जयपुर. सैनिकों की समस्याओं को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सभी जिला कलेक्टर्स को हर महीने सैनिक कल्याण बोर्ड की मीटिंग लेने के निर्देश दिये हैं.
सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जिला कलेक्टर सैनिक कल्याण बोर्ड की मीटिंग्स में सैनिकों/ सैनिक परिवारों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ सुनें और समाधान करें. उन्होंने कहा कि सैनिक हमारे देश की धरोहर हैं. इनकी समस्याओं का समाधान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. अगर कोई जिला कलेक्टर इसमें लापरवाही बरतते हैं तो वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
पढ़ें- वेद सोलंकी का बयान : कांग्रेस का चीर हरण करने वाले बाबूलाल नागर उठा रहे सचिन पायलट पर सवाल
खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के के हित में कोई कमी नहीं रखेगी. अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान में सैनिकों को ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं.
खाचरियावास ने मंगलवार को सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि वे सैनिक बोर्ड की हर माह बैठक लेकर लंबित प्रकरणों का निस्तारण करें. जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी है बैठक की मासिक रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध कराएं. किसी भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा सैनिक कल्याण की कार्यों में लापरवाही बरती गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनहित में संचालित सभी योजनाओं का लाभ सैनिकों को मिलना चाहिए. राज्य और जिला स्तरीय अधिकारी समस्या के निराकरण के लिए राज्य और जिला स्तर पर बैठकें लें. सरकारी नौकरी में एक्स सर्विसमैन को आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए भी कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करें.
खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीदों सैनिकों के आश्रितों स्थाई रूप से विकलांग सैनिकों के कल्याण और पूर्व में जारी कारगिल पैकेज में दे राशि को 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है. दूसरे विश्व युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों किसी अन्य स्रोत से पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है. ऐसे में सैनिक को और सैनिक विधवाओं को मासिक पेंशन 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई है. उन्होंने कहा कि सैनिक हमारे देश का मान सम्मान हैं. इन के सम्मान में किसी तरह की कोई कमी राज्य की गहलोत सरकार नहीं आने देगी.