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नेता प्रतिपक्ष के एक सवाल पर सकपका गए शांति धारीवाल, स्पीकर जोशी ने भी मांगी मंत्री से सफाई

सरकारी कर्मचारियों को पेंशन व अन्य लाभ देने में विलंब के करण लगने वाले ब्याज से जुड़े मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सवाल पर मंत्री शांति धारीवाल सकपका गए. पढ़ें विस्तृत खबर....

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सरकारी खजाने को 50 लाख का चूना
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Published : Mar 3, 2020, 3:35 PM IST

जयपुर. सरकारी कर्मचारियों को पेंशन व अन्य लाभ देने में विलंब के करण लगने वाले ब्याज से जुड़े मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सवाल पर मंत्री शांति धारीवाल सकपका गए. मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान यह पूरा नजारा देखने को मिला.

आलम यह रहा मंत्री के जवाब से खुद स्पीकर सीपी जोशी भी असंतुष्ट नजर आए. प्रश्नकाल में भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने सवाल लगाकर कोटा में पेंशन धारियों को मिलने वाले भुगतान और विलंब की दृष्टि में होने वाली कार्रवाई का जवाब चाहा.

सरकारी खजाने को 50 लाख का चूना

उत्तर देने खड़े हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के द्वारा पत्र आदि भरने में कोई कमी नहीं रही और फिर भी लेट हुआ तो भी विलंब के रूप में 9% ब्याज दिया जाता है.

धारीवाल ने बताया कि अकेले कोटा संभाग में 14 विभागों के 24 अधिकारी व कर्मचारियों को 50 लाख से अधिक का भुगतान ब्याज के रूप में किया गया. इस पर सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा कि जब आपने खुद ने माना कि 50 लाख से अधिक भुगतान ब्याज के रूप में करना पड़ा, इसका मतलब कहीं ना कहीं अधिकारी और कर्मचारियों की गलती रही.

कटारिया ने यह भी पूछा कि वह कितने अधिकारी और कर्मचारी हैं जिनकी गलती के कारण सरकार के कोष में यह नुकसान हुआ, और उनपर क्या कार्रवाई हुई. जबाब में धारीवाल ने बताया कि फरवरी 2020 तक 21,717 प्रकरण में से 745 प्रकरणों का निस्तारण हो गया.

मंत्री ने कहा कि यदि विलंब का दोष सिद्ध हो जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है. ऐसे में कटारिया ने फिर पूछा कि मैं पूछ रहा हूं जब आपने 50 लाख ब्याज के रूप में दिए तो कोई ना कोई अधिकारी कर्मचारी तो दोषी होगा, वह कौन है?

यह भी पढ़ेंः धारीवाल ने विधायकों की जमकर ली चुटकी, कहा- फाइनेंशियल इकोनॉमी की स्पेलिंग पता नहीं और ठोके जा रहे हैं...

ऐसे में वापस धारीवाल ने यही जवाब दोहरा दिया, इस बीच स्पीकर सीपी जोशी ने खड़े होकर दखल दिया और पूछा कि मंत्रीजी सीधा सा सवाल है, आप बता दें कि जब 50 लाख रुपए से अधिक पेनल्टी के दिए हैं, तो कोई ना कोई अधिकारी कर्मचारी तो इसके लिए दोषी होगा, जिसके चलते यह विलंब हुआ.

स्पीकर के पूछने के बावजूद मंत्री शांति धारीवाल यही कहते रहे कि अधिकारियों पर दोष सिद्ध होने पर राजस्थान सिविल सेवा सीसीए के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाती है. ऐसे में जब स्पीकर ने वापस उन्हें टोका तो धारीवाल ने कहा कि उनसे जो जवाब मांगा गया था, उसमें यह नहीं था अब यदि दोषी अधिकारी कर्मचारियों के नाम और संख्या चाहिए तो मैं कटारिया जी को उपलब्ध करा दूंगा.

मूल प्रश्नकर्ता संदीप शर्मा ने इस दौरान मांग की कि सरकार पेंशन धारियों की मेडिकल राशि में इजाफा करें, और कम से कम बुजुर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए पेंशन बढ़ोतरी के दौरान बार-बार आवेदन करने की व्यवस्था से भी उन्हें निजात दिलाएं.

जयपुर. सरकारी कर्मचारियों को पेंशन व अन्य लाभ देने में विलंब के करण लगने वाले ब्याज से जुड़े मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सवाल पर मंत्री शांति धारीवाल सकपका गए. मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान यह पूरा नजारा देखने को मिला.

आलम यह रहा मंत्री के जवाब से खुद स्पीकर सीपी जोशी भी असंतुष्ट नजर आए. प्रश्नकाल में भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने सवाल लगाकर कोटा में पेंशन धारियों को मिलने वाले भुगतान और विलंब की दृष्टि में होने वाली कार्रवाई का जवाब चाहा.

सरकारी खजाने को 50 लाख का चूना

उत्तर देने खड़े हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के द्वारा पत्र आदि भरने में कोई कमी नहीं रही और फिर भी लेट हुआ तो भी विलंब के रूप में 9% ब्याज दिया जाता है.

धारीवाल ने बताया कि अकेले कोटा संभाग में 14 विभागों के 24 अधिकारी व कर्मचारियों को 50 लाख से अधिक का भुगतान ब्याज के रूप में किया गया. इस पर सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा कि जब आपने खुद ने माना कि 50 लाख से अधिक भुगतान ब्याज के रूप में करना पड़ा, इसका मतलब कहीं ना कहीं अधिकारी और कर्मचारियों की गलती रही.

कटारिया ने यह भी पूछा कि वह कितने अधिकारी और कर्मचारी हैं जिनकी गलती के कारण सरकार के कोष में यह नुकसान हुआ, और उनपर क्या कार्रवाई हुई. जबाब में धारीवाल ने बताया कि फरवरी 2020 तक 21,717 प्रकरण में से 745 प्रकरणों का निस्तारण हो गया.

मंत्री ने कहा कि यदि विलंब का दोष सिद्ध हो जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाती है. ऐसे में कटारिया ने फिर पूछा कि मैं पूछ रहा हूं जब आपने 50 लाख ब्याज के रूप में दिए तो कोई ना कोई अधिकारी कर्मचारी तो दोषी होगा, वह कौन है?

यह भी पढ़ेंः धारीवाल ने विधायकों की जमकर ली चुटकी, कहा- फाइनेंशियल इकोनॉमी की स्पेलिंग पता नहीं और ठोके जा रहे हैं...

ऐसे में वापस धारीवाल ने यही जवाब दोहरा दिया, इस बीच स्पीकर सीपी जोशी ने खड़े होकर दखल दिया और पूछा कि मंत्रीजी सीधा सा सवाल है, आप बता दें कि जब 50 लाख रुपए से अधिक पेनल्टी के दिए हैं, तो कोई ना कोई अधिकारी कर्मचारी तो इसके लिए दोषी होगा, जिसके चलते यह विलंब हुआ.

स्पीकर के पूछने के बावजूद मंत्री शांति धारीवाल यही कहते रहे कि अधिकारियों पर दोष सिद्ध होने पर राजस्थान सिविल सेवा सीसीए के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाती है. ऐसे में जब स्पीकर ने वापस उन्हें टोका तो धारीवाल ने कहा कि उनसे जो जवाब मांगा गया था, उसमें यह नहीं था अब यदि दोषी अधिकारी कर्मचारियों के नाम और संख्या चाहिए तो मैं कटारिया जी को उपलब्ध करा दूंगा.

मूल प्रश्नकर्ता संदीप शर्मा ने इस दौरान मांग की कि सरकार पेंशन धारियों की मेडिकल राशि में इजाफा करें, और कम से कम बुजुर्गों के हितों का ध्यान रखते हुए पेंशन बढ़ोतरी के दौरान बार-बार आवेदन करने की व्यवस्था से भी उन्हें निजात दिलाएं.

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