जयपुर. मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो में 8 एलिवेटेड और एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं. जहां दिन भर में मेट्रो ट्रेन 170 फेरे लगाती है. लेकिन तमाम सुविधाओं के बावजूद मेट्रो से करीब 22 हजार यात्री ही 1 दिन में सफर करते हैं. ऐसे में शहरवासी आज तक मेट्रो से रूबरू नहीं हो पाए हैं, ना तो उन्हें किराए की जानकारी है, और ना ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुविधा की. यहीं वजह है कि तमाम प्रयासों के बाद भी मेट्रो की सवारियां बढ़ नहीं पा रही.
मेट्रो को 5 साल, यात्री भार 22 हजार...
जयपुर मेट्रो अपने 5वें साल में चल रही है, लेकिन 37 लाख की आबादी वाले जयपुर में महज 20 से 22 हजार लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका कारण मेट्रो फेस वन के रूट को माना जा सकता है, लेकिन मेट्रो की सवारियों की संख्या कम रहने की एक प्रमुख वजह लोगों की अधूरी जानकारी भी है.
सबसे कम 6 और सबसे ज्यादा 18 रुपए किराया...
दरअसल, मेट्रो ने अपने उपभोक्ताओं के लिए कम किराए में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई. लेकिन आम जनता का पैर अभी भी यहां नहीं पड़ रहा. इस संबंध में मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि जयपुर मेट्रो शहर की जनता के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक और सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा है. अभी न्यूनतम किराया 6 रुपए और अधिकतम किराया 18 रुपए है. जो मानसरोवर से चांदपोल तक आने वाले यात्रियों को देना होता है. इसके अलावा जो लोग मेट्रो स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें 10 प्रतिशत किराए में छूट भी दी जाती है.
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बड़ी चौपड़ तक मेट्रो के बाद बढ़ेगा यात्री भार...
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो किराया है, वो प्रति किलोमीटर देश के सभी मेट्रो सिस्टम में सबसे कम है. सिंघल के अनुसार वर्तमान में मेट्रो की सवारी संख्या 20 से 22 हजार है. लेकिन बड़ी चौपड़ तक मेट्रो चलने के बाद परकोटे की सवारियां इससे जुड़ेंगी, तो ये संख्या बढ़ती हुई नजर आएगी.
एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी...
हालांकि जयपुर मेट्रो से सवारियों के नहीं जुड़ने की एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी मानी जाती रही है. इसे लेकर मुकेश सिंघल ने बताया कि सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. इसमें जेसीटीएसएल बस सेवा मुहाना मंडी तक, टाटा मैजिक गाड़ियां चांदपोल से खोले के हनुमान जी तक शामिल है और कुछ एक स्टेशन पर काफी सस्ते दामों में ई-रिक्शा की व्यवस्था की हुई है.
बहरहाल, जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यहां फुटफॉल नहीं बढ़ रहा. ऐसे में अब परकोटे में मेट्रो ट्रेन चलने के बाद यात्री भार बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही हैं.