ETV Bharat / city

Ground Report: सुविधाएं ज्यादा किराया कम, फिर भी Metro train में सवारियों की संख्या कम

जयपुर मेट्रो को शुरू हुए 5 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी भी यात्रियों के लिहाज से मेट्रो में सवारी करने वालों की संख्या काफी कम है. हालांकि देश में सबसे कम किराया और सुविधाएं जयपुर मेट्रो की ओर से दी जा रही है. फिर भी 38 लाख की आबादी वाले जयपुर में सिर्फ 20 से 22 हजार लोग ही जयपुर मेट्रो में सफर करते हैं. आखिर क्या है इसकी वजह जानिए स्पेशल रिपोर्ट में...

Jaipur Metro, passengers less in Jaipur Metro
जयपुर मेट्रो में सवारियों की संख्या कम
author img

By

Published : Jan 21, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 3:37 PM IST

जयपुर. मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो में 8 एलिवेटेड और एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं. जहां दिन भर में मेट्रो ट्रेन 170 फेरे लगाती है. लेकिन तमाम सुविधाओं के बावजूद मेट्रो से करीब 22 हजार यात्री ही 1 दिन में सफर करते हैं. ऐसे में शहरवासी आज तक मेट्रो से रूबरू नहीं हो पाए हैं, ना तो उन्हें किराए की जानकारी है, और ना ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुविधा की. यहीं वजह है कि तमाम प्रयासों के बाद भी मेट्रो की सवारियां बढ़ नहीं पा रही.

जयपुर मेट्रो में सवारियों की संख्या कम...

मेट्रो को 5 साल, यात्री भार 22 हजार...

जयपुर मेट्रो अपने 5वें साल में चल रही है, लेकिन 37 लाख की आबादी वाले जयपुर में महज 20 से 22 हजार लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका कारण मेट्रो फेस वन के रूट को माना जा सकता है, लेकिन मेट्रो की सवारियों की संख्या कम रहने की एक प्रमुख वजह लोगों की अधूरी जानकारी भी है.

सबसे कम 6 और सबसे ज्यादा 18 रुपए किराया...

दरअसल, मेट्रो ने अपने उपभोक्ताओं के लिए कम किराए में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई. लेकिन आम जनता का पैर अभी भी यहां नहीं पड़ रहा. इस संबंध में मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि जयपुर मेट्रो शहर की जनता के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक और सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा है. अभी न्यूनतम किराया 6 रुपए और अधिकतम किराया 18 रुपए है. जो मानसरोवर से चांदपोल तक आने वाले यात्रियों को देना होता है. इसके अलावा जो लोग मेट्रो स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें 10 प्रतिशत किराए में छूट भी दी जाती है.

पढ़ें- अब जयपुर मेंट्रों में आप भी कर सकेंगे बर्थडे सेलिब्रेट, आएगा इतना खर्च

बड़ी चौपड़ तक मेट्रो के बाद बढ़ेगा यात्री भार...

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो किराया है, वो प्रति किलोमीटर देश के सभी मेट्रो सिस्टम में सबसे कम है. सिंघल के अनुसार वर्तमान में मेट्रो की सवारी संख्या 20 से 22 हजार है. लेकिन बड़ी चौपड़ तक मेट्रो चलने के बाद परकोटे की सवारियां इससे जुड़ेंगी, तो ये संख्या बढ़ती हुई नजर आएगी.

एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी...

हालांकि जयपुर मेट्रो से सवारियों के नहीं जुड़ने की एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी मानी जाती रही है. इसे लेकर मुकेश सिंघल ने बताया कि सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. इसमें जेसीटीएसएल बस सेवा मुहाना मंडी तक, टाटा मैजिक गाड़ियां चांदपोल से खोले के हनुमान जी तक शामिल है और कुछ एक स्टेशन पर काफी सस्ते दामों में ई-रिक्शा की व्यवस्था की हुई है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : 2019 इंतजार में बीत गया, अब जयपुर के इन ड्रीम प्रोजेक्ट्स को लेकर 2020 पर निगाहें टिकी

बहरहाल, जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यहां फुटफॉल नहीं बढ़ रहा. ऐसे में अब परकोटे में मेट्रो ट्रेन चलने के बाद यात्री भार बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही हैं.

जयपुर. मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो में 8 एलिवेटेड और एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं. जहां दिन भर में मेट्रो ट्रेन 170 फेरे लगाती है. लेकिन तमाम सुविधाओं के बावजूद मेट्रो से करीब 22 हजार यात्री ही 1 दिन में सफर करते हैं. ऐसे में शहरवासी आज तक मेट्रो से रूबरू नहीं हो पाए हैं, ना तो उन्हें किराए की जानकारी है, और ना ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुविधा की. यहीं वजह है कि तमाम प्रयासों के बाद भी मेट्रो की सवारियां बढ़ नहीं पा रही.

जयपुर मेट्रो में सवारियों की संख्या कम...

मेट्रो को 5 साल, यात्री भार 22 हजार...

जयपुर मेट्रो अपने 5वें साल में चल रही है, लेकिन 37 लाख की आबादी वाले जयपुर में महज 20 से 22 हजार लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका कारण मेट्रो फेस वन के रूट को माना जा सकता है, लेकिन मेट्रो की सवारियों की संख्या कम रहने की एक प्रमुख वजह लोगों की अधूरी जानकारी भी है.

सबसे कम 6 और सबसे ज्यादा 18 रुपए किराया...

दरअसल, मेट्रो ने अपने उपभोक्ताओं के लिए कम किराए में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई. लेकिन आम जनता का पैर अभी भी यहां नहीं पड़ रहा. इस संबंध में मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि जयपुर मेट्रो शहर की जनता के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक और सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा है. अभी न्यूनतम किराया 6 रुपए और अधिकतम किराया 18 रुपए है. जो मानसरोवर से चांदपोल तक आने वाले यात्रियों को देना होता है. इसके अलावा जो लोग मेट्रो स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें 10 प्रतिशत किराए में छूट भी दी जाती है.

पढ़ें- अब जयपुर मेंट्रों में आप भी कर सकेंगे बर्थडे सेलिब्रेट, आएगा इतना खर्च

बड़ी चौपड़ तक मेट्रो के बाद बढ़ेगा यात्री भार...

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो किराया है, वो प्रति किलोमीटर देश के सभी मेट्रो सिस्टम में सबसे कम है. सिंघल के अनुसार वर्तमान में मेट्रो की सवारी संख्या 20 से 22 हजार है. लेकिन बड़ी चौपड़ तक मेट्रो चलने के बाद परकोटे की सवारियां इससे जुड़ेंगी, तो ये संख्या बढ़ती हुई नजर आएगी.

एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी...

हालांकि जयपुर मेट्रो से सवारियों के नहीं जुड़ने की एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी मानी जाती रही है. इसे लेकर मुकेश सिंघल ने बताया कि सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. इसमें जेसीटीएसएल बस सेवा मुहाना मंडी तक, टाटा मैजिक गाड़ियां चांदपोल से खोले के हनुमान जी तक शामिल है और कुछ एक स्टेशन पर काफी सस्ते दामों में ई-रिक्शा की व्यवस्था की हुई है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : 2019 इंतजार में बीत गया, अब जयपुर के इन ड्रीम प्रोजेक्ट्स को लेकर 2020 पर निगाहें टिकी

बहरहाल, जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यहां फुटफॉल नहीं बढ़ रहा. ऐसे में अब परकोटे में मेट्रो ट्रेन चलने के बाद यात्री भार बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही हैं.

Intro:नोट - pls consulta with love gaur.

जयपुर - मानसरोवर से चांदपोल तक जयपुर मेट्रो में 8 एलिवेटेड और एक भूमिगत मेट्रो स्टेशन है। जहां दिन भर में मेट्रो ट्रेन 170 फेरे लगाती है। लेकिन तमाम सुविधाओं के बावजूद मेट्रो से करीब 22 हजार यात्री ही 1 दिन में सफर करते हैं। ऐसे में शहरवासी आज तक मेट्रो से रूबरू नहीं हो पाए हैं। ना तो उन्हें किराए की जानकारी है, और ना ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुविधा की। यही वजह है कि तमाम प्रयासों के बाद भी मेट्रो की सवारियां बढ़ नहीं पा रही।


Body:जयपुर मेट्रो अपने पांचवे साल में चल रही है। लेकिन 37 लाख की आबादी वाले जयपुर में महज 20 से 22 हजार लोग ही इसका इस्तेमाल करते हैं। जिसका कारण मेट्रो फेस वन के रूट को माना जा सकता है। लेकिन मेट्रो की सवारियों की संख्या कम रहने की एक प्रमुख वजह लोगों की अधूरी जानकारी भी है। दरअसल, मेट्रो ने अपने उपभोक्ताओं के लिए कम किराए में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई। लेकिन आम जनता का पैर अभी भी यहां नहीं पड़ रहा। इस संबंध में मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि जयपुर मेट्रो शहर की जनता के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक और सस्ती ट्रांसपोर्ट सेवा है। अभी न्यूनतम किराया ₹6 और अधिकतम किराया ₹18 है। जो मानसरोवर से चांदपोल तक आने वाले यात्रियों को देना होता है। इसके अलावा जो लोग मेट्रो स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें 10% किराए में छूट भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो किराया है, वो प्रति किलोमीटर देश के सभी मेट्रो सिस्टम में सबसे कम है। सिंघल के अनुसार वर्तमान में मेट्रो की सवारी संख्या 20 से 22 हजार है। लेकिन बड़ी चौपड़ तक मेट्रो चलने के बाद परकोटे की सवारियां इससे जुड़ेंगी, तो ये संख्या बढ़ती हुई नजर आएगी।

हालांकि जयपुर मेट्रो से सवारियों के नहीं जुड़ने की एक वजह लास्ट माइल कनेक्टिविटी भी मानी जाती रही है। जिसे लेकर मुकेश सिंघल ने बताया कि सवारियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसमें जेसीटीएसएल बस सेवा मुहाना मंडी तक, टाटा मैजिक गाड़ियां चांदपोल से खोले के हनुमान जी तक शामिल है। और कुछ एक स्टेशन पर काफी सस्ते दामों में ई-रिक्शा की व्यवस्था की हुई है।
बाईट - मुकेश सिंघल, एमडी, जयपुर मेट्रो


Conclusion:बहरहाल, जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यहां फुटफॉल नहीं बढ़ रहा। ऐसे में अब परकोटे में मेट्रो ट्रेन चलने के बाद यात्री भार बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है।
Last Updated : Jan 21, 2020, 3:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.