जयपुर. राजस्थान में 2 जून से सभी पर्यटक स्थलों को सैलानियों के लिए खोल दिया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए शुरुआती दिनों में बहुत कम संख्या में पर्यटक पर्यटन स्थलों पर पहुंचे थे. लेकिन अब धीरे-धीरे समय स्थिति को देखते हुए पर्यटक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना काल के प्रभाव से बाहर निकलने के लिए राजस्थान के पड़ोसी राज्यों से पर्यटक घूमने के लिए राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं.
प्रदेश का आईकॉनिक पर्यटक स्थल आमेर महल में हाथी सवारी वापस शुरू होने से पर्यटकों में भी खुशी है. हाथी सवारी शुरू होने की सूचना पर प्रदेश के पड़ोसी राज्य दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब से पर्यटक हाथी सवारी के लिए अब पहुंचने लगे हैं. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की चहलकदमी बढ़ने से पर्यटन उद्योग में भी उछाल आने लगा है. पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग लोगों के चेहरों पर अब खुशी छलकने लगी है. आने वाले समय में हजारों की तादाद में पर्यटक पहुंचने की उम्मीद है.
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पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल ने पर्यटन पर काफी प्रभाव डाला है. अब देश में किसान आंदोलन और शादियों के सीजन के चलते पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की संख्या कम होने लगी है. वहीं पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्मारकों पर लाइटिंग की जा रही है. रात्रि काल पर्यटन स्थलों पर रंग बिरंगी रोशनी से लाइटिंग कर पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पर्यटक पर्यटन स्थलों की ओर पहुंचें, जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को पुनः रोजगार मिले.
पर्यटन उद्योग से जुड़े राधा मोहन गुप्ता का कहना है कि करीब 46 प्रतिशत लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं. इन लोगों को पर्यटकों के माध्यम से ही रोजगार मिलता है और इनके परिवार का पालन पोषण भी चलता है. कोरोना काल में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बनने लगी तो देश में किसान आंदोलन ने पर्यटकों को आने से रोक दिया है. वहीं शादियों के सीजन के चलते भी पर्यटक पर्यटन स्थलों पर कम नजर आने लगे हैं. ऐसे में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार किसान आंदोलन की समस्या को दुरुस्त करे, ताकि पर्यटन व्यवसाय सामान्य स्थिति में आ सके.
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कोरोना की वजह से होटल, हस्तशिल्प समेत पर्यटन से जुड़े व्यवसायों की भी हालात ठीक नहीं हैं. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो लॉकडाउन के बाद जून महीने में पर्यटक स्थलों को खोल दिया गया था. शुरुआत में तो पर्यटन काफी कमजोर रहा. कोरोना के डर की वजह से पर्यटक भी आने से डरने लगे, लेकिन धीरे-धीरे पर्यटन पटरी पर लौटने लगा था. इसके बाद किसान आंदोलन और शादियों के सीजन के चलते पर्यटन व्यवसाय फिर से ठप हो गया. पर्यटन सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में अब पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को कई उम्मीदें हैं.
जयपुर के पर्यटक स्थलों पर जून से 24 नवंबर तक पहुंचे सैलानियों की संख्या
पर्यटन स्थल | पर्यटकों की संख्या |
आमेर महल | 106725 |
जंतर मंतर | 40420 |
हवामहल | 50674 |
अल्बर्ट हॉल | 24796 |
नाहरगढ़ फोर्ट | 102748 |
सिसोदिया रानी बाग | 3998 |
विद्याधर बाग | 758 |
ईश्वरलाट | 1518 |
कुल | 331626 |
आमेर महल में पहुंचे पर्यटक
माह | पर्यटकों की संख्या | पर्यटन से आय |
जून | 585 | 26510 |
जुलाई | 3469 | 145080 |
अगस्त | 15230 | 655750 |
सितंबर | 18542 | 424675 |
अक्टूबर | 30130 | 1272985 |
नवंबर | 37515 | 1272985 |
कुल | 105471 | 3225440 |
देशभर में कोरोना महामारी के चलते पर्यटन ढांचा भी चरमरा गया. 18 मार्च को सभी पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया था. इसके साथ ही होटल रिसोर्ट रेस्टोरेंट समेत सभी पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया था, जिससे पर्यटन उद्योग को अरबों का नुकसान हुआ. लॉकडाउन के बाद 2 जून से पर्यटक स्थलों को खोला गया. 8 जून से होटल इंडस्ट्री को भी शुरू कर दिया गया. 30 जून तक पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पाई, लेकिन धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने से अक्टूबर महीने में राजधानी जयपुर के पर्यटक स्थलों पर 96954 सैलानियों ने भ्रमण किया. अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट बंद होने की वजह से विदेशी सैलानी नहीं पहुंच पा रहे हैं. विदेशी पर्यटक वापस से जयपुर आए, जिससे एक बार फिर पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटेगा.
अनलॉक के अंतर्गत दोबारा से राजस्थान में पर्यटन गुलजार तो हुआ, लेकिन वापस कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पर्यटन व्यवसाय की स्थिति खराब हो गई. लॉकडाउन के बाद शुरुआती 2 महीने तो पर्यटक आने से डरते रहे थे, लेकिन कोरोना का डर आमजन के मन से जैसे जैसे कम हुआ, वैसे वैसे लोग अपने घरों से बाहर निकलने लगे. सर्दियों के समय पर्यटन सीजन रहता है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि राजस्थान का पर्यटन दोबारा से अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा. कोरोना काल से पहले पर्यटन का ढांचा मजबूत हुआ करता था.
जयपुर में 2019 और 2020 में पर्यटकों की संख्या
माह | वर्ष 2019 | वर्ष 2020 |
जून | 359131 | 8806 |
जुलाई | 55955 | 19423 |
अगस्त | 450412 | 55801 |
सितंबर | 387497 | 84633 |
अक्टूबर | 477917 | 114988 |
आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के बाद पर्यटन में वृद्धि होने लगी, लेकिन शादियों के सीजन और किसान आंदोलन के चलते पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. इस समय पर्यटन सीजन चल रहा है, लेकिन पिछले सालों के मुकाबले इस बार पर्यटक बहुत कम आ रहे हैं. शादियों का सीजन और किसान आंदोलन खत्म होने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. किसान आंदोलन और कोरोना का पर्यटन व्यवसाय पर बहुत असर पड़ा है. जब तक इंटरनेशनल फ्लाइट चालू नहीं होती, तब तक विदेशी सैलानियों का आना मुश्किल है.
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हवा महल अधीक्षक सरोजिनी चंचलानी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जून महीने में पर्यटन स्थल खोल दिए गए. धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई. शुरू शुरू में जब यह लॉकडाउन था तो लोगों में भय था, लेकिन अब धीरे-धीरे सब निकल रहा है. पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं. कोविड-19 गाइडलाइन का पालन पूरी तरह से किया जा रहा है. बिना मास्क पर्यटकों को एंट्री नहीं दी जाती. प्रवेश द्वार पर सैनिटाइज करने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाता है. कई बार बिना मास्क बाहर भी कोई नजर आ जाता है, तो उसको मास्क भी दिया जाता है. टूरिस्ट पैलेस पर होमगार्ड के जवान भी तैनात रहते हैं और पूरा स्टाफ पर्यटक को की निगरानी रखता है, ताकि किसी भी तरह से गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं हो.
टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि शुरुआती दौर में पर्यटकों के अंदर डर का माहौल था. जिसकी वजह से एक गिने-चुने पर्यटक ही घूमने आते थे. धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर की वजह से पर्यटकों की संख्या कम हो गई. पर्यटक भी जागरूक है, स्वयं अपनी सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. सभी पर्यटक मास्क लगाकर ही पर्यटन स्थलों पर पहुंचते हैं. जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे पर्यटन व्यवसाय में भी उछाल आता है. लॉकडाउन के दौरान पर्यटक स्थल बंद होने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ा. सबकी आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी, लेकिन अब पर्यटन शुरू होने के बाद वापस से उम्मीदें जगने लगी हैं.