जयपुर. राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम किया है. वहीं कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी सोमवार को मौन प्रदर्शन किया. ऐसे में कांग्रेस सत्ताधारी दल है उसकी जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना की जाए. बड़ी बात यह भी है कि वर्तमान में कांग्रेस सरकार सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और मास्क पहनने का अभियान भी चला रही है. बावजूद इसके पार्टी के नेता ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाएं तो यह शर्मनाक है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन में खास बात यह है कि प्रदेश में 11 जिले ऐसे हैं, जहां धारा- 144 भी लगी हुई है. लेकिन 100 लोगों के नाम पर होने वाले इन प्रदर्शनों में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां लगातार उड़ रही है. कांग्रेस के मौन सत्याग्रह में भी यही हालत रहे. भले ही कांग्रेस के नेताओं ने मास्क पहन रखे हों, लेकिन जिस तरीके से वे एक दूसरे के पास में सटकर बैठे थे. इससे साफ दिखाई दे रहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नेताओं के लिए नहीं बनी है. इस बारे में जब मुख्य सचेतक महेश जोशी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं, लेकिन जितना हो सकता है उतना कर रहे हैं.
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कांग्रेस पार्टी की ओर से जो मौन सत्याग्रह किया गया, उसमें एक और बात ऐसी दिखाई दी जिस पर हर कोई अचरज कर रहा था. दरअसल, कांग्रेस पार्टी के धरने में पद को लेकर जो प्रोटोकॉल होता है वह दिखाई नहीं दे रहा था. ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की शिकायत का असर था कि आज कांग्रेस के विधायक और मंत्री कार्यकर्ताओं के बीच में बैठ रहे थे. हालत ये थे कि कार्यक्रम में मंत्री परसादी लाल मीणा, विधायक इंद्राज गुर्जर कार्यकर्ताओं के बीच में बैठे थे. वहीं विधायक कृष्णा पूनिया भी पीछे की पंक्ति में बैठी दिखाई दीं.