जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल से 3 अगस्त की शाम एक अज्ञात व्यक्ति ने 4 महीने के मासूम दिव्यांश का अपहरण (SMS Hospital Child kidnapping Case) कर लिया था. मामले में शनिवार शाम जयपुर पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी. मासूम की तलाश में जुटी पुलिस टीम ने जयपुर से ही दिव्यांश को सकुशल दस्तयाब कर 3 बदमाशों (police recovered child after 3 days of kidnapping) को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस बदमाशों से पूछताछ कर रही है. वहीं शाम 7 बजे एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा प्रेस वार्ता में पूरी वारदात का खुलासा करेंगे. बच्चे के सकुशल बरामद होने के बाद जयपुर पुलिस ने राहत की सांस ली है.
3 अगस्त की शाम अनजान व्यक्ति ने किया था अपहरण
सैंथल दौसा से एक परिवार अपने 4 साल के बच्चे का इलाज कराने एसएमएस अस्पताल आया था, जहां चिकित्सकों ने उसे बांगड़ यूनिट में भर्ती कर लिया था. बच्चे को उसके दादा-दादी और मां जयपुर लेकर आए थे. उनके साथ 4 महीने का एक मासूम भी मौजूद था. मां अपने 4 साल के बेटे की देखरेख में लगी हुई थी और 4 महीने का मासूम अपने दादा-दादी के पास अस्पताल परिसर में ही था. मंगलवार को एसएमएस अस्पताल में पीड़ित पक्ष को एक अनजान व्यक्ति मिला जिसने सहानुभूति जताते हुए उनसे नज़दीकियां बढ़ाईं और उनके बच्चे का अच्छा इलाज कराने और चिकित्सकों को दिखाने का झांसा दिया.
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बुधवार शाम को बांगड़ यूनिट के गेट नंबर 5 के बाहर खाना खाने के दौरान दादा-दादी का ध्यान दूसरी तरफ बंटाकर आरोपी 4 महीने के मासूम दिव्यांश का अपहरण कर फरार हो गया. इसके बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी. पुलिस ने उसका पोस्टर जारी कर 5000 रुपए का इनाम भी रख दिया था. आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और बिहार भेजी गई थीं. 3 दिन बाद शनिवार पुलिस ने शाम 4 महीने के बच्चे को जयपुर से ही सकुशल दस्तयाब कर लिया.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि एसएमएस अस्पताल से 4 महीने की मासूम का अपहरण करने वाले आरोपी देवेंद्र उर्फ राजू जाट को मानसरोवर के रीको एरिया से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी मूलतः नदबई जिला भरतपुर का रहने वाला है जो जयपुर में अपने परिवार के साथ रहकर मजदूरी करता है. आरोपी की 4 बेटियां हैं और घर में बेटा नहीं होने के चलते पुत्र मोह में आरोपी ने एसएमएस अस्पताल से 4 महीने के मासूम का अपहरण किया. आरोपी तकरीबन 6 महीने से किसी छोटे बच्चे के अपहरण की प्लानिंग कर रहा था. इससे पूर्व रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर भी उसने किसी छोटे बच्चे को उठाने की प्लानिंग की, लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो सका. अपहरण की इस पूरी वारदात में आरोपी के साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं, फिलहाल इसके बारे में अभी आरोपी से पूछताछ की जा रही है.
इनाम घोषित करने के बाद मिली जानकारीः 3 अगस्त को एसएमएस अस्पताल से 4 महीने के मासूम का अपहरण हो जाने के बाद पुलिस काफी प्रयासों के बावजूद भी आरोपी का सुराग नहीं जुटा पा रही थी. इस पर पुलिस ने 5 अगस्त को आरोपी का पोस्टर जारी कर आरोपी की जानकारी देने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की. पोस्टर जारी करने के बाद 5 अगस्त की रात 12 बजे महेश नगर थाने के कांस्टेबल भीम सिंह के पास एक मुखबिर ने फोन कर आरोपी के मानसरोवर रीको एरिया में होने की सूचना दी. सूचना पर तमाम पुलिस टीम उसे वेरीफाई करने में जुट गई और शनिवार दोपहर तक पुलिस ने यह वेरीफाई कर लिया कि जिस व्यक्ति की सूचना दी गई है वहीं आरोपी है. इसके बाद पुलिस टीम ने शनिवार शाम तकरीबन 5 बजे आरोपी के घर पर दबिश देकर 4 महीने के मासूम को सकुशल दस्तयाब कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी ने किया पुलिस टीम पर हमला और बच्चे को बाहर फेंकने का प्रयासः पुलिस टीम जब शनिवार शाम आरोपी के घर पर दबिश देने पहुंची तो पुलिस टीम को देख आरोपी ने सरिया उठाकर कांस्टेबल भीम सिंह पर हमला करने का प्रयास किया. इसके साथ ही आरोपी की पत्नी ने अपहृत 4 महीने के मासूम को घर के बाहर फेंकने का प्रयास किया. जिस पर कॉन्स्टेबल भीम सिंह ने सूजबूझ से काम लेते हुए मासूम को बचाया और टीम के अन्य सदस्यों ने आरोपी को काबू में करते हुए उसे दबोच लिया.
महिला कॉन्स्टेबल ने दिया मां का प्यारः 4 महीने के मासूम को दस्तयाब करने के बाद उसे पुलिस टीम में मौजूद महिला कांस्टेबल मंजू को संभालने के लिए दिया गया. मंजू की गोद में आने के बाद मासूम ने रोना बंद कर दिया और मंजू ने भी मासूम को मां का प्यार देते हुए उसकी सार संभाल की. परिजनों को सौंपने से पहले तक मासूम महिला कांस्टेबल मंजू के पास ही रहा और काफी खुश नजर आया.
मासूम के परिजनों ने जताया मीडिया का आभारः जैसे ही मासूम के परिजनों को सूचना दी गई कि बच्चा सकुशल दस्तयाब कर लिया गया है वैसे ही मासूम के परिजन बच्चे को लेने जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे. परिजनों के पहुंचने के बाद पुलिस ने 4 महीने के मासूम को उसके दादा-दादी के सुपुर्द कर दिया. अपनी दादी की गोद में जाने के बाद मासूम हंसने और खेलने लगा. वहीं मासूम को सकुशल देख मासूम के दादा-दादी व परिवार के अन्य सदस्यों की आंखों में खुशी के आसूं बह निकले. मासूम को गोद में लेने के बाद उसके दादा-दादी ने मीडिया और जयपुर पुलिस का आभार व्यक्त किया.