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जयपुर: मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में पुख्ता इंतजाम, फिर Social Distancing की नहीं हो रही पालन

जयपुर में जिला प्रशासन की ओर से शहर में 8 जगहों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं. यहां पलायन कर रहे मजदूरों और श्रमिकों के रुकने की व्यवस्था की गई है. साथ ही इन शेल्टर होम में खाने और पीने के पुख्ता इंतजाम श्रमिकों के लिए किए गए हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करवाई जा रही है.

Shelter home built for laborers in jaiur
जयपुर में मजदूरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम
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Published : Apr 3, 2020, 12:18 PM IST

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से जयपुर शहर में 8 जगहों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं. यहां पलायन कर रहे मजदूरों और श्रमिकों के रुकने की व्यवस्था की गई है. साथ ही इन शेल्टर होम में खाने और पीने के पुख्ता इंतजाम श्रमिकों के लिए किए गए हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करवाई जा रही है. इन 8 होम सेंटरों में 650 श्रमिक हैं.

जयपुर में आदर्श सीनियर सेकंडरी विद्यालय आदर्श नगर, कमला देवी बुधिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा, सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोती कटला सुभाष चौक, गीता भवन आदर्श नगर, आनंदम जन उपयोगी भवन शास्त्री नगर, सीनियर सेकंडरी विद्यालय गांधीनगर, बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल मालवीय नगर में यह कैंप संचालित किए जा रहे हैं.

Social Distancing की नहीं हो रही पालन

बताया जा रहा है कि सभी जगह श्रमिकों खाना भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यह खाना भामाशाह उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद श्रमिकों में सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आ रही. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. मजदूर पास-पास में सोते हुए नजर आए और पास-पास बैठकर बातें भी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें- सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ ने CS और DGP से की मुलाकात

जब पानीपेच स्थित शेल्टर होम कर जायजा लिया गया तो यहां श्रमिक पास-पास में बैठे हुए मिले. यहां करीब 80 मजदूरों को ठहराया गया है और इनमें से 36 श्रमिक यूपी के रहने वाले हैं. यहां मजदूरों को तीन से चार कमरों में ठहराया गया है. एक कमरे में मजदूर पास-पास में सोते हुए मिले, फर्श भी गंदा नजर आया. साथ ही मजदूरों के पास चादर भी नहीं थी.

गांधी नगर में गर्भवती महिला का हो रहा इलाज

शहर के गांधी स्थित शेल्टर होम में 59 मजदूर रह रहे हैं. यूपी और एमपी के श्रमिकों को रोज सुबह शाम भामाशाह खाना पहुंचा रहे हैं. यहां सोने के लिए साफ नई चादर और गद्दे भी उपलब्ध कराए गए हैं. शेल्टर होम में गर्भवती महिला भी शामिल है, जो भीलवाड़ा से अपने पति के साथ आई है. यूपी इटावा जाने वाली गर्भवती महिला लता सिंह की चिकित्सक भी देख रेख करने आ रहे हैं.

गीता भवन के गेट पर लगा है ताला

गीता भवन में बनाए गए शेल्टर होम में 23 श्रमिकों को ठहराया गया है. यहां गीता भवन की मेन गेट पर ताला लगाया हुआ है, क्योंकि यहां के मजदूर किसी भी हालत में अपने घर लौटना चाहते हैं. ऐसे में भागने के डर से यहां तैनात कर्मचारियों ने गेट पर ताला लगा रखा है. यहां एक कमरे में दीपक, रहमान और सुल्तान दोस्त बनकर रह रहे हैं.

यह भी पढ़ें- सर्वे के आधार पर चयनित को मिलेगी सूखी राशन सामग्री, तैयार खाना भी प्रशासन के निर्देश पर होगा वितरित

इन सभी शेल्टर होम की व्यवस्था संभाल रहे एसडीएम जयपुर युगान्तर शर्मा ने कहा कि यहां आने वाले सभी मजदूरों का पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है. भोजन की भी व्यवस्था भामाशाह द्वारा की जा रही है. सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग भी की गई है. अधिकारियों की ड्यूटी भी सेंटर में राउंड दी क्लॉक लगी हुई है. कोरोना से किस तरह से बचाव संभव है, उसकी भी पूरी जानकारी यहां रहने वाले लोगों को दी गई है. साथ ही समय-समय पर शेल्टर होम को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है.

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से जयपुर शहर में 8 जगहों पर शेल्टर होम बनाए गए हैं. यहां पलायन कर रहे मजदूरों और श्रमिकों के रुकने की व्यवस्था की गई है. साथ ही इन शेल्टर होम में खाने और पीने के पुख्ता इंतजाम श्रमिकों के लिए किए गए हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करवाई जा रही है. इन 8 होम सेंटरों में 650 श्रमिक हैं.

जयपुर में आदर्श सीनियर सेकंडरी विद्यालय आदर्श नगर, कमला देवी बुधिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरापुरा, सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोती कटला सुभाष चौक, गीता भवन आदर्श नगर, आनंदम जन उपयोगी भवन शास्त्री नगर, सीनियर सेकंडरी विद्यालय गांधीनगर, बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल मालवीय नगर में यह कैंप संचालित किए जा रहे हैं.

Social Distancing की नहीं हो रही पालन

बताया जा रहा है कि सभी जगह श्रमिकों खाना भी उपलब्ध कराया जा रहा है. यह खाना भामाशाह उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद श्रमिकों में सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आ रही. यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. मजदूर पास-पास में सोते हुए नजर आए और पास-पास बैठकर बातें भी कर रहे थे.

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जब पानीपेच स्थित शेल्टर होम कर जायजा लिया गया तो यहां श्रमिक पास-पास में बैठे हुए मिले. यहां करीब 80 मजदूरों को ठहराया गया है और इनमें से 36 श्रमिक यूपी के रहने वाले हैं. यहां मजदूरों को तीन से चार कमरों में ठहराया गया है. एक कमरे में मजदूर पास-पास में सोते हुए मिले, फर्श भी गंदा नजर आया. साथ ही मजदूरों के पास चादर भी नहीं थी.

गांधी नगर में गर्भवती महिला का हो रहा इलाज

शहर के गांधी स्थित शेल्टर होम में 59 मजदूर रह रहे हैं. यूपी और एमपी के श्रमिकों को रोज सुबह शाम भामाशाह खाना पहुंचा रहे हैं. यहां सोने के लिए साफ नई चादर और गद्दे भी उपलब्ध कराए गए हैं. शेल्टर होम में गर्भवती महिला भी शामिल है, जो भीलवाड़ा से अपने पति के साथ आई है. यूपी इटावा जाने वाली गर्भवती महिला लता सिंह की चिकित्सक भी देख रेख करने आ रहे हैं.

गीता भवन के गेट पर लगा है ताला

गीता भवन में बनाए गए शेल्टर होम में 23 श्रमिकों को ठहराया गया है. यहां गीता भवन की मेन गेट पर ताला लगाया हुआ है, क्योंकि यहां के मजदूर किसी भी हालत में अपने घर लौटना चाहते हैं. ऐसे में भागने के डर से यहां तैनात कर्मचारियों ने गेट पर ताला लगा रखा है. यहां एक कमरे में दीपक, रहमान और सुल्तान दोस्त बनकर रह रहे हैं.

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इन सभी शेल्टर होम की व्यवस्था संभाल रहे एसडीएम जयपुर युगान्तर शर्मा ने कहा कि यहां आने वाले सभी मजदूरों का पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है. भोजन की भी व्यवस्था भामाशाह द्वारा की जा रही है. सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग भी की गई है. अधिकारियों की ड्यूटी भी सेंटर में राउंड दी क्लॉक लगी हुई है. कोरोना से किस तरह से बचाव संभव है, उसकी भी पूरी जानकारी यहां रहने वाले लोगों को दी गई है. साथ ही समय-समय पर शेल्टर होम को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है.

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