जयपुर. यूनेस्को ने भले ही गुलाबी नगर को हेरिटेज सिटी का दर्जा दे दिया है. लेकिन, राज्य सरकार की मशीनरी इतनी नकारा है कि 10 जुलाई 2019 से अब तक चारदीवारी इलाके में हेरिटेज वॉक-वे का काम पूरा नहीं हो पाया है. जबकि राज्य बजट 2019-20 में 25 जनवरी 2020 को हेरिटेज वॉक-वे के उद्घाटन की तारीख तय की गई थी.
राज्य सरकार की ओर से बजट 2019-20 में 3 करोड़ की लागत से हेरिटेज वॉक-वे तैयार कराए जाने की घोषणा की गई थी. साथ ही इस क्षेत्र को व्हीकल फ्री जोन चिन्हित करने का प्लान तैयार किया गया. जिसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग, पुरातत्व विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सौंपी गई. लेकिन, 7 महीने बीत जाने के बाद भी चौड़ा रास्ता से किशनपोल बाजार के बीच बन रहे हेरिटेज वॉक वे का काम पूरा नहीं हो पाया है.
पढे़ं : Special : पूरी पंचायत को करेंगे कचरा मुक्त.....पदभार ग्रहण करने से पहले सरपंच का स्वच्छता संकल्प
दरअसल, वॉक-वे से गुजरते हुए रियासत कालीन कला, पुरानी हवेलियां, बाजार, चारदीवारी के वाटर सिस्टम और बीते दौर की सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को दर्शाया जाना है. जिसके तहत यहां रियासत कालीन पत्थरगढ़ी होनी है. साथ ही पूरे रास्ते में कॉबलस्टोन और पुरानी डिजाइन के लैंप लगाए जाने हैं.
बाकी है फसाड़ लाइट्स का काम
इसके अलावा वॉक-वे के दोनों तरफ पुरानी इमारतों पर फसाड़ लाइटों का काम होगा. इसे लेकर नगर निगम प्रशासन ने बताया कि कॉबलस्टोन, स्ट्रीट फर्नीचर और हेरिटेज लाइट लगाने के लिए 2 करोड़ 21 लाख रुपए का टेंडर किया गया है. जिसमें से एक करोड़ 90 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं और इस महीने के अंत तक निगम स्तर पर होने वाला काम पूरा हो जाएगा. वहीं फसाड़ का काम करने की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दी गई है. इसके तहत पुरानी हवेलियों को उसके मूल स्वरूप में लाने का काम किया जाना है. इस संबंध में स्मार्ट सिटी सीईओ ने बताया कि फसाड़ के काम के लिये निविदा आमंत्रित की जा चुकी है और टेंडर खुलने के बाद काम शुरू किया जाएगा.
वॉक-वे से जुड़ा काम बाकी
हेरिटेज वॉक-वे में शिवदीन जी की हवेली के पास में चौक को प्लाजा के रूप में विकसित किया जाना है. जहां कुछ हिस्सों में हरियाली और बाकी में बैठने के लिए पत्थर की कुर्सियां लगनी है. इनके अलावा टॉयलेट, प्याऊ और चौपाटी भी बनाई जानी है.
पढ़ें: अनोखा शादी कार्ड : दूल्हे ने अमित शाह के फोटो के साथ लिखवाया 'I Support CAA'
वहीं वॉक-वे में पीतल के बर्तनों पर काम करता ठठेरा, प्रसिद्ध नक्काशी, फिल्म कॉलोनी, संजय शर्मा संग्रहालय, मुगलकालीन वास्तुकला, व्यास जी की हवेली, आरोग्य भारती आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, पुराना हनुमान मंदिर और रियासत कालीन हवेलियों पर जयपुर शिल्प और जयपुरी फाइन आर्ट प्रदर्शित की जाएगी. साथ ही बाजारों और हवेलियों के इतिहास की जानकारी के लिए साइनेज भी लगाए जाएंगे. लेकिन, अब तक कॉबलस्टोन लगाने का काम ही चल रहा है. ऐसे में आने वाले बजट से पहले ये काम पूरा होता नहीं दिख रहा.