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गहलोत ने पीएम मोदी को तो पूनिया ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र, कहा-पेट्रोल डीजल पर वैट घटाने के लिए सीएम को करें निर्देशित

केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम होने के बाद राजस्थान में भी वैट की दरें घटाने को लेकर सियासत जारी है. सियासी वार-पलवार के बीच सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने जहां पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है. वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर वैट घटाने के लिए निर्देशित करने की मांग की है.

Satish Poonia, Sonia Gandhi
राजस्थान बीजेपी
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Published : Nov 9, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 8:20 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की. जिसके बाद भाजपा ने राजस्थान सरकार पर पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर घटाने को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया. आलम यह है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तो पलटवार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखा है. जिसमें पूनिया ने सीएम गहलोत को राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर से वैट की दर कम करने के लिए निर्देशित करें.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंगलवार रात कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह पत्र लिखा. पूनिया ने इसमें केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटने से पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कमी आने की बात लिखी. साथ ही यह भी लिखा है कि देश के करीब 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी अपने यहां पेट्रोल डीजल पर से वैट की दर में कटौती की है. जिससे जनता को महंगाई से राहत मिली है. हालांकि पूनिया ने राजस्थान का जिक्र करते हुए लिखा आसपास के राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें (VAT on petrol in Rajasthan) कम हैं. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के शासनकाल में पिछले 3 वर्ष में चार बार वैट की दरों में बढ़ोतरी की गई.

यह भी पढ़ें. जब सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल के भाव कम कर दिए तो हमें भी करना पड़ेगा : गहलोत

कोरोना काल में तीन बार वैट की दर बढ़ाई गई. वर्तमान में राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट प्रति लीटर लग रहा है. पूनिया ने कहा राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में तो पेट्रोल डीजल 15 से 22 रुपये प्रति लीटर तक कम हैं. ऐसे में तेल माफिया अन्य प्रदेशों से पेट्रोल-डीजल लाकर प्रदेश में बेच रहे हैं. इससे कई जिलों में तो पेट्रोल पंप बंद होने के कगार तक पहुंच चुके हैं.

पंजाब सरकार के विज्ञापन का दिया उदाहरण

पूनिया ने अपने पत्र में पंजाब सरकार के विज्ञापन का भी जिक्र किया है. जिसमें उत्तर भारत में पंजाब में पेट्रोल डीजल सबसे सस्ता होना बताया गया है. वहीं पेट्रोल डीजल राजस्थान से भी अधिक कम दरों पर उपलब्ध होने की बात कही गई है. लेकिन राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री राजस्व में कमी होने पर विकास कार्य प्रभावित होने का तर्क दे रहे हैं. जबकि पेट्रोल-डीजल की दर प्रतिस्पर्धी होने से सरकार को घाटा नहीं होगा. सस्ता होने से अर्थव्यवस्था सुधरेगी और उद्योग रोजगार भी बढ़ेंगे.

पूनिया ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार को सर्वाधिक वैट वसूलने वाला राज्य विज्ञापन के माध्यम से बताया है. पूनिया ने कहा इस वित्तीय वर्ष के 6 माह में ही राजस्थान सरकार ने पेट्रोल डीजल से 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है. जबकि साल 2018 में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर से 4 प्रतिशत की कटौती कर आमजन को राहत दी थी.

जयपुर. केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की. जिसके बाद भाजपा ने राजस्थान सरकार पर पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर घटाने को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया. आलम यह है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तो पलटवार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखा है. जिसमें पूनिया ने सीएम गहलोत को राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर से वैट की दर कम करने के लिए निर्देशित करें.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंगलवार रात कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह पत्र लिखा. पूनिया ने इसमें केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटने से पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कमी आने की बात लिखी. साथ ही यह भी लिखा है कि देश के करीब 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने भी अपने यहां पेट्रोल डीजल पर से वैट की दर में कटौती की है. जिससे जनता को महंगाई से राहत मिली है. हालांकि पूनिया ने राजस्थान का जिक्र करते हुए लिखा आसपास के राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें (VAT on petrol in Rajasthan) कम हैं. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के शासनकाल में पिछले 3 वर्ष में चार बार वैट की दरों में बढ़ोतरी की गई.

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कोरोना काल में तीन बार वैट की दर बढ़ाई गई. वर्तमान में राजस्थान में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट प्रति लीटर लग रहा है. पूनिया ने कहा राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में तो पेट्रोल डीजल 15 से 22 रुपये प्रति लीटर तक कम हैं. ऐसे में तेल माफिया अन्य प्रदेशों से पेट्रोल-डीजल लाकर प्रदेश में बेच रहे हैं. इससे कई जिलों में तो पेट्रोल पंप बंद होने के कगार तक पहुंच चुके हैं.

पंजाब सरकार के विज्ञापन का दिया उदाहरण

पूनिया ने अपने पत्र में पंजाब सरकार के विज्ञापन का भी जिक्र किया है. जिसमें उत्तर भारत में पंजाब में पेट्रोल डीजल सबसे सस्ता होना बताया गया है. वहीं पेट्रोल डीजल राजस्थान से भी अधिक कम दरों पर उपलब्ध होने की बात कही गई है. लेकिन राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री राजस्व में कमी होने पर विकास कार्य प्रभावित होने का तर्क दे रहे हैं. जबकि पेट्रोल-डीजल की दर प्रतिस्पर्धी होने से सरकार को घाटा नहीं होगा. सस्ता होने से अर्थव्यवस्था सुधरेगी और उद्योग रोजगार भी बढ़ेंगे.

पूनिया ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार को सर्वाधिक वैट वसूलने वाला राज्य विज्ञापन के माध्यम से बताया है. पूनिया ने कहा इस वित्तीय वर्ष के 6 माह में ही राजस्थान सरकार ने पेट्रोल डीजल से 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है. जबकि साल 2018 में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर से 4 प्रतिशत की कटौती कर आमजन को राहत दी थी.

Last Updated : Nov 9, 2021, 8:20 PM IST
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