जयपुर. गहलोत सरकार की ओर से 'आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा' योजना के नए चरण की शुरुआत के साथ ही सियासत भी तेज हो गई है. भाजपा के नेता लगातार सरकार की इस नई योजना पर हमलावर हैं. बीजेपी प्रवक्ता के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में गहलोत सरकार आने के बाद में उन्होंने भामाशाह कार्ड को बंद करके जनाधार का नाम दिया. काम वहीं था. इसी तरीके से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद किया. केवल टाइटल बदलने के चक्कर में पिछले डेढ़ साल में राजस्थान की जनता इस पूरे निशुल्क इलाज की व्यवस्था से वंचित रही.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कोरोना के कालखण्ड में देखा गया कि तमाम नाॅन कोरोना पेशेंट को प्राइवेट हाॅस्पिटल्स में गम्भीर बीमारियों में मौत के आगोश में जाना पड़ा. ये गहलोत सरकार की नाकामी थी. उन्होंने कहा कि आज जो राज्य सरकार ने स्वास्थ्य योजना लॉन्च की है. उसमें मोदी सरकार का एक बड़ा योगदान और बड़ी पहल है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा है कि भारत के लोगों को भी विदेशों की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा का अच्छा लाभ मिले.
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उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने इतने लम्बे समय तक इस योजना को लागू नहीं किया, इसे लेकर उन्हें जनता को जवाब देना पड़ेगा. मुख्यमंत्री गहलोत से आग्रह करता हूं कि स्वास्थ्य योजना को प्रभावी तरीके से लागू करें, जिससे प्रदेश के लोगों को इसका लाभ मिले.
पूनिया ने कहा कि प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत आर्थिक व्यवस्था का हवाला देकर कई बार केन्द्र के माथे मढ़ देते हैं. ये तो बिल्कुल काॅम्पैक्ट योजना है, जिसका देश के अनेक प्रदेश इसका लाभ ले रहे हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण था कि हमारे जोधपुर के एम्स में पंजाब एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति आयुष्मान का लाभ लेते थे और राजस्थान के लोग लाभ नहीं ले पाते थे. इसकी ठीक से क्रियान्विति हो और नीचे के व्यक्ति तक इसका लाभ मिले. जरूरी यह है कि इसको राज्य सरकार अच्छी तरीके से लागू करे.