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जयपुरः आज से शुरू हुआ श्रुत पंचमी पर्व, लॉकडाउन के कारण नहीं निकलेगी वर्षों पुरानी जिनवाणी रथ यात्रा

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Published : May 27, 2020, 11:31 AM IST

जैन धर्म के पर्व श्रुत पंचमी का बुधवार से शुभारंभ हो गया है. इस बार लॉकडाउन के कारण वर्षों से चली आ रही जिनवाणी रथ यात्रा निकालने की परंपरा नहीं निभाई जाएगी. साथ ही श्रुत पंचमी पर्व को जैन बंधु घरों में रहकर ही मनाएंगे.

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आज से शुरू हुआ श्रुत पंचमी पर्व

जयपुर. जैन धर्म का 3 दिवसीय पर्व श्रुत पंचमी का बुधवार से शुभारंभ हो चुका है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण वर्षों से चली आ रही जिनवाणी रथ यात्रा निकालने की परंपरा नहीं निभाई जाएगी. वहीं, श्रुत पंचमी पर्व को जैन बंधु घरों में रहकर ही मनाएंगे. साथ ही हर साल धूमधाम मनाया जाने वाला पर्व सादगी के साथ इस संकट की मुक्ति के लिए भी मनाया जा रहा है.

राजस्थान जैन साहित्य परिषद जयपुर के अध्यक्ष महेश चांदवड और महामंत्री शांतिलाल गंगवाल ने बताया कि, भगवान महावीर के उपदेशों के 613 वर्षों बाद आचार्य पुष्पदंत और भूतबली द्वारा लिपिबद्ध कर 'षटखंडागम शास्त्र' के पूरा होने की स्मृति में जैन धर्म के लोग हर साल शुक्ल पंचमी के दिन श्रुत पंचमी का पर्व मनाते हैं. इस मौके पर हर साल जैन साहित्य परिषद जयपुर द्वारा तीन दिवसीय आयोजन के तहत श्रुत स्कंध विधानमंडल पूजा, विचार गोष्ठी और विशाल जिनवाणी रथ यात्रा निकाली जाती थी. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते जैन बंधुओं ने घरों में ही श्रुत पंचमी पर्व का शुभारंभ किया है.

पढ़ेंः कोरोना संकट के दौरान भारत निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका पर वेबीनार, राज्यपाल ने किया संबोधित

जिसके तहत सुबह 8 बजे भगवान महावीर के चित्र के समाने जिनवाणी और पूजा की पुस्तिका रखकर श्रुत पंचमी पूजा की गई. उसके बाद जिनवाणी की और भगवान महावीर स्वामी की आरती की गई. साथ ही देश-प्रदेश को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाने के लिए भी आराधना की गई.

जयपुर. जैन धर्म का 3 दिवसीय पर्व श्रुत पंचमी का बुधवार से शुभारंभ हो चुका है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण वर्षों से चली आ रही जिनवाणी रथ यात्रा निकालने की परंपरा नहीं निभाई जाएगी. वहीं, श्रुत पंचमी पर्व को जैन बंधु घरों में रहकर ही मनाएंगे. साथ ही हर साल धूमधाम मनाया जाने वाला पर्व सादगी के साथ इस संकट की मुक्ति के लिए भी मनाया जा रहा है.

राजस्थान जैन साहित्य परिषद जयपुर के अध्यक्ष महेश चांदवड और महामंत्री शांतिलाल गंगवाल ने बताया कि, भगवान महावीर के उपदेशों के 613 वर्षों बाद आचार्य पुष्पदंत और भूतबली द्वारा लिपिबद्ध कर 'षटखंडागम शास्त्र' के पूरा होने की स्मृति में जैन धर्म के लोग हर साल शुक्ल पंचमी के दिन श्रुत पंचमी का पर्व मनाते हैं. इस मौके पर हर साल जैन साहित्य परिषद जयपुर द्वारा तीन दिवसीय आयोजन के तहत श्रुत स्कंध विधानमंडल पूजा, विचार गोष्ठी और विशाल जिनवाणी रथ यात्रा निकाली जाती थी. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते जैन बंधुओं ने घरों में ही श्रुत पंचमी पर्व का शुभारंभ किया है.

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जिसके तहत सुबह 8 बजे भगवान महावीर के चित्र के समाने जिनवाणी और पूजा की पुस्तिका रखकर श्रुत पंचमी पूजा की गई. उसके बाद जिनवाणी की और भगवान महावीर स्वामी की आरती की गई. साथ ही देश-प्रदेश को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाने के लिए भी आराधना की गई.

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