जयपुर. दूदू में ग्रामीण ओलंपिक खेल से जुड़े समारोह के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नारों के अलावा (Sachin Pilot Ashok Chandna Controversy) अन्य नारे लगाने संबंधी सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर के बयान पर सियासत तेज हो गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस में चापलूसी और चमचागिरी की परिपाटी तो थी ही, लेकिन आज उसकी परकाष्ठा हो गई है. वहीं, खेल मंत्री अशोक चांदना के सचिन पायलट को लेकर दिए गए बयान पर भी पूनिया ने चुटकी ली.
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूनिया ने कहा कि मैंने दूदू में हुए इस समारोह का वीडियो सोशल मीडिया पर देखा है, जिसमें निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ही राजीव गांधी अमर रहें और अशोक गहलोत जिंदाबाद के ही नारे लगाने की बात कह रहे हैं. हद तो तब हो गई जब अलग नारे लगाने पर पुलिस की धमकियां भी दी जा रही हैं. पूनिया ने कहा कि इससे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर नारों को लेकर भी दहशत है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में यह घटनाक्रम होता है, यह सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है. क्योंकि लोकतंत्र में तो ऐसा होता नहीं है, लेकिन कांग्रेस में चल रही चापलूसी और चमचागिरी की परिपाटी में यह संभव है.
पायलट पर अशोक चांदना के बयान पर यूं ली चुटकी : वहीं, खेल मंत्री अशोक चांदना द्वारा ट्विटर पर सचिन पायलट का नाम लेकर दिए गए बयान पर भी सतीश पूनिया ने चुटकी ली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में अपनी बात कहने का हक सबको है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के नेता राजनीति को विकृत कर रहे हैं वो ठीक नहीं है. क्योंकि उसका असर प्रदेश की शासन और उसकी व्यवस्था पर पड़ रहा है, जिससे सबकुछ छिन्न-भिन्न हो रहा है. सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस के भीतर चल रही जंग से कांग्रेसी कार्यकर्ता हतोत्साहित है, लेकिन बीजेपी मिशन 2023 में जुटी है.
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मैंने स्वेच्छा से स्थगित की थी यात्रा : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि 6 सितंबर को निकाले जाने वाली रामदेवरा से जुड़ी यह पैदल यात्रा मैंने स्वेच्छा से स्थगित की थी. क्योंकि 10 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम था, जिसे हम यशस्वी बनाना चाहते थे. इसमें कोई भी व्यवधान मुझे मंजूर नहीं था.
गौरतलब है कि 6 सितंबर को 11 किलोमीटर की आशीर्वाद यात्रा निकाली जानी थी, जिसमें सतीश पूनिया के साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी को भी शामिल होना था. लेकिन अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया और 10 सितंबर को जोधपुर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अकेले ही यह पैदल यात्रा निकालनी, जो सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी थी.
दिलावर ने कही ये बात : दूदू में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल से जुड़े समारोह में निर्दलीय विधायक और सीएम सलाहकार बाबूलाल नागर के केवल राजीव गांधी और अशोक गहलोत से जुड़े नारे लगाने के बयान पर मदन दिलावर ने भी निशाना साधा है. दिलावर ने कहा है कि कांग्रेस की सभा में लोग मोदी-मोदी के नारे ना लगा दें, इसी डर से नागर ने यह कृत्य किया है. मंगलवार को मदन दिलावर ने एक बयान जारी कर दूदू में हुई इस घटना को निंदनीय बताया. दिलावर ने कहा कि बाबूलाल नागर ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाने को कहा और इसके अलावा अन्य नारे लगाने पर पुलिस द्वारा उठाकर ले जाने की बात कही. दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में यह काम हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री ने नागर को रोका तक नहीं और ना ही फटकारा.