जयपुर. सोमवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के छठे ऑनलाइन दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र ने परम्परागत चिकित्सा ज्ञान के साथ आधुनिक विज्ञान का मेल करते हुए नवीनतम अनुसंधान किए जाने का आह्वान किया. साथ ही चिकित्सकों को राज्य के पिछड़े क्षेत्रों, गांवों, आदिवासी और जनजाति क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए भी प्रतिबद्ध होकर कार्य करने की भी बात कही.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि परम्परागत ज्ञान को पुस्तकों, शास्त्रों से बाहर लाने की जरूरत है और आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार उसे विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने प्रतिभावान चिकित्सकों को देश के भीतर ही उचित चिकित्सकीय और शोध परिवेश प्रदान किए जाने के लिए भी गंभीर होकर कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई. राज्यपाल ने आधुनिक जीवन शैली, खानपान और वातावरण जनित नवीन व्याधियों के निदान, उपचार और रोकथाम के लिए भी चिकित्सकों को प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया.
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उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में नवीन विषयों, सम्भावनाओं और चुनौतियों पर शोध की अनंत संभावनाएं हैं, इन पर विश्वविद्यालय अपना ध्यान केन्द्रित करे. मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में चिकित्साकर्मियों ने जिस तरह दिन-रात एक करके गंभीर से गंभीर मरीजों की उचित देखभाल की और यथासंभव इलाज मुहैया कराया, उसी प्रकार आगे भी वे अपनी निष्ठा, आचरण और संवेदनशीलता से सेवा भावना के उच्च मानदंड स्थापित करें. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के नये स्ट्रेन के फैलाव को देखते हुए कोरोना प्रोटोेकाॅल का पूरी तरह से पालन किया जाए और होली का त्योहार विशेष सावधानी और सतर्कता रखते हुए मनाया जाए.