जयपुर. राज्यसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से ओंकार सिंह लखावत को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है. जिसको भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजनीति में संभावनाओं का खेल करार दिया है. पूनिया और भाजपा प्रदेश की राजनीति में कुछ ऐसी ही संभावनाएं तलाश कर रहे हैं, जिसके चलते भाजपा ने विधायकों की संख्या बल कम होने के बावजूद दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का रिस्क ले लिया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सतीश पूनिया ने साफ तौर पर कहा की राजनीति में हर बात की संभावनाएं बनी रहती हैं और उसी के आधार पर पार्टी ने ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया है. हालांकि इसके पीछे पार्टी की क्या रणनीति है, इसका खुलासा फिलहाल पूनिया ने नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि वे लखावत को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं. क्योंकि प्रदेश में आज भी कई अन्य दलों की विधायक प्रदेश सरकार के कामकाज से नाखुश हैं.
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इस दौरान जब पूनिया से पूछा गया कि क्या भाजपा भी मध्यप्रदेश में हुए सियासी बदलाव को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में कम विधायकों की संख्या होने के बावजूद राज्यसभा में एक और प्रत्याशी उतारने का रिस्क ले रही है तो पूनिया ने कहा कि राजनीति में सभी प्रकार की संभावना रहती हैं. यदि विधायकों में अंतर आत्मा है तो वो उसकी आवाज पर वह वोट भी देंगे.
राज्यसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के बाद अब नाम वापसी 18 मार्च को होगी. ऐसे में यदि भाजपा प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत 18 मार्च को अपना नाम वापस ले लेते हैं तो चुनाव की नौबत नहीं आएगी, लेकिन यदि वह मैदान में डटे रहे तो फिर मतदान भी होगा और विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावनाएं भी प्रबल रहेंगी.