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राजकीय ITI में लगेंगे लघु सौर ऊर्जा संयंत्र, गहलोत ने 15 करोड़ रुपए किए स्वीकृत

पूरे राजस्थान में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए भवनों पर लघु सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे. शुरूआत में 50 प्रतिशत संस्थानों में सोलर प्लांट लगाकर इनसे प्राप्त ऊर्जा के उपभोग से संस्थान के विद्युत व्यय में बचत का विश्लेषण कर शेष संस्थानों में भी संयंत्र लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री गहलोत ने इसके लिए आरसीवीईटी के फंड से 15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है.

अशोक गहलोत, Ashok Gehlot
अशोक गहलोत
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Published : Jun 18, 2021, 10:30 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, कौशल नियोजन और उद्यमिता विभाग की ओर इन नए सोलर प्लांट्स का आईटीआई के विद्यार्थियाें के लिए सौर ऊर्जा से संबंधित कोर्स के लिए प्रशिक्षण सुविधा के रूप में उपयोग किया जाएगा. जिन आईटीआई संस्थानों में सोलर पावर प्लांट्स लगाए जाएंगे, वहां विभाग की ओर से परम्परागत विद्युत उपभोग में मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर बचत का तथ्यात्मक विश्लेषण करवाया जाएगा.

बता दें, प्रदेश के सभी 218 राजकीय आईटीआई में लगभग 5527 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना प्रस्तावित है. यह कार्य राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक एण्ड इन्स्टूमेंट्स लिमिटेड (रील) के माध्यम से कैपेक्स मॉडल के तहत कराए जाएंगे. इसमें प्लांट की स्थापना के लिए राशि का निवेश और वार्षिक रख-रखाव और साफ-सफाई का खर्च संबंधित राजकीय संस्थान या विभाग की ओर से किया जाता है.

प्लांट की स्थापना के बाद संस्थान में उपभोग से शेष रही बिजली का विद्युत वितरण कंपनी की ओर से निर्धारित दर पर क्रय किया जाता है. ऐसे में संबंधित आईटीआई को साल में लगभग 70 से 100 दिन के शैक्षणिक अवकाश की अवधि में बिजली के खर्च में हुई बचत से अतिरिक्त पैसा मिल सकता है.

यह भी पढ़ेंः पायलट जनाधार वाले नेता, कद के हिसाब से पार्टी जल्द कोई रास्ता निकालेगीः मुरारी लाल मीणा

राज्य बजट में वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2020-21 के दौरान विभिन्न जिलों में 14 आईटीआई खोलना प्रस्तावित किया गया है. साथ ही 4 अन्य आईटीआई परिसरों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जाने हैं. इन सभी आईटीआई संस्थानों में नए भवनों के निर्माण के साथ-साथ लघु सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए भवन निर्माण की कार्यकारी एजेंसियों को सोलर प्लांट स्थापना के लिए राशि सीधे हस्तांतरित की जाएगी.

इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 से पूर्व घोषित आईटीआई संस्थानों, जिनके भवन का निर्माण कार्य प्रगतिरत है या निर्माण कार्य के लिए भुगतान बकाया है, के लिए भी भवन निर्माण की कार्यकारी एजेंसियों को सोलर प्लांट के लिए राशि हस्तांतरित की जाएगी.

भोपालगढ़ के मुख्य सम्पर्क मार्ग की 45 किलोमीटर लंबी सड़क होगी स्टेट हाइवे

सीएम अशोक गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 में भोपालगढ़ के मुख्य सम्पर्क मार्ग कड़वासरों की ढाणी फांटा से वाया रजलानी हीरादेसर खेड़ापा तक 45 किलोमीटर लंबाई की सड़क को स्टेट हाइवे में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी. इस निर्णय से क्षेत्र की ग्रामीण आबादी को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभ होगा, साथ ही मेड़ता, कुचेरा, गोपालगढ़ जैसी जगहों पर सीमेंट फैक्टि्रयों के कारण और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खेड़ापा राम धाम आने वाले दर्शानार्थियों के आवागमन से उत्पन्न यातायात का दबाव भी कम होगा.

यह भी पढ़ेंः Satish Poonia ने रघु शर्मा को बताया बड़बोला, कहा- बन रहे शेखचिल्ली...Twitter को लेकर भी दिया ये बड़ा बयान

बता दें, राज्य सड़क विकास नीति, 2013 के अनुसार, कम से कम तीन जिलों से गुजरने और कम से कम दो जिला मुख्यालयों अथवा चार तहसील मुख्यालयों या चार औद्योगिक क्षेत्रों को संयोजित करने वाले मार्गाें को स्टेट हाइवे घोषित किया जा सकता है. ऐसी सड़क की आधी लंबाई में यातायात का घनत्व कम से कम 3,000 पीसीयू होना आवश्यक है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, कौशल नियोजन और उद्यमिता विभाग की ओर इन नए सोलर प्लांट्स का आईटीआई के विद्यार्थियाें के लिए सौर ऊर्जा से संबंधित कोर्स के लिए प्रशिक्षण सुविधा के रूप में उपयोग किया जाएगा. जिन आईटीआई संस्थानों में सोलर पावर प्लांट्स लगाए जाएंगे, वहां विभाग की ओर से परम्परागत विद्युत उपभोग में मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर बचत का तथ्यात्मक विश्लेषण करवाया जाएगा.

बता दें, प्रदेश के सभी 218 राजकीय आईटीआई में लगभग 5527 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना प्रस्तावित है. यह कार्य राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक एण्ड इन्स्टूमेंट्स लिमिटेड (रील) के माध्यम से कैपेक्स मॉडल के तहत कराए जाएंगे. इसमें प्लांट की स्थापना के लिए राशि का निवेश और वार्षिक रख-रखाव और साफ-सफाई का खर्च संबंधित राजकीय संस्थान या विभाग की ओर से किया जाता है.

प्लांट की स्थापना के बाद संस्थान में उपभोग से शेष रही बिजली का विद्युत वितरण कंपनी की ओर से निर्धारित दर पर क्रय किया जाता है. ऐसे में संबंधित आईटीआई को साल में लगभग 70 से 100 दिन के शैक्षणिक अवकाश की अवधि में बिजली के खर्च में हुई बचत से अतिरिक्त पैसा मिल सकता है.

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राज्य बजट में वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2020-21 के दौरान विभिन्न जिलों में 14 आईटीआई खोलना प्रस्तावित किया गया है. साथ ही 4 अन्य आईटीआई परिसरों में कौशल विकास केन्द्र स्थापित किए जाने हैं. इन सभी आईटीआई संस्थानों में नए भवनों के निर्माण के साथ-साथ लघु सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए भवन निर्माण की कार्यकारी एजेंसियों को सोलर प्लांट स्थापना के लिए राशि सीधे हस्तांतरित की जाएगी.

इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 से पूर्व घोषित आईटीआई संस्थानों, जिनके भवन का निर्माण कार्य प्रगतिरत है या निर्माण कार्य के लिए भुगतान बकाया है, के लिए भी भवन निर्माण की कार्यकारी एजेंसियों को सोलर प्लांट के लिए राशि हस्तांतरित की जाएगी.

भोपालगढ़ के मुख्य सम्पर्क मार्ग की 45 किलोमीटर लंबी सड़क होगी स्टेट हाइवे

सीएम अशोक गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 में भोपालगढ़ के मुख्य सम्पर्क मार्ग कड़वासरों की ढाणी फांटा से वाया रजलानी हीरादेसर खेड़ापा तक 45 किलोमीटर लंबाई की सड़क को स्टेट हाइवे में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी. इस निर्णय से क्षेत्र की ग्रामीण आबादी को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से लाभ होगा, साथ ही मेड़ता, कुचेरा, गोपालगढ़ जैसी जगहों पर सीमेंट फैक्टि्रयों के कारण और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल खेड़ापा राम धाम आने वाले दर्शानार्थियों के आवागमन से उत्पन्न यातायात का दबाव भी कम होगा.

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बता दें, राज्य सड़क विकास नीति, 2013 के अनुसार, कम से कम तीन जिलों से गुजरने और कम से कम दो जिला मुख्यालयों अथवा चार तहसील मुख्यालयों या चार औद्योगिक क्षेत्रों को संयोजित करने वाले मार्गाें को स्टेट हाइवे घोषित किया जा सकता है. ऐसी सड़क की आधी लंबाई में यातायात का घनत्व कम से कम 3,000 पीसीयू होना आवश्यक है.

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