जयपुर. राजस्थान में बिजली की रियल टाइम मांग उपलब्धता और आपूर्ति के रियलिस्टिक आंकलन के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रोफेशनल एजेंसी की सेवाएं ली जाएगी. इससे बिजली की निर्बाध आपूर्ति और बिजली खरीद व्यवस्था और अधिक व्यवहारिक और लाभकारी बनाया जा सकेगा. जिससे सस्ती दर पर बिजली खरीद हो सके.
ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने डिस्कॉम और विद्युत उत्पादन निगम से जुड़े अधिकारियों को इस संबंध में संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं. साथ ही साल 2022-23 के अंत तक प्रदेश के सभी किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो, इसे सुनिश्चित कर आगामी तैयारी करने को कहा है. अग्रवाल मंगलवार को विद्युत भवन में एनर्जी असेसमेंट कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे. अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में 15 जिलों के किसानों को दिन में दो ब्लॉक में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है.
किसानों को दिन में बिजली देने पर पीक आवर में 17757 मेगावाट हो जाएगी मांग
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि किसानों को दिन में बिजली वितरित करने और बिजली की मांग बढ़ने के एक आंकलन के अनुसार 2022-23 में पीक ऑवर में बिजली की मांग बढ़कर 17757 मेगावाट हो जाएगी. जबकि इस समय पीक ऑवर में औसत मांग 15800 मेगावाट के करीब है. बताया कि बिजली की भावी मांग के अनुसार प्रदेश में विद्युत उत्पादन की रणनीति भी तैयार की जा रही है.
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इसके लिए थर्मल, सोलर, विण्ड, बायोमॉस, हाइड्रो सहित सभी संभावित क्षेत्रों में वर्तमान उत्पादन क्षमता और उत्पादन क्षमता बढ़ाने की संभावनाओं का भी आकलन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में सोलर, बायोमास और हाईड्रो परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने सभी डिस्कॉम को जनअभाव अभियोगों का समय पर निस्तारण करने और सीएमआईएस के प्रकरणों की समयवद्ध निस्तारण के निर्देश दिए.
बैठक को जयपुर डिस्कॉम एमडी नवीन अरोड़ा और उत्पादन निगम के सीएमडी राकेश कुमार शर्मा ने भी संबोधित किया. वहीं वर्चुअली तरीके से एमडी डिस्काम अजमेर वीएस भाटी, जोधपुर अविनाश सिंघवी ने हिस्सा लिया. इस दौरान निदेशक ऑपरेशन ऊर्जा विकास निगम पीएस सक्सैना, निदेशक आरवीपीएनएल नरेन्द्र सुवालका, सीई ऊर्जा विकास निगम मुकेश बंसल और पीड्ब्लूसी के प्रतिनिधि मौजूद रहे.