रहे थे. अक्टूबर से दिसंबर माह के बीच में लगाई गई फूलों की फसल का यह आखिरी समय है. ऐसे में इसी वक्त फूलों का बाजार भी गर्म रहता था. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते फूलों के बाजार पर भी काफी असर पड़ा है. अब किसान खेतों से फूलों की फसल को भी उखाड़ कर हटा रहे हैं, क्योंकि फसल को खेत में रखकर कोई फायदा नहीं रहा. ऐसे में किसान नई फसल की तैयारियों में जुट गए हैं.

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फूल भी लॉकडाउन

यह भी पढ़ें- कोरोना से खूब लड़ा भीलवाड़ा...बना मिसाल

परिवार का खर्च चलाना हुआ मुश्किल...

फूल व्यापारियों से भी ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो व्यापारी ने बताया कि 200 से 300 किलो फूलों का व्यापार रोज चल रहा था. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद फूलों का व्यापार भी पूरी तरह से ठप्प हो गया है. ऐसे में परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. इसी वक्त फूलों का बाजार तेज रहता है और इसी वक्त लॉकडाउन होने की वजह से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. अब फूल व्यापारियों की स्थिति भी खराब हो रही है. इस समय हजारे के फूल, गुलाब के फूल और मोगरे के फूल ज्यादा चलते हैं. जिनमें से हजारे की फसलें तो खराब हो चुकी हैं.

जयपुर. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ रहा है. कोरोना वायरस की वजह से जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ है. वहीं अब फूल भी लॉकडाउन हो चुके हैं.

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Lock हुए Flower

ईटीवी भारत की टीम ने फूलों की खेती और बाजार की स्थिति को लेकर किसानों और फूल व्यापारियों से हालात की जानकारी ली. लॉकडाउन के चलते फूल मंडिया भी बंद पड़ी हुई है. ऐसे में कई महीनों की मेहनत करके लगाए गए फूल खेतों में ही खराब हो रहे हैं. इस बार किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. किसानों को फूलों की फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है.

फूलों के व्यापार पर कोरोना की मार

शादियों में होती थी फूलों की डिमांड...

किसानों की मानें तो हर साल नवरात्रों और शादियों में फूलों की डिमांड रहती है. डिमांड ज्यादा होने से किसानों को फूलों के दाम भी अच्छे मिलते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सभी मंडिया, धार्मिक कार्यक्रम और शादी-विवाह भी बंद है. इसी वक्त किसानों को फूलों की फसल से काफी उम्मीदें रहती थी. लेकिन इस बार लॉकडाउन ने किसानों की सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

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लॉकडाउन और फूल मंडिया बंद होने की वजह से किसान फूलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे. ऐसे में फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो रही है. हजारे के फूलों की फसल खराब हो चुकी है और परिवार खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

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किसानों तक को भारी नुकसान

इस बार नहीं मनाया गया कोई पर्व...

फूलों की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि मार्च के महीने में चैत्र नवरात्रों की शुरुआत के साथ ही फूलों के बाजार में भी तेजी आ जाती है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते किसानों की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं.

नवरात्र का करते रह गए इंतजार...

लॉकडाउन से पहले फुल मंडियों में 2 से 3 रुपए किलो के भाव में फूल बिक रहे थे. किसान नवरात्र शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, ताकि अपने फूलों को अच्छे दामों पर बेच सकें. इसी इंतजार में किसान अपनी फसलों कि अच्छे से देखरेख कर फूलों को तैयार कर रहे थे. अक्टूबर से दिसंबर माह के बीच में लगाई गई फूलों की फसल का यह आखिरी समय है. ऐसे में इसी वक्त फूलों का बाजार भी गर्म रहता था. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते फूलों के बाजार पर भी काफी असर पड़ा है. अब किसान खेतों से फूलों की फसल को भी उखाड़ कर हटा रहे हैं, क्योंकि फसल को खेत में रखकर कोई फायदा नहीं रहा. ऐसे में किसान नई फसल की तैयारियों में जुट गए हैं.

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फूल भी लॉकडाउन

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परिवार का खर्च चलाना हुआ मुश्किल...

फूल व्यापारियों से भी ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की तो व्यापारी ने बताया कि 200 से 300 किलो फूलों का व्यापार रोज चल रहा था. लेकिन लॉकडाउन होने के बाद फूलों का व्यापार भी पूरी तरह से ठप्प हो गया है. ऐसे में परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. इसी वक्त फूलों का बाजार तेज रहता है और इसी वक्त लॉकडाउन होने की वजह से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. अब फूल व्यापारियों की स्थिति भी खराब हो रही है. इस समय हजारे के फूल, गुलाब के फूल और मोगरे के फूल ज्यादा चलते हैं. जिनमें से हजारे की फसलें तो खराब हो चुकी हैं.

Last Updated : Apr 8, 2020, 5:09 PM IST
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