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नौकरी का झांसा देकर वसूली करने वाले 2 अभियुक्तों को 7 साल की सजा - जयपुर

सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर अवैध वसूली करने वाले दो अभियुक्तों को सात साल की सजा सुनाई है.

rajasthan court news , राजस्थान हाईकोर्ट आदेश
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Published : Sep 10, 2019, 11:48 PM IST

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर अवैध वसूली करने वाले अभियुक्तों सुनील कुमार वाल्मिकी और सुखदेव सिंह शिल्पकार को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

वहीं अदालत ने अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले जांच अधिकारी विवेकानंद शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आदेश की कॉपी भेजी है. इसके अलावा अदालत ने ट्रेप कार्रवाई करने वाले राजेश कुमार के खिलाफ भी प्रतिकूल टिप्पणियां की है.

पढ़ें: डिप्टी सीएम सचिन पायलट पहुंचे शहीद के घर...कहा- मैं बहादुर को नमन करता हूं

मामले के अनुसार कुचामन सिटी निवासी मनफूल ने वर्ष 2016 में सीबीआई को रिपोर्ट दी थी कि डीआरएम ऑफिस नई दिल्ली में ट्रेक मैन पद पर कार्यरत अभियुक्त उसे रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए ले चुके हैं. अभियुक्तों की ओर से परिवादी को दिए नियुक्ति पत्र और मेडिकल प्रमाण पत्र भी फर्जी निकले. इसके अलावा अभियुक्त और राशि मांग रहे हैं. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. जांच में आया कि अभियुक्तों ने कई अन्य लोगों से भी नौकरी के नाम पर वसूली की थी.

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर अवैध वसूली करने वाले अभियुक्तों सुनील कुमार वाल्मिकी और सुखदेव सिंह शिल्पकार को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

वहीं अदालत ने अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले जांच अधिकारी विवेकानंद शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आदेश की कॉपी भेजी है. इसके अलावा अदालत ने ट्रेप कार्रवाई करने वाले राजेश कुमार के खिलाफ भी प्रतिकूल टिप्पणियां की है.

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मामले के अनुसार कुचामन सिटी निवासी मनफूल ने वर्ष 2016 में सीबीआई को रिपोर्ट दी थी कि डीआरएम ऑफिस नई दिल्ली में ट्रेक मैन पद पर कार्यरत अभियुक्त उसे रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए ले चुके हैं. अभियुक्तों की ओर से परिवादी को दिए नियुक्ति पत्र और मेडिकल प्रमाण पत्र भी फर्जी निकले. इसके अलावा अभियुक्त और राशि मांग रहे हैं. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. जांच में आया कि अभियुक्तों ने कई अन्य लोगों से भी नौकरी के नाम पर वसूली की थी.

Intro: जयपुर। सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने रेलवे में नौकरी का झांसा देकर अवैध वसूली करने वाले अभियुक्तों सुनील कुमार वाल्मिकी और सुखदेव सिंह शिल्पकार को सात साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं अदालत ने अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले जांच अधिकारी विवेकानंद शर्मा के खिलाफ कार्रवाई के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय को आदेश की कॉपी भेजी है। इसके अलावा अदालत ने टे्रप कार्रवाई करने वाले राजेश कुमार के खिलाफ भी प्रतिकूल टिप्पणियां की है।
Body:मामले के अनुसार कुचामन सिटी निवासी मनफूल ने वर्ष 2016 में सीबीआई को रिपोर्ट दी थी कि डीआरएम ऑफिस नई दिल्ली में ट्रेक मैन पद पर कार्यरत अभियुक्त उसे रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए ले चुके हैं। अभियुक्तों की ओर से परिवादी को दिए नियुक्ति पत्र और मेडिकल प्रमाण पत्र भी फर्जी निकले। इसके अलावा अभियुक्त और राशि मांग रहे हैं। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। जांच में आया कि अभियुक्तों ने कई अन्य लोगों से भी नौकरी के नाम पर वसूली की थी। Conclusion:
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